हैदराबाद के सांसद और AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी देर रात महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के दौरान एक मंच से कहते हैं कि ‘अभी प्रचार के समय में 15 मिनट बाकी हैं’ इसके बाद नाटकीय अंदाज में मुंह पर हाथ रख लेते हैं। इसके बाद वहां मौजूद भीड़ जबरदस्त तरीके से ताली बजाने लगती है। यह सुनने में सामान्य बात लग सकती है लेकिन जिस अंदाज से ओवैसी ’15 मिनट’ कह रहे हैं और उनके समर्थक इस पर जिस उत्साह के साथ प्रतिक्रिया दे रहे हैं उससे समझ आता है कि बात इतनी सीधी नहीं है। ’15 मिनट’ सिर्फ उनका प्रचार के लिए बचा समय नहीं है बल्कि अपने समर्थकों के लिए एक संदेश है। इस संदेश की जड़ें एक दशक से भी ज्यादा पुरानी हैं।
असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने 2012 में एक जनसभा में कहा था कि ‘हिंदुस्तान हम 25 करोड़ हैं, तुम 100 करोड़ है ना, ठीक है तुम तो हमसे इतने ज्यादा हो, 15 मिनट पुलिस को हटा लो हम बता देंगे कि किसमें कितना दम है’। यह अकबरुद्दीन की हिंदुओं को धमकी थी। इसके बाद अकबरुद्दीन के खिलाफ पुलिस केस हुआ, वो जेल भी गए और बाद में अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए उन्हें मुकदमे से बरी कर दिया। इस बयान को दिए हुए एक दशक से ज्यादा का समय बीत गया है लेकिन ओवैसी बंधु अब भी ’15 मिनट’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर अपने राजनीतिक हितों को साधने की कोशिश कर रहे हैं।
महाराष्ट्र में कुछ दिनों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है और ओवैसी की पार्टी करीब 15 सीटों पर राज्य में चुनाव लड़ रही है। इसके लिए ओवैसी चुनाव प्रचार कर रहे हैं और दोनों भाई ’15 मिनट’ का जिक्र कर रहे हैं। बुधवार को ओवैसी चुनाव प्रचार के लिए सोलापुर पहुंचे थे, पुलिस ने ओवैसी को भड़काऊ भाषण देने को लेकर नोटिस दिया था जिसे वह मंच से ही पढ़ने लगे। नाटकीय अंदाज में नोटिस पढ़ते हुए ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चुनाव प्रचार के लिए आए थे लेकिन उन्हें नोटिस नहीं दिया गया।
ओवैसी बोले, “मैंने नोटिस ले लिया है।” उन्होंने आगे कहा, “अभी समय कितना है…15 मिनट।” इतना सुनते ही उनके समर्थक उत्साह में आ जाते हैं। जोर से शोर होता है और तालियां बजने लगती हैं। ओवैसी जीभ बाहर निकालते हैं और मुंह पर हाथ रख लेते हैं। ओवैसी कहते हैं कि उनसे गलती हो गई, वे ‘सॉरी-सॉरी’ कहते हैं। इन सबके बची जो जरूरी है वो यह कि समर्थकों का उत्साह देख ओवैसी के चेहरे पर दंभ भरी मुस्कान तैरने लगती है। यह दंभ अपना संदेश लोगों तक पहुंचाने में सफल होने का है।
भड़काऊ भाषणों के लिए चेतावनी देते हुए महाराष्ट्र पुलिस ने सोलापुर में ओवैसी को बीच मंच पर थमाया नोटिस, तो पुलिस के नोटिस को पढ़ते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी स्पीच में किया ’15 मिनट’ का जिक्र, सुनिए #Owaisi #Solapur #MaharashtraPolice #AIMIM #HateSpeech #MaharashtraElection2024… pic.twitter.com/4hh81ahO5D
— Zee News (@ZeeNews) November 14, 2024
यह सिर्फ असदुद्दीन कर रहे हों ऐसा भी नहीं है, उनके भाई अकबरुद्दीन भी महाराष्ट्र में इस सियासी पैंतरे को आजमा रहे हैं। करीब एक हफ्ते पहले औरंगाबाद में अकबरुद्दीन ओवैसी ने एक रैली में भाषण देते हुए ’15 मिनट’ का जिक्र किया था। रैली में आए अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “अरे भाई, 15 मिनट बाकी हैं। सब्र करिए, न वो मेरा पीछा छोड़ती है न मैं उसका पीछा छोड़ता हूं।” उनका भाषण को देखेंगे तो साफ तौर पर अंदाजा लगेगा कि अकबरुद्दीन द्वारा 15 मिनट का जिक्र किया जाना केवल संयोग भर नहीं है।
15 मिनट… 15 मिनट अभी बाकी है 10 बजने में…!
अकबरुद्दीन ओवैसी महाराष्ट्र के औरंगाबाद में आम खास मैदान में विशाल जनसभा को संबोधित किया। #AIMIM #AkbaruddinOwaisi #aurangabad #ittehadkipehchanaurangabad #Owaisi #VoteForKite #patangkovotedo #maharashtra #MaharashtraElection2024 pic.twitter.com/KOhxLlQ4b4
— Zafar Alam (@ZafarAimim1) November 6, 2024
असदुद्दीन, खुद को सबसे बड़े मुस्लिम नेता और अपनी पार्टी को मुसलमानों की सबसे बड़ी हितैषी पार्टी बताते हैं। वे अपने वोट बैंक के लिए मुस्लिमों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं और इसका सबसे मारक हथियार उन्होंने बनाया है ‘हिंदू विरोध को’। हिंदी का एक प्रसिद्ध मुहावरा है, ‘सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे’ असदुद्दीन ने शायद इसे ही अपने ध्येय बनाया है। असदुद्दीन ओवैसी वकील हैं, कानूनी दांव-पेंचों को समझते हैं इसलिए वे एक रास्ता अख्तियार कर रहे हैं जिससे वे अपने कट्टर समर्थकों को संदेश भी दे सकें और अदालती कार्रवाई से भी बचे रह सकें। लेकिन इन सबके बावजूद उनका लक्ष्य एक ही है और उनके समर्थकों का उत्साह बता रहा है कि वे अपने समर्थकों को यह संदेश देने में सफल भी हो रहे हैं।