‘महाराष्ट्र के मुखिया’: कांग्रेस के ‘संकटकाल’ में CM बने पृथ्वीराज चव्हाण की कहानी; विरासत में मिली थी राजनीति

पृथ्वीराज चव्हाण के पिता दाजीसाहेब चव्हाण केंद्र सरकार में मंत्री और मां प्रेमला चव्हाण सांसद रही थीं

सोनिया गांधी के वफादार और मनमोहन सिंह के भरोसेमंद रहे पृथ्वीराज चव्हाण

सोनिया गांधी के वफादार और मनमोहन सिंह के भरोसेमंद रहे पृथ्वीराज चव्हाण

मुंबई में 2008 के हमले के बाद विलासराव देशमुख को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और उनकी जगह कांग्रेस पार्टी ने अपनी छवि सुधारने के लिए अशोक चव्हाण को राज्य का नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया। हालांकि, कांग्रेस के लिए अशोक चव्हाण का कार्यकाल भी संकटों से भरा रहा और उन्हें 2010 में आदर्श सोसाइटी घोटाले जैसे आरोपों के चलते इस्तीफा देना पड़ा था। कांग्रेस के लिए महाराष्ट्र में अपनी छवि सुधारने का सवाल था और ऐसे में अशोक चव्हाण के इस्तीफे के बाद एक साफ छवि के नेता पृथ्वीराज चव्हाण को महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री बनाया गया। ‘महाराष्ट्र के मुखिया’ में आज कहानी पृथ्वीराज चव्हाण की।

पृथ्वीराज चव्हाण का जन्म 17 मार्च 1946 को इंदौर (मध्य प्रदेश) में हुआ था। उनके पिता दाजीसाहेब चव्हाण भी बड़े नेता थे और आजादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान केंद्र में कई विभागों के मंत्री रहे थे। वहीं, उनकी माता प्रेमला चव्हाण भी लोकसभा और राज्यसभा की सदस्य रही थीं। प्रेमला चव्हाण ना केवल राजनीति में सक्रिय थीं बल्कि वे ‘वीमेन्स क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ की अध्यक्ष भी रही थीं। चव्हाण की शुरुआती शिक्षा कराड में हुई। उन्होंने राजस्थान के बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ऐंड साइंस (बिट्स), पिलानी से बी.ई.(ऑनर्स) और बर्कले (अमेरिका) में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से एम.एस पूरा किया। चव्हाण ने पढ़ाई पूरी होने के बाद कुछ समय तक अमेरिका में डिजाइन इंजीनियर के तौर पर काम किया और फिर भारत लौट आए।

पृथ्वीराज चव्हाण के राजनीतिक करियर कि शुरुआत 1991 में हुई जब वे कराड लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। कराड सीट से इससे पहले उनके पिता और मां सांसद रहे थे। चव्हाण ने 1996 और 1998 में भी इस सीट से लोकसभा चुनाव जीता था। 1999 के लोकसभा चुनाव में वे एनसीपी के श्रीनिवास पाटिल से इस सीट से चुनाव हार गए और 2002 व 2008 में उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया था। 2004 में पीएमओ में राज्यमंत्री के रूप में नियुक्ति के बाद से वे सोनिया गांधी और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच संपर्क की कड़ी बन गए थे। चव्हाण को सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह दोनों का करीबी माना जाता था। उनके पास केंद्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, संसदीय मामले, लोक शिकायत, पेंशन और कार्मिक मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी रही थी।

2010 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को आदर्श घोटाले से जुड़े गंभीर आरोप लगने के बाद पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद कांग्रेस को पार्टी की बगावत से निपटने में सक्षम और साफ छवि वाले नेता की जरूरत थी। ऐसे समय में सोनिया गांधी के वफादार और मनमोहन सिंह के भरोसेमंद पृथ्वीराज चव्हाण को राज्य में मुख्यमंत्री बनाकर भेजा गया और उन्होंने 11 नवंबर 2010 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सितंबर 2014 में एनसीपी-कांग्रेस के 15 वर्ष पुराना गठबंधन टूटने के बाद पृथ्वीराज चव्हाण ने पद से इस्तीफा दे दिया और 28 सितंबर को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। 2014 में महाराष्ट्र में हुए चुनावों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बन गए।

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