दुनियाभर में हिंदुओं के प्रति घृणा की मानसिकता बढ़ती जा रही है। आए दिन हिंदुओं के त्यौहारों तथा परंपराओं का विरोध व हिंसा की खबरें सामने आती रहती हैं। हालांकि इसके बाद भी हिंदूफोबिया के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर न तो नेता कभी कुछ बोलते हैं और न ही मीडिया ऐसी खबरों को जगह देता है। वास्तव में देखें तो हिंदू दुनियाभर के लगभग सभी देशों में हैं। लेकिन हिंदू वोटर्स एकजुट होकर चुनाव को प्रभावित नहीं कर पाते हैं, यही कारण है कि हिंदुओं से जुड़े मुद्दों की चर्चा वैश्विक स्तर पर नहीं होती।
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत की सत्ता संभालने के बाद से वैश्विक मंच पर प्रवासी हिंदुओं की आवाज और भी अधिक मजबूत हुई है और हिंदू सम्मानजनक स्थिति में पहुंच गए हैं। लेकिन अब भी एकता की कमी नजर आती है। यही कारण है कि वैश्विक स्तर पर हिंदूफोबिक मानसिकता के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों की कमी है।
बहरहाल, हिंदुओं के पवित्र त्यौहार दीपावली के दिन यानी 31 अक्टूबर को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश और अमेरिका समेत दुनिया भर में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर आवाज बुलंद की है। विवेक रामास्वामी के अलावा बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ बोलने वाले वह दूसरे अमेरिकी नेता हैं। हिंदूफोबिया के खिलाफ लड़ाई में हिंदू समुदाय के लिए डोनाल्ड ट्रंप का बयान कई मायनों में महत्वपूर्ण है।
मसलन यह कि ट्रंप का यह बयान अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले आया है। साथ ही, उन्होंने वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति तथा राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस को हिंदुओं की रक्षा करने में नाकामयाब बताया है। यही नहीं, ट्रंप ने सत्ता में वापसी के बाद वामपंथियों से हिंदुओं को बचाने की बात कही है।
टीएफआई मीडिया हिंदूफोबिया से जुड़ी खबरों और हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर बारीकी से नजर रख रहा है। डोनाल्ड ट्रंप के बयान के बाद हमने बीते कुछ समय में बांग्लादेश और अमेरिका में हिंदुओं के खिलाफ हुई कुछ हिंसक घटनाओं की लिस्ट बनाई है।
1.) शेरावाली मंदिर में तोड़फोड़:
जनवरी 2024 में, अमेरिका के कैलिफोर्निया के हेवर्ड शहर में स्थित विजय शेरावाली मंदिर को निशाना बनाकर तोड़फोड़ की गई थी। इसके अलावा, मंदिर की दीवारों पर ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ और ‘मोदी आतंकवादी है’ जैसे नारे लिख दिए गए थे।
2.) BAPS स्वामीनारायण मंदिर पर हमला:
25 सितंबर 2024 की रात अमेरिका के कैलिफोर्निया में सैक्रामेंटो शहर के BAPS स्वामीनारायण मंदिर को खालिस्तानियों द्वारा निशाना बनाया गया था। इस दौरान मंदिर में तोड़फोड़ कर दीवारों पर ‘हिंदू वापस जाओ’, ‘मोदी और जयशंकर आतंकवादी हैं’ जैसे घृणित नारे लिख दिए गए थे। इस घटना से 10 दिन पहले 15 सितंबर को न्यूयॉर्क मे स्थित BAPS के एक अन्य हिंदू मंदिर को भी निशाना बनाया गया था।
3.) कट्टरपंथी ईसाइयों का हनुमान मंदिर पर हमला:
25 अगस्त, 2024 को टेक्सास के शुगर लैंड में कट्टरपंथी ईसाइयों ने हनुमान जी की 90 फीट ऊंची मूर्ति का विरोध करके विवाद खड़ा कर दिया था। करीब 25 से अधिक ईसाइयों ने मंदिर में घुसकर भद्दे नारे लगाए थे। यही नहीं, चर्च से जुड़े इन ईसाइयों ने मंदिर में आए श्रद्धालुओं से बहस कर मूर्ति को लेकर अपमानजनक शब्द कहे थे और फिर ‘सभी झूठे देवताओं को जलाकर राख कर दिया जाए’ जैसे नारे भी लगाए थे। विवाद इस हद तक बढ़ गया था कि मंदिर प्रबंधन को मंदिर और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मियों की नियुक्ति करना पड़ा था।
4.) माँ दुर्गा की मूर्तियों के साथ तोड़फोड़:
अमेरिका के अलावा बांग्लादेश की बात करें तो यहां लगातार हिंदू विरोधी घटनाएं होती रहती हैं। उदाहरण के लिए दुर्गा पूजा के नजदीक आते ही
किशोरगंज के बत्रीश गोपीनाथ जीउर अखाड़े में मां दुर्गा की मूर्ति तोड़ दी गई थी। इसके अलावा, कोमिला जिले में भी मंदिर में रखी माँ दुर्गा की मूर्ति को तोड़कर कट्टरपंथी दान पात्र लूट ले गए थे।
5.) माँ दुर्गा की मूर्ति पर फेंका पेट्रोल बम:
