प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लॉटरी किंग कहे जाने वाले तमिलनाडु के व्यवसायी सैंटियागो मार्टिन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उससे जुड़े करीब 20 ठिकानों पर छापेमारी की है। इस कार्रवाई के बाद सैंटियागो मार्टिन एक बार फिर चर्चा में है। इससे पहले वह राजनीतिक पार्टियों को 1300 करोड़ रुपए का चंदा देकर चर्चा में आया था।
क्या है ताजा मामला?
व्यवसायी सैंटियागो मार्टिन पर लॉटरी के जरिए करोड़ो रूपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। इस मामले में पहले निचली अदालत ने उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर (FIR) रद्द करने का आदेश दिया था। लेकिन मद्रास हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को निरस्त करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) को अपनी जांच जारी रखने का आदेश दिया था।
इसके बाद 14 नवंबर को ईडी ने उसके खिलाफ कार्रवाई की थी। बताया जा रहा है कि ED ने सैंटियागो मार्टिन के घर समेत उसके दामाद आधव अर्जुन व अन्य सहयोगियों से जुड़े चेन्नई, कोयंबटूर, हरियाणा के फरीदाबाद, पंजाब के लुधियाना व पश्चिम बंगाल के कोलकाता समेत 20 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है।
सैंटियागो मार्टिन और उसका रसूख
सैंटियागो मार्टिन की पूरी कहानी जानने से पहले उसके रसूख के बारे में जानना अहम है। सैंटियागो का दक्षिण से लेकर उत्तर भारत तक कई राजनीतिक पार्टियों से संबंध हैं। मसलन, केरल की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी हो या फिर तमिलनाडु में सरकार चला रही डीएमके से लेकर पश्चिम बंगाल की सत्ता में बैठी ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस पार्टी से भी उसके काफी गहरे संबंध रहे हैं।
केरल की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र देशाभिमानी को सैंटियागो मार्टिन ने साल 2007 में 50 लाख रुपए के चार चुनावी बॉन्ड के जरिए 2 करोड़ रुपए का चंदा दिया था। इसके अलावा, केरल के सीएम पिनराई विजयन के करीबी कहे जाने वाले और कानूनी सलाहकार एमके दामोदरन साल 2016 में मार्टिन का केस लड़ चुके हैं। इतना ही नहीं, साल 2010 में तो तमिलनाडु के एडवोकेट जनरल पीएस रमन ने तो केरल हाई कोर्ट जाकर मार्टिन का केस लड़ा था।
इसके अलावा, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी भी उसका केस लड़ चुके हैं। यह सब तो सिर्फ झांकी ही थी। इस साल सामने आए चुनावी बॉन्ड की लिस्ट में सबसे अधिक चंदा देने वालों में सैंटियागो मार्टिन का नाम सबसे टॉप पर था। उसने अपनी कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज के जरिए 1368 करोड़ रुपए का चंदा राजनीतिक पार्टियों को दिया था।
म्यांमार में की मजदूरी, तमिलनाडु में बेची चाय फिर बना लॉटरी किंग:
सैंटियागो मार्टिन का जन्म साल 1961 में अंडमान निकोबार द्वीप समूह में हुआ था। घर के हालात अच्छे नहीं थे ऐसे में वह म्यांमार के यंगून जाकर वहां मजदूरी करने लग गया। लेकिन वहां उसका मन नहीं लगा और साल 1980 के आसपास वह वापस भारत लौट आया और तमिलनाडु में एक चाय की दुकान पर काम करने लगा। इसी दौरान उसने देखा कि तमिलनाडु के लगभग सभी वर्ग में और खासतौर से गरीबों में लॉटरी को लेकर अधिक दिलचस्पी रहती है। ऐसे में मार्टिन ने सोचा कि अगर वह लॉटरी के धंधे में आ गया तो उसे करोड़पति बनने से कोई नहीं रोक पाएगा।
इसके बाद सैंटियागो मार्टिन तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक दुकान खोलकर लॉटरी बेचने लग गया। इसे मार्टिन की किस्मत कहा जाए या मेहनत देखते ही देखते वह तमिलनाडु का सबसे बड़ा लॉटरी विक्रेता बन गया था। मार्टिन ने मार्केट में 2 अंकों वाली लॉटरी भी लॉन्च कर दी थी और सबसे अधिक यही लॉटरी बिक रही थी। लॉटरी के विजेता का ऐलान टीवी में लाइव प्रसारण के जरिए किया जाता था। ऐसा कहा जाता है कि लॉटरी के लकी ड्रा का ऐलान होने के समय दुकानों पर लगे छोटे-छोटे टीवी सेट के सामने भारी भीड़ जमा हो जाती थी।
सैंटियागो मार्टिन का लॉटरी का धंधा तमिलनाडु में तेजी से फैल गया था। इसलिए उसने जल्द ही यह धंधा पड़ोसी राज्य कर्नाटक और केरल से लेकर उत्तर और उत्तर-पूर्वी भाग तक फैला लिया। साल 2001 में एक इंटरव्यू के दौरान सैंटियागो मार्टिन ने कहा था कि वह हर दिन 12 करोड़ लॉटरी बेचता है। इसके अलावा वह उस समय तमिलनाडु सरकार को हर रोज 350000 रुपए और सिक्किम को करीब 759000 रुपए देता था। इस दौरा उसके खिलाफ इनकम टैक्स विभाग जांच कर रहा था। इसी दौरान साल 2003 में तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता ने लॉटरी के कारण लोगों को हो रहे आर्थिक नुकसान के चलते लॉटरी की बिक्री पर बैन लगा लिया था। यह बैन सैंटियागो मार्टिन के लिए बहुत बड़ा झटका था।
इसके बाद, जयललिता सरकार में ही साल 2011 में जमीन हड़पने के आरोप में मार्टिन को जेल जाना पड़ा था। लेकिन कुछ महीने जेल में बिताने के बाद उसे जमानत मिल गई थी। फिलहाल, मार्टिन की कंपनी लॉटरी समेत कई अन्य मामलों में धोखाधड़ी के आरोपों का सामना कर रही है। इसी सिलसिले में साल 2023 में सिक्किम में लॉटरी के धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मार्टिन और उसके सहयोगियों की करीब 500 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली गई थी। सैंटियागो मार्टिन पर आरोप है कि उसने 1 अप्रैल 2009 से 31 अगस्त 2010 के बीच में केरल में लॉटरी टिकटों की फर्जी बिक्री की है। इससे उसने सिक्किम सरकार को करीब 910 करोड़ का नुकसान पहुंचाया है।
बता दें कि मार्टिन की कंपनी अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, नागालैंड और सिक्किम यानी कुल 13 राज्यों में लॉटरी चलती है। इसी लॉटरी के दम पर आज वह 7000 करोड़ से अधिक की संपत्ति का मालिक है।