क्या महुआ मोइत्रा और उनकी पार्टी TMC (तृणमूल कांग्रेस) के बीच सब ठीक-ठाक है? हम ऐसा इसीलिए पूछ रहे हैं, क्योंकि गौतम अडानी के विरोध के मुद्दे पर उनकी पार्टी उनके ही साथ नहीं है। जहाँ महुआ मोइत्रा ने अडानी समूह के विरोध के लिए अपनी संसद सदस्यता तक कभी गँवा दी थी, वहीं अब TMC संसद में इस मुद्दे पर कांग्रेस का साथ नहीं दे रही है। ऐसे में, ये सवाल तो उठता ही है कि क्या महुआ मोइत्रा ने पिछले कई महीनों से सोशल मीडिया से लेकर संसद तक जिस मुद्दे को हथियार बनाया हुआ था, वो अब उनकी ही पार्टी को पसंद नहीं आ रहा है?
अडानी विरोध का मुद्दा TMC के एजेंडे में नहीं
चलते हैं, लगभग एक सप्ताह पहले। तब संसद सत्र शुरू हुआ था, अडानी के विरोध के नाम पर इसे चलने नहीं दिया जा रहा था। कांग्रेस पार्टी लगातार माँग कर रही थी कि अडानी के मुद्दे पर संसद में चर्चा आयोजित की जाए। हालाँकि, देश की तीसरी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी TMC का रुख इससे एकदम अलग रहा। तृणमूल कांग्रेस का कहना था कि वो इस वो चाहती है कि देश के जो अन्य गंभीर मुद्दे हैं उन पर बहस हों। ये भी ध्यान रखने वाली बात है कि 2021 का पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने लेफ्ट के साथ मिल कर TMC के खिलाफ लड़ा था।
साफ़ है, अडानी मुद्दा TMC के एजेंडे में नहीं है। जबकि कांग्रेस पार्टी लगातार अमेरिका में अडानी समूह पर लगे घूस देने के आरोपों पर मुखर रही। हाल ही में अमेरिकी संस्था हिंडेनबर्ग फिर से अडानी समूह के खिलाफ रिपोर्ट लेकर आई थी और उसने भारतीय नियामक संस्था SEBI को भी घसीट लिया था। SEBI अध्यक्ष माधवी पुरी बुच के खिलाफ एक तरह से कृष्णानगर की सांसद महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया पर मोर्चा ही खोल लिया था। दिसंबर 2023 में महुआ मोइत्रा को संसद से निलंबित भी किया गया था।
TMC में अलग-थलग पड़ीं महुआ मोइत्रा?
इसका कारण था – उन पर दुबई स्थित कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर संसद में अडानी समूह को निशाना बनाए जाने के लिए एजेंडा वाले सवाल पूछने का आरोप था। आरोप था कि बदले में उन्होंने कैश और महँगे तोहफे लिए। उन्हें अपना सरकारी बँगला तक खाली करना पड़ा था। महुआ मोइत्रा को पहले भी इस मामले पर TMC का समर्थन नहीं था, क्योंकि अप्रैल 2022 में हुए बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में गौतम अडानी पहुँचे थे और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनसे मुलाकात भी की थी। महुआ मोइत्रा की अडानी-घृणा इसी से समझी जा सकती है कि हाल ही में उन्होंने एक के बाद एक ट्वीट में अमेरिकी संस्थाओं को टैग कर कार्रवाई की माँग की थी।
लेकिन, अब साफ़ हो गया है कि पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी गौतम अडानी और उनके अडानी समूह से दुश्मनी नहीं लेना चाहतीं और इस मुद्दे पर पार्टी कांग्रेस के साथ नहीं है। साथ ही अडानी का विरोध अब महुआ मोइत्रा का व्यक्तिगत एजेंडा रह गया है। हरियाणा और महाराष्ट्र की हार के बाद I.N.D.I. गठबंधन में कांग्रेस पार्टी और TMC में महुआ मोइत्रा – दोनों ही अलग-थलग कर दी गई हैं।