भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय के पौत्र और बीएचयू के चांसलर जस्टिस गिरिधर मालवीय का निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। गिरिधर मालवीय लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज किया जा रहा था। साल 2014 के वाराणसी लोकसभा चुनाव में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक भी थे।
14 नवंबर, 1936 को जन्मे गिरिधर मालवीय का 4 दिन पहले ही जन्मदिन था और अब सोमवार (18 नवंबर, 2024) सुबह उनका निधन हो गया। बताया जा रहा है कि बीते कुछ महीनों से बीमार चल रहे गिरिधर मालवीय का इलाज जार्ज टाउन स्थित उनके घर पर ही चल रहा था। इसी दौरान सुबह करीब 6:30 पर उनका देहांत हो गया। गिरिधर मालवीय बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के चांसलर थे। साल 2023 में BHU में आयोजित दीक्षांत समारोह में जब आए थे, तब वह चलने-फिरने में भी असमर्थ थे। ऐसे में उन्हें व्हील चेयर पर लाया गया था।
बता दें कि गिरधर मालवीय लंबे समय तक इलाहाबाद हाई कोर्ट में न्यायाधीश भी रहे। रिटायरमेंट के बाद उन्हें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया था और वह आजीवन इस पद पर रहे। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक गिरधर मालवीय के दादा भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय ही थे। गिरधर मालवीय के निधन के बाद BHU ही नहीं बनारस से लेकर प्रयागराज व पूरे देश में उनके चाहने वालों के बीच शोक की लहर है।
गौरतलब है कि साल 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे, तब गिरिधर मालवीय उनके प्रस्तावक बने थे। इसके अलावा, गिरधर मालवीय गंगा सफाई अभियान में भी काफी सक्रिय रहे हैं। इसके चलते ही उन्हें गंगा महासभा का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था। साथ ही वह, उत्तर प्रदेश सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष के पद पर भी रहे। यही नहीं, उन्हें दो बार महामना मालवीय मिशन का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था।