झारखंड विधानसभा चुनाव में विदेशी घुसपैठियों का मुद्दा लगातार चर्चा में बना हुआ है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि अगर बीजेपी की सरकार आती है तो चुन-चुनकर घुसपैठियों को झारखंड से बाहर किया जाएगा। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संथाल इलाके में विदेशी घुसपैठ पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए जेएमएम सरकार पर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि जनजातीय समुदाय की आबादी आधी हो गई है और झारखंड की पहचान को बदलने की बहुत बड़ी साजिश हो रही है। पीएम ने कहा कि जेएमएम-कांग्रेस के राज में घुसपैठियों को स्थाई निवासी बनाने के लिए गलत काम किए गए।
संथाल में JMM-कांग्रेस का सूपड़ा साफ होना तय: मोदी
सारठ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘नेमान पर्व की आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। 2 दिन बाद ही हम धरती आबा बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती का उत्सव मनाने जा रहे हैं। ये उत्सव हिंदुस्तान के हर कोने में मनाया जाएगा और उससे पहले लोकतंत्र के इस उत्सव में आपने भी पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। हर तरफ एक ही गूंज है: रोटी-बेटी-माटी की पुकार, झारखंड में भाजपा-NDA सरकार। आज झारखंड में पहले चरण का मतदान हो रहा है। रोटी-बेटी और माटी को बचाने का संकल्प आज हर बूथ पर दिख रहा है। संथाल का ये क्षेत्र भी इस बार नया इतिहास रचने के लिए तैयार है। संथाल में इस बार JMM-कांग्रेस का सूपड़ा साफ होना तय है।‘
‘अगर ये पहचान खत्म हो गई तो क्या होगा’
पीएम मोदी ने झारखंड की पहचान बदलने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए आगे कहा, ‘अगर ऐसे ही आदिवासी घटते रहे तो क्या होगा? आपके जल-जंगल और जमीन पर दूसरों का कब्जा हो जाएगा। हमें इस स्थिति से मेरे आदिवासी परिवारों को भी बचाना है और झारखंड को भी बचाना है। भाजपा ने नारीशक्ति और नौजवानों के भविष्य के लिए जो गारंटियां दी हैं, उनके प्रति भारी समर्थन दिख रहा है। मैं बीते दिनों झारखंड में जहां भी गया, हर जगह विदेशियों की घुसपैठ को लेकर सबसे बड़ी चिंता रही है। झारखंडी गौरव और झारखंड की पहचान, आप सबकी ताकत रही है। अगर ये पहचान ही खत्म हो गई तो क्या होगा? आंकड़े बताते हैं कि संथाल क्षेत्र में आदिवासियों की संख्या करीब-करीब आधी रह गई है। आज झारखंड की पहचान बदलने की बहुत बड़ी साजिश हो रही है। JMM-कांग्रेस सरकार में बाहर से आए घुसपैठियों को यहां का परमानेंट निवासी बनाने के लिए हर गलत काम किए गए।‘
‘कोर्ट में JMM सरकार कहती है, कोई घुसपैठ ही नहीं हुई’
पीएम मोदी ने जनजातीय समाज के साथ छल का आरोप लगाते हुए कहा, ‘इन घुसपैठियों के लिए रातों-रात पक्के कागज बनाए गए। आदिवासी बेटियों को शादी के नाम पर ठगा गया और उनकी जमीन हथिया ली गई। इन घुसपैठियों ने आपसे आपका रोजगार छीन लिया और आपकी रोटी भी छीन ली। लेकिन यहां की सरकार का रवैया देखिए। JMM सरकार ने कोर्ट में कह दिया कि झारखंड में कोई घुसपैठ हुई ही नहीं है। यहां स्थानीय निवासियों को पानी तक मिलना मुश्किल हो गया है। इसलिए इस चुनाव में रोटी-बेटी-माटी की सुरक्षा सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण मुद्दा है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि भाजपा-NDA की सरकार संथाल की और झारखंड की रोटी-बेटी-माटी की सुरक्षा से कोई खिलवाड़ नहीं होने देगी।‘
‘वोट के लिए घुसपैठियों को नहीं हटा रही सोरेन सरकार’
इससे पहले असम के मुख्यमंत्री और झारखंड बीजेपी के सह-प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था, ‘हम झारखंड सरकार से पूछते हैं कि आप लोग क्या घुसपैठियों को बाहर निकालेंगे? हेमंत सोरेन जी बोलते हैं कि झारखंड में घुसपैठिए नहीं हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि ये लोग जो पाकुड़ में बैठ गए, साहिबगंज में और अन्य जगहों पर बैठ गए, वो लोग कौन हैं? क्या उन लोगों का नाम 1951 में है? क्या उनका नाम 1971 में है? आज ये लोग जेएमएम (झारखंड मुक्ति मोर्चा) का वोट बैंक हैं। ये लोग वोट के लालच में घुसपैठियों को यहां से नहीं हटा रहे हैं। हम आपको वचन देते हैं कि इस बार बीजेपी की सरकार बनेगी और हम घुसपैठियों को चुन-चुनकर बाहर निकालेंगे। ये हमारा संकल्प है।‘
संथाल परगना में घुसपैठ बड़ी समस्या
झारखंड के संथाल परगना में बांग्लादेशियों की घुसपैठ बड़ी समस्या बन चुकी है। जमशेदपुर के दानियाल दानिश ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी। इसमें कहा गया कि संथाल परगना में बड़ी संख्या में घुसपैठिए आ गए हैं। यही नहीं इससे वहां की डेमोग्राफी बदल रही है और आदिवासियों की संख्या में कमी आ रही है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठिए आदिवासी महिलाओं से पहले शादी करते हैं और फिर उनका धर्म परिवर्तन करा देते हैं। इसके बाद आदिवासियों की जमीनों को गिफ्ट डीड के जरिए हड़पा जा रहा है।
घुसपैठियों ने बनवाए मस्जिद-मदरसे: PIL
जनहित याचिका में दानियाल ने कहा कि बंगाल की सीमा से लगने वाले झारखंड के जिलों में घुसपैठियों ने मदरसे और मस्जिदें भी बनवा ली हैं। दरअसल संथाल परगना की भौगोलिक स्थिति भी घुसपैठ के लिए आसान है। बांग्लादेश की सीमा यहां से सिर्फ 15 किलोमीटर है। ऐसे में यहां हमेशा बांग्लादेश से घुसपैठ का खतरा बना रहता है। संथाल परगना के लोग भी इस मुद्दे पर आवाज उठाते रहे हैं। आदिवासियों की घटती आबादी और लगातार बदलती डेमोग्राफी पर सामाजिक कार्यकर्ता अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं।
हाई कोर्ट का आदेश- घुसपैठियों की गिनती हो
दानियाल की याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया। इस साल जुलाई में कोर्ट ने राज्य की जेएमएम सरकार को आदेश दिया कि संथाल परगना में रहने वाले बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करके गिनती की जाए। हाई कोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार की बेंच ने साहेबगंज, दुमका, पाकुड़, देवघर, गोड्डा और जामताड़ा के डीएम को जिलावार घुसपैठियों की संख्या बताने के निर्देश दिए थे। हालांकि कोर्ट में जेएमएम सरकार ने कहा कि झारखंड में कोई घुसपैठ नहीं हुई है।