भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने बुधवार को ब्रिस्बेन में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट के बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। अश्विन टीम इंडिया के लिए अभी तक 106 टेस्ट मैच खेल चुके हैं और इनमें अश्विन ने 537 विकेट लिए हैं। अश्विन टेस्ट में भारत के लिए दूसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं और वह इस मामले में केवल अनिल कुंबले (619 विकेट) से पीछे थे। अश्विन ने तीसरे टेस्ट के बाद में कप्तान रोहित शर्मा के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “एक भारतीय क्रिकेटर के रूप में आज मेरे लिए आखिरी दिन होगा।” वहीं, कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि वह अपने फैसले को लेकर बहुत आश्वस्त थे और वह जो चाहते हैं हमें उस पर ही कायम रहना चाहिए।
संन्यास का ऐलान करते समय भावुक हुए अश्विन
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने संन्यास का एलान करते समय रविचंद्रन अश्विन भावुक नज़र आए। उन्होंने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय क्रिकेट के तौर पर यह मेरा आखिरी दिन है। मैं इंटरनेशनल क्रिकेट में सभी फॉर्मेट से संन्यास ले रहा हूं। अभी मुझमें क्रिकेट बाकी है लेकिन अब मैं इसका प्रदर्शन क्लब स्तर के क्रिकेट में करूंगा”
RAVI ASHWIN ANNOUNCES HIS RETIREMENT.
– An emotional speech by Ash. 🥹❤️pic.twitter.com/ZkVoKVD0m0
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) December 18, 2024
अश्विन ने इस दौरान अपने करियर को याद करते हुए कहा, “मैंने अपने करियर में खेल का खूब लुत्फ उठाया और इससे मेरी कई शानदार यादें जुड़ी हुई हैं। मुझे रोहित शर्मा और कई साथियों के साथ बिताया वो वक्त याद है। जो खिलाड़ी अब टीम का हिस्सा नहीं है उनकी यादें भी ड्रेसिंग रूम में उनके साथ जुड़ी हुई हैं।” उन्होंने अपने कोच और BCCI को धन्यवाद देते हुए कहा, “(शुक्रिया करने के लिए) कई नाम हैं, इनमें सबसे अहम हैं, रोहित, विराट कोहली, अजिंक्य, पुजारा…जिन्होंने मेरी गेंदों पर कई अच्छे कैच लिए हैं। मेरे लिए ये एक बहुत भावुक लम्हा है।”
अश्विन के संन्यास में रोहित-विराट के लिए क्या है संदेश?
रविचंद्रन अश्विन के संन्यास के बाद टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली पर भी अब दबाव होगा। दोनों ही प्लेयर लंबे समय से आउट ऑफ फॉर्म चल रहे हैं। बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में कोहली के बल्ले से एक शतक तो निकला है लेकिन इसके अलावा वह भी कुछ खास नहीं कर पाए हैं। वहीं रोहित तो अपने करियर के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं। पिछली 13 परियों के रिकॉर्ड को देखें तो रोहित के बल्ले से मात्र एक अर्धशतक ही निकला है। बड़ी बात यह है कि इस दौरान ऐसा बहुत कम बार हुआ है जब रोहित बड़ा शॉट खेलने के चलते आउट हुए हों। इसका सीधा मतलब यह है कि रोहित बल्ले के साथ संघर्ष कर रहे हैं।
वहीं, बात कोहली की करें तो कोहली ऑफ स्टंप के बाहर जाती गेंदों को छेड़ते हुए लगातार आउट हो रहे हैं। ऐसे में उन्हें इस पर ध्यान देना होगा। टीम इंडिया के पास लंबी बेंच स्ट्रेंथ है। युवा खिलाड़ियों की कोई कमी नहीं है। पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने रोहित के बिना ही जीत दर्ज की थी। जिस पिच पर रोहित और विराट फेल हो रहे हैं, वहीं नीतीश रेड्डी जैसे युवा बल्लेबाज के बल्ले से रन निकल रहे हैं। तो साफ है कि इन दोनों ही दिग्गज क्रिकेटर्स का या तो फॉर्म में वापसी करनी होगी या फिर अश्विन की तरह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट या कम से कम टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहते हुए नए प्लेयर्स को मौका देना होगा।
कैसा रहा है अश्विन का रिकॉर्ड?
अश्विन ने 5 जून 2010 को श्रीलंका के खिलाफ भारत के लिए अपना अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू किया था। अश्विन ने 106 टेस्ट मैचों में 537 विकेट, 116 वनडे मैच में 156 विकेट और 65 T20I में 72 विकेट लिए हैं। अश्विन ने टेस्ट में 37 बार 5 विकेट लिए हैं। अश्विन ने ना केवल गेंदबाजी बल्कि बल्लेबाज़ी में भी अपने जौहर दिखाए हैं। अश्विन ने टेस्ट मैचों में 6 शतकों और 14 अर्धशतकों की बदौलत 151 पारियों में 3,503 रन बनाए हैं। वहीं, वनडे और T20I में क्रमश: 707 और 184 रन बनाए हैं।