आज बात करते हैं श्याम रंगीला की, वही श्याम रंगीला जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ पिछला लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उत्तर प्रदेश के वाराणसी पहुंच गए थे। रंगीला के राजनीतिक जीवन जब कोई रंग नहीं चढ़ पाया तो अब वो फिर अपने पुराने काम पर लौट आए हैं। उन्होंने फिर से पीएम मोदी की मिमिक्री शुरू कर कमाई करनी शुरू कर दी है। रंगीला ने ‘X’ पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वह पीएम मोदी बनकर डोनाल्ड ट्रंप से बात करते नजर आ रहे हैं। रंगीला ने लिखा है, “चुनाव जीतने के बाद सबसे अच्छे दोस्त ‘डोलान्ड ट्रंप’ से कॉल पर बातचीत करते मोदी जी।”
Modi ji on call with best friend Doland Trump after winning elections 🙂 pic.twitter.com/WM3GAi6x6X
— Shyam Rangeela (@ShyamRangeela) November 6, 2024
पीएम मोदी के नाम की कमाई खाने वाले रंगीला वीडियो में साफ तौर पर उनका ना सिर्फ मजाक उड़ाते नजर आ रहे हैं बल्कि राजनीतिक टिप्पणियां भी कर रहे हैं। पीएम मोदी को बदनाम करने के लिए वे खुद पीएम मोदी बनकर कॉल पर कह रहे हैं, “मैंने आपको अपना अनुभव बताया था कि किसी बिजनेसमैन को साथ लेकर चुनाव लड़ेंगे तो जीत निश्चित हो जाती है।” रंगीला कहते हैं, “आपके लिए एलन मस्क सामने से ही लड़ रहे थे…हमारे तो थोड़ा…आप समझ रहे हैं।” कॉमेडी नेताओं को टार्गेट करने की सॉफ्ट रणनीति रही है। श्याम रंगीला और उनके जैसे कई लोग सरकार का मजाक उड़ाते हैं, आरोप लगाते हैं और उसे फिर कॉमेडी का लबादा उढ़ा देते हैं।
श्याम रंगीला ने जब पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान किया था तो उन्होंने कहा था कि वे लोगों को विकल्प देने के लिए पीएम के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन खुद को पीएम का विकल्प बता रहे रंगीला की पोल जल्द ही खुल गई और उन्हें कथित तौर पर चुनाव का नामांकन फॉर्म लेने के लिए जरूरी 10 प्रस्तावक नहीं मिले थे। हालांकि, जब फजीहत हुई तो उन्होंने सफाई दी कि उनके पास प्रस्तावक तो हैं लेकिन चुनाव आयोग गलत तरीके से प्रस्तावकों की जानकारी मांग रहा था।
खैर, उनको नामांकन का फॉर्म तो मिल गया लेकिन चुनाव आयोग ने उनका नामांकन रद्द कर दिया। लोकतंत्र के स्वयंभू रक्षक बनने चले रंगीला को चुनावी प्रक्रिया की जानकारी ही नहीं थी। हर दिन चुनाव आयोग पर सवाल उठाने वाले उन जैसे लोगों को स्थिति ऐसी ही है। रंगीला ने अपना चुनावी हलफनामा भी पूरा नहीं दिया और ना ही नामांकन के दौरान शपथ ली थी जिसके चलते उनका पर्चा खारिज हो गया था।
रंगीला जैसे लोग जो सोशल मीडिया पर लोकतंत्र के रक्षक बनने का दावा करते हैं उनकी लोकतंत्र की समझ कितनी है इसका अंदाजा आपको लग सकता है। रंगीला की आत्ममुग्धता का अंदाजा इस बात से भी लगाइए कि जो चुनाव वो खुद की गलती से नहीं लड़ पाए आज तक भी उसी का ढोल पीट रहे हैं। उन्होंने अपनी X प्रोफाइल के कवर पर जो फोटो लगाई है उसमें भी नामांकन के खारिज होने की खबर ही है।
रंगीला, पीएम मोदी का मजाक उड़ाते हैं, उनकी नीतियों पर सवाल उठाते हैं और कमाई भी उनके नाम की ही खाते हैं। रंगीला की पहचान इतनी भर ही है कि वे पीएम मोदी की मिमिक्री करते हैं। ये वैसा ही है कि जिस थाली में खाना उसी में छेद कर देना। अक्सर कई लोग कलाकारों की मिमिक्री करते हैं लेकिन आपको बमुश्किल ही ऐसा कोई मिलेगा जो जिसके नाम की कमाई खा रहा हो उसी का ना सिर्फ मजाक उड़ाए बल्कि उसके लोकतांत्रिक होने पर भी सवाल खड़ा करे। हरियाणा के यूट्यूबर आशीष मलिक का पूर्व उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की मिमिक्री करने का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।
आशीष वीडियो के वायरल होने के बाद चौटाला से मिलने भी पहुंचे थे और चौटाला ने आशीष को शुभकामनाएं भी दी थीं। दुष्यंत ने आशीष से मुलाकात के दौरान खुद कहा था, “मुझे खुशी है कि सभ्य तरीके से हमेशा इसने (आशीष) मेरी कई बातों को रेप्लीकेट किया और आप तक पहुंचाया है।” आशीष लंबे समय से उनकी मिमिक्री करते हैं लेकिन उनके मन में दुष्यंत को लेकर सम्मान भी है। वे फूहड़ तरीके से दुष्यंत का मजाक नहीं उड़ाते हैं। दूसरी और श्याम रंगीला जैसे लोग हैं जो मिमिक्री की आड़ में राजनीतिक आकाओं को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं।