झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उम्र बीते 5 वर्षों में 7 साल बढ़ गई है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि ऐसा दावा भाजपा नेताओं ने हेमंत सोरेन के हलफनामे से किया है। दरअसल, झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए हेमंत सोरेन ने जो हलफ़नामा दिया है उसमें उनकी उम्र 49 वर्ष है। यह हलफ़नामा सामने आने के बाद सीएम सोरेन विवादों के घेरे में हैं।
साल 2019 में हुए झारखंड के विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन ने अपनी उम्र 42 वर्ष बताई थी। इसके बाद अब 5 साल बीत जाने के बाद उनकी उम्र 47 वर्ष होनी चाहिए थी। लेकिन 2024 के विधानसभा चुनाव के लिए उन्होंने जो नामांकन दाखिल किया है, उसमें उनकी उम्र 49 वर्ष लिखी हुई है। इसका सीधा मतलब यह है कि बीते 5 वर्षों में झारखंड में विकास हुआ हो या न हुआ हो लेकिन सीएम सोरेन की उम्र में विकास जरूर हुआ है और वह भी पूरे 7 साल का।
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की उम्र से जुड़ा हलफ़नामा सामने आने के बाद उन पर चौतरफा हमले हो रहे हैं। भाजपा ने तो चुनाव आयोग से उनका नामांकन रद्द करने तक की मांग कर डाली है। असम के मुख्यमंत्री और झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के सह-प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि झामुमो की पूरी पार्टी फर्जी है। हलफनामे में उनकी उम्र बढ़ जाती है। यह घुसपैठियों की सरकार है, अगर राज्य में दोबारा इनकी सरकार आ जाती है तो कोई भी समाज सुरक्षित नहीं रहेगा, अब इन्हें सत्ता से उखाड़ फेंकना झारखंड की जनता की जिम्मेदारी है।
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने जनजातीय समुदाय के खिलाफ अपमानजनक शब्द बोले हैं, उनपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। ये सरकार आलमगीर आलम और इरफान अंसारी जैसे व्यक्ति की है,ऐसे लोगों को हराना समाज की जिम्मेदारी है।
वहीं, झारखंड भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है, “किसी व्यक्ति की आयु 5 वर्ष में 7 वर्ष बढ़ जाए, यह सिर्फ हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले झारखंड में संभव हो सकता है। हेमंत सोरेन ने या तो 2019 में झूठ बोला था या अब झूठ बोल रहे हैं।”
प्रतुल शाहदेव ने प्रॉपर्टी की घटी हुई कीमत दर्शाने को लेकर भी हेमंत सोरेन को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “हलफनामे में उन्होंने लिखा है कि 2019 में जिस प्रॉपर्टी की कीमत 10 लाख रुपए थी वह 2024 में घटकर 4 लाख हो गई है। जबकि दुनिया में प्रॉपर्टी की कीमत में इजाफा होता है, यहां कीमतें कम हो रहीं हैं।” इसके अलावा शाहदेव ने सीएम सोरेन पर अन्य प्रॉपर्टी व वाहनों की जानकारी न देने का भी आरोप लगाया। साथ ही उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की।
भाजपा के इन आरोपों पर झामुमो नेता मनोज पांडेय ने सीएम सोरेन का बचाव किया। पांडेय ने कहा कि हेमंत सोरेन के नामांकन पत्र में किसी भी तरह की गलत जानकारी नहीं है। नामांकन संबंधी सभी दस्तावेजों का सत्यापन किया गया है और आरोप ‘निराधार’ हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि झामुमो ने अपनी घोषणाओं में हमेशा पारदर्शिता बनाए रखी है। बता दें कि झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में 13 नवंबर और 20 नवंबर को मतदान होना है। वहीं मतगणना 23 नवंबर को होगी।