11 अक्टूबर 2024 को दुर्गा पूजा के दौरान बांग्लादेश के ढाका शहर के तांती बाजार इलाके में माँ दुर्गा के पंडाल पर पेट्रोल बम फेंका गया था। इस दौरान वहां मौजूद हिंदू श्रद्धालुओं ने बात करने की कोशिश की तो कट्टरपंथी चाकू से हमला कर वहां से भाग गए। इस पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था।
6.) प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिया गया माँ काली का मुकुट हुआ चोरी:
बांग्लादेश के सतखीरा में जेशोरेश्वरी मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भेंट किया गया माँ काली का मुकुट 10 अक्टूबर, 2024 को चोरी हो गया। बांग्लादेशी अख़बार द डेली स्टार के अनुसार चांदी और सोने की परत चढ़ा यह मुकुट दोपहर करीब 2 बजे उस वक्त चोरी हुआ जब मंदिर के पुजारी पूजा करने के बाद वहां से चले गए थे। बाद में सफाईकर्मी ने देखा तो माँ काली का मुकुट गायब था। बता दें कि यह मुकुट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च, 2021 में बांग्लादेश की अपनी यात्रा के दौरान भेंट किया था।
7.) हजारों हिंदुओं को मारा-पीटा और शिक्षकों को नौकरी से निकाला:
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा लगातार जारी है। ऐसा माना जा रहा था कि नई सरकार आने के बाद हिंसक हमले रुक सकते हैं। लेकिन अंतरिम सरकार चला रहे मुहम्मद यूनुस हिंदूफोबिक घटनाओं पर रोक लगाने में विफल रहे हैं। हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के अलावा यह भी सामने आया है कि हाल ही में बांग्लादेश में सैकड़ों हिंदू शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया गया है। इनमें से 100 से अधिक हिंदू शिक्षकों को इस्लामिक कट्टरपंथियों की भीड़ द्वारा इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया।
8.) अंतरिम सरकार का तालिबानी फरमान:
बांग्लादेश में हिंदू आज घुट-घुट कर जीने को मजबूर हैं। हिंसा के अलावा उनके घरों, दुकानों व अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर लूट लिया गया। इसके बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कट्टरपंथियों की हौसला अफजाई करते हुए तालिबानी फरमान जारी किया था। इस फरमान में हिंदुओं से नमाज और अज़ान से 5 मिनट पहले और उसके दौरान पूजा और साउंड सिस्टम बंद करने को कहा गया था। यही नहीं, दुर्गा पूजा से पहले अंतरिम सरकार ने एक आदेश पारित किया था जिसमें हिंदुओं की सुरक्षा का दावा करते हुए सरकार ने कहा था कि दुर्गा पूजा पंडालों की सुरक्षा के लिए ‘गैर-हिंदुओं’ को स्वयंसेवकों के रूप में भर्ती किया जाएगा।
9. दुर्गा पूजा को लेकर धमकी और हिंसा:
बांग्लादेश में दुर्गा पूजा से पहले, इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हिंदुओं के धार्मिक स्थलों पर बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की थी। इस दौरान हिंदुओं द्वारा बनाई जा रही माँ दुर्गा की मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था। इसके अलावा, दुर्गा पूजा समितियों को धमकी भरे मैसेज भी मिले थे। इन मैसेज में कहा गया था कि यदि दुर्गा पूजा करना चाहते हो तो पैसा देना होगा। धमकी में साफ तौर पर कहा गया था कि अगर दुर्गा पूजा समितियों ने 5 लाख टका (करीब 3.50 लाख रुपए) नहीं दिया तो वे हिंदुओं के टुकड़े-टुकड़े कर देंगे।
10. बांग्लादेशी हिंदू नरसंहार:
इन तमाम बातों के बीच प्रमुख बात यह है कि बांग्लादेश में हिंदू हमेशा से ही कट्टरपंथियों के निशाने में रहा है। शेख हसीना का कार्यकाल हो या उससे पहले इस्लामिक कट्टरपंथियों को जब भी मौका मिला है वे हिंदुओं का नरसंहार करते रहे हैं। वास्तव में बांग्लादेश में न तो हिंदू सुरक्षित हैं और न ही उनके मंदिर। ईश निंदा के झूठे आरोप लगाकर हर साल कई हिंदुओं को निशाना बनाया जाता है। इस दौरान हिंदू मंदिर भी निशाने में आ जाते हैं। शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद से हिंदुओं के साथ वहां जो हो रहा है वह किसी से छिपा नहीं है। लेकिन इसके बाद भी मोहम्मद यूसुफ सरकार हाथ में हाथ धरे बैठी हुई है। इसे यदि यह कहा जाए कि सरकार के संरक्षण में हिंदुओं को नरसंहार को रहा है तो गलत नहीं होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हिंदुओं से मंदिरों और दुर्गा पूजा पंडालों के बाहर ‘भारत बांग्लादेश का दुश्मन है’ लिखकर पोस्टर लगाने के लिए भी कहा था। इसके अलावा सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में सैकड़ों कट्टरपंथियों को ‘पूजो होते देबो ना’ (दुर्गा पूजा की अनुमति नहीं देंगे) जैसे नारे लगाते देखा गया था।