पाकिस्तान के आतंकी एजेंडे से सिर्फ भारत ही परेशान नहीं है उसका पक्का दोस्त चीन भी अब इससे दुखी हो गया है। पाकिस्तान और चीन की दोस्ती के किस्से अक्सर सुनने में आते रहते हैं लेकिन इस बार दोनों देशों के बीच एक ऐसी घटना हुई है जिस पर लोग हैरान है। अपने आंतकी एजेंडे के लिए दुनिया में मुंह की खा रहे पाकिस्तान को उसके दोस्त चीन ने भी अब आतंकवाद के मुद्दे पर आड़े हाथों ले लिया है।
पाक में चीन के राजदूत जियांग जायदोंग ने इस्लामाबाद में पाक के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इसहाक डार को कड़ी फटकार लगाई है, वो भी एक सेमिनार के दौरान सार्वजनिक मंच से। पाकिस्तान के अखबार ‘द ट्रिब्यून’ ने इसे लेकर लिखा है कि यह बहुत असामान्य बात है जब किसी विदेशी राजनयिक ने विदेश मंत्री के भाषण के बाद ‘राइट टू रिप्लाई’ का इस्तेमाल किया है और यह दोनों देशों के बीच सुरक्षा के मुद्दे पर अलग-अलग विचारों का संकेत है।
पाकिस्तान के आतंक को लेकर चिंतित चीन
दरअसल, जियांग ने पाकिस्तान चाइना इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित ‘चाइना ऐट 75’ शीर्षक वाले एक सेमिनार में बोलते हुए चीनी नागरिकों पर आतंकी हमलों को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है। जियांग ने कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के लिए सुरक्षा दिया जाना एक बड़ा मुद्दा है और सुरक्षित वातावरण के बिना कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए अस्वीकार्य है कि (चीन पर) छह महीनों में दो बार हमला हो चुका है और इसमें लोग घायल भी हुए हैं। हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान, चीन के कर्मियों, संस्थानों और परियोजनाओं की सुरक्षा के लिए सुरक्षा उपायों को और मजबूत कर सकता है।”
पाक के डिप्टी PM ने बघारी शेखी
चीन के राजदूत के बाद पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री डार ने सुरक्षा के मुद्दे पर शेखी बघारते हुए कहा कि चीन का नेतृत्व इस बात को लेकर एकदम स्पष्ट है कि चाहे कितना ही आकर्षक निवेश हो अगर वहां सुरक्षा का मामला गंभीर है तो वे अपने कर्मचारियों को वहां नहीं भेजते हैं। डार ने कहा कि चीनी नेतृत्व ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से उनकी मौजूदगी में यह बात कही थी। डार ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने कहा, “चीनी नागरिकों पर हमलों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है क्योंकि पाकिस्तान और चीन की दोस्ती दुनिया की कुछ शक्तियों को हजम नहीं हो रही है।”
पाक पर बिफर पड़े चीन के राजदूत
डार के इस बयान के बाद जियांग बिफर पड़े और दोबारा बोलने के लिए खड़े हो गए, जो अमूमन नहीं दिखता है। जियांग ने कहा, “राष्ट्रपति शी चीनी लोगों की सुरक्षा की परवाह करते हैं। उन्हें पाकिस्तान में रह रहे चीन के लोगों की सुरक्षा की विशेष रूप से परवाह है। जब भी वे (जिनपिंग) पाकिस्तानी नेताओं से मिलते हैं तो वे चीनी कर्मियों, संस्थानों और परियोजनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने के लिए कहते हैं।” जियांग यहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान को अपराधियों को कड़ी सजा देनी चाहिए और सभी चीन विरोधी आतंकवादी समूहों पर नकेल कसनी चाहिए।
पाक का विदेश मंत्रालय हुआ ‘हैरान’
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने चीनी राजदूत के इस बयान पर हैरानी जताई है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने एक ब्रीफिंग में कहा कि जियांग के ये बयान चीन और पाकिस्तान के बीच राजनयिक परंपराओं को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं। बलूच ने कहा, “हम किसी राजदूत या राजदूतों के समूह की दूसरे शहर की यात्रा के प्रोटोकॉल को सख्त कर रहे हैं।”
CPEC में चीन के 21 लोगों की मौत
पिछले करीब 6 महीने क दौरान पाकिस्तान में चीन के सहयोग वाली परियोजनाओं से जुड़े लोगों पर 2 आतंकी हमले हो चुके हैं। मार्च 2024 में खैबर पख्तूनख्वा में चीनी इंजीनियरों को निशाना बनाकर किए गए हमले में 5 चीनी नागरिकों की मौत हुई थी। वहीं, पिछले महीने भी कराची एयरपोर्ट के पास हुए आतंकी हमले में 2 चीनी नागरिक मारे गए थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, CPEC परियोजना शुरू होने के बाद से पाकिस्तान में चीन के 21 कर्मियों की मौत हो चुकी है।
मामले पर क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?
अमेरिकी में 2008-2011 के बीच पाकिस्तानी के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी ने इसे चीन और भारत के बीच एलएसी पर हुए समझौते से जोड़ दिया है। हक्कानी ने ‘X’ पर कहा, “दो पक्के दोस्तों (पाक-चीन) के बीच दशकों बाद सार्वजनिक रूप से तू-तू, मैं-मैं देखने को मिली और वो भी भारत-चीन के बीच गतिरोध टूटने के तुरंत बाद।” वहीं, ग्लोबल विलेज स्पेस की संपादक और विदेशी मामलों की जानकार नजमान मिन्हास ने इसे लेकर पाकिस्तान की तीखी आलोचना की है। मिन्हास ने ‘X’ पर लिखा, “पाकिस्तानी सरकार हवाई खयालों में जी रही है, पैसे और सत्ता के लिए आप खुद को अमेरिकी हाथों में बेच दें और फिर कहें कि चीन मुझसे नाराज क्यों है।”
लंब वक्त से पाकिस्तान में चीन के कर्मियों पर गाहे-बगाहे हमले हो रहे थे लेकिन चीन ने कभी खुलकर पाक की आलोचना नहीं की थी। अब जियांग का यह बयान ना सिर्फ पाकिस्तान बल्कि पुरानी दुनिया के लिए एक संकेत हैं कि पाकिस्तान के आतंकवाद से सिर्फ भारत ही परेशान नहीं है बल्कि चीन भी इसका शिकार हो रहा है। चीन की अगर निगाहें और टेढ़ी हुईं तो दुनियाभर में आतंकवाद की सप्लाई कर रहे पाकिस्तान को चारों और से मुंह की खानी पड़ सकती है।