जम्मू-कश्मीर में सरकार बदलने के बाद आतंकी हमले होने शुरू हो गए थे। इस बीच अब कश्मीरी हिंदुओं की दुकानें ढहाने का मामला सामने आया है। जम्मू विकास प्राधिकरण ने 20 नवंबर को बुलडोजर चलाकर करीब दर्जन भर कश्मीरी हिंदुओं की दुकानें ध्वस्त कर दीं। इस दौरान असहाय लोग रोते-बिलखते नजर आए। साथ ही राज्य सरकार खिलाफ प्रदर्शन किया। भाजपा ने इस घटना को नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस सरकार द्वारा की गई बदले की कार्रवाई बताया है।
इस घटना के बाद दुकान के मालिक रोते और सिर पीटते हुए नजर आए। एक व्यक्ति ने कहा कि किसी प्रकार का नोटिस नहीं दिया गया था। वहीं एक अन्य ने रोते हुए कहा कि 30 साल से वह यहां दुकान चला रहा है अब कहां जाएंगे। वहीं दु:खी कश्मीरी हिंदू और दुकान के मालिक कुलदीप किसरू ने कहा, “हमें बेहतर सुविधाएं देने और आर्थिक सहायता देकर हमें जीने के लिए मदद करने के बजाय, इस सरकार ने हमारी दुकानों को बुलडोजर से गिराकर हमारी रोज़ी-रोटी छीन ली है।” साल 1991 में टिन शेड में अपनी दुकान खोलने वाले एक अन्य दुकानदार जव लाल भट ने कहा, “अब हम अपने परिवार का भरण-पोषण कैसे कर करेंगे हम पूरी तरह से इस दुकान पर भी निर्भर थे। अब हमारा क्या होगा? हम उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने और हमें न्याय दिलाने की मांग करते हैं।” एक अन्य दुकानदार जवाहर लाल ने इस विध्वंस को सरासर गुंडागर्दी बताया। साथ ही कहा कि इस कार्रवाई को लेकर उन्हें किसी प्रकार का नोटिस नहीं दिया गया था।
हालांकि जम्मू विकास प्राधिकरण ने उपाध्यक्ष पंकज शर्मा ने कहा कि प्रभावित लोगों को 20 जनवरी को नोटिस दिया गया था और लोगों ने जेडीए को लिखित में आश्वासन दिया था कि वे फरवरी के अंत तक जमीन खाली कर देंगे। लेकिन लोकसभा और उसके बाद विधानसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लागू होने के कारण जेडीए उस समय कार्रवाई नहीं कर पाया था। इसलिए अब यह कार्रवाई की गई है।
JDA के उपाध्यक्ष पंकज शर्मा ने यह भी कहा कि मुथी इलाके में 25 कनाल ज़मीन थी, जहां कश्मीरी हिंदुओं को शुरू में एक कमरे वाले गुंबदनुमा घरों में बसाया गया था। इसके बाद उन्हें पुरखू और जगती में दो कमरों वाले फ्लैटों में बसाया गया। इस कदम के बाद भी कई लोगों ने शुरुआती बस्तियों को खाली नहीं किया। इस जगहपर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए 208 फ्लैटों का निर्माण किया जाना है। चूंकि इसके लिए टेंडर पूरा हो चुका है, ऐसे में अब यहां काम शुरू होना है।
Heartbreaking scenes emerge as Kashmiri Pandit shopkeepers stand helplessly by the rubble of their demolished shops, reportedly brought down by the JDA without prior notice. This comes as yet another blow to a community that has endured unimaginable hardships for decades. What… pic.twitter.com/jyQ1w9yPhB
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 21, 2024
इस मामले में, महबूबा मुफ्ती का बयान सामने आया है। महबूबा ने एक्स पर लिखा, “यह दिल दहलाने वाले कश्मीरी हिंदू दुकानदारों के हैं। JDA ने कथित तौर पर ये दुकानें बिना किसी पूर्व सूचना के गिरा दी हैं। एक समुदाय जो दशकों से पीड़ित है यह कार्रवाई उस पर एक और चोट है। जनजातीय समुदाय को टारगेट करके उनकी संपत्तियों को ध्वस्त करने के बाद अब बात कश्मीरी हिंदुओं तक पहुंच गई है। इससे उनकी समस्याएं और भी अधिक बढ़ गईं हैं। हम मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से आग्रह करते हैं कि वे आगे आएं और इस गंभीर अन्याय के खिलाफ बात करें।”
भाजपा प्रवक्ता जीएल रैना ने मौके पर पहुंच कर पीड़ितों से बात की। साथ ही इस कार्रवाई को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस सरकार द्वारा बदले की कार्रवाई करार दिया।