‘यीशु सब ठीक कर देंगे’ और मेरा यशु-यशु…’ से लेकर ‘मेरी बहन पहले नहीं बोल पाती थी, अब बोलने लगी’ तक ईसाई पादरियों की चंगाई सभा के हजारों वीडियो और मीम सोशल मीडिया पर जरूर देखे होंगे। हाथों के इशारे से लोगों को ठीक करने का दावा करने वाले ईसाई पादरी कई बार खुद हॉस्पिटल में इलाज कराते नजर आते हैं। लेकिन इसके बाद भी चंगाई सभाएं बंद नहीं होतीं और बीमारों को ठीक करने का दावा होता रहता है। इन सबके चलते बीमार और अधिक बीमार हो जाते हैं और फिर उनकी मौत हो जाती है। कुछ ऐसा ही दलित परिवार की 8 वर्षीय लड़की भव्यश्री के साथ हुआ।
मामला आंध्र प्रदेश के नेल्लोर का है। 8 साल की भव्यश्री को ब्रेन ट्यूमर था। ठीक करने का दावा कर उसे 40 दिन तक चर्च में रखा गया। इस दौरान उसका इलाज करने के बजाय उससे मज़हबी काम कराए जा रहे थे। ईसाई पादरी भोले-भाले दलित परिवार को लगातार यह कहता रहा कि वह सब ठीक कर देगा। लेकिन भव्यश्री की हालत और खराब होती चली गई। इसके बाद 9 दिसंबर को उसने दम तोड़ दिया।
Who killed this minor girl?
Bhavyashree (8) had been dealing with headaches and vomiting for some time, which turned out to be symptoms of a tumor that required surgery. Due to a financial crisis, her family chose faith healing over medical treatment and took her to a church… pic.twitter.com/NZ0gnLlCKK
— Subhi Vishwakarma (@subhi_karma) December 11, 2024
पूरी कहानी यह है कि भव्यश्री एक गरीब परिवार की लड़की थी और उसकी तबीयत खराब हुई तो परिजनों ने उसकी जांच करवाई। जहां उसे ब्रेन ट्यूमर निकला। डॉक्टरों ने सर्जरी कराने के लिए कहा, लेकिन इलाज महंगा था। भव्यश्री के पिता लक्ष्मैया और मां लक्ष्मी को रिश्तेदारों ने इलाज कराने की बजाय चर्च में जाने की सलाह दी।
इसके बाद भव्यश्री को नजदीक में स्थित एक चर्च में ले जाया गया। जहां, चर्च के पादरी और अन्य लोगों ने भव्यश्री को ठीक करने का दावा किया। सीधे शब्दों में कहें तो बीमार को इलाज का झांसा दिया और भव्यश्री के भोले-भाले माता-पिता झांसे में फंस गए। पादरी ने ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित भव्यश्री को चर्च में रखने के लिए कहा। वहां उससे लगातार ईसाई क्रिया-कलाप कराए जाते रहे। इस दौरान उसकी तबीयत बिगड़ती चली गई और इलाज करने के बजाय उसे चर्च में ही रखा गया और 40 दिन बाद देश के भविष्य का दीपक हमेशा के लिए बुझ गया।