संभल में हुई वीभत्स हिंसा पर बोलते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस और सपा पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने विपक्ष पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया है। मायावती ने कहा, “ये पार्टियां निजी स्वार्थ के लिए संभल में मुस्लिम समुदायों को आपस में लड़वा रही हैं।”
क्या बोलीं मायावती?
बसपा सुप्रीमो मायावती ने मीडिया को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस और सपा को बांग्लादेश में हो रहे हिन्दू नरसंहार और संभल में हुए दंगों को लेकर जमकर निशान साधा है। उन्होंने कांग्रेस और सपा पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए कहा, “संसद में विपक्ष देश व जनहित के मुद्दे न उठाकर अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए (खासकर सपा व कांग्रेस पार्टी) संभल में हुई हिंसा के बहाने मुस्लिम मतदाताओं को खुश करने की कोशिश में लगा हुआ है। उन्हें अन्य मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है। ये पार्टियां मुस्लिम समुदायों को भी तुर्क और नॉन तुर्क में लड़वा रही हैं जिससे मुस्लिम समुदाय को भी सतर्क रहना होगा।”
विपक्ष के दलित कार्ड का पर्दाफाश
दलित कार्ड के माध्यम से तुष्टिकरण की राजनीति करती आ रही कांग्रेस और सपा पार आगे बरसते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा, “बांग्लादेश में हिन्दू लोग जो बड़ी संख्या में जुल्म-ज्यादती के शिकार हो रहे हैं, उसमें अधिकांश संख्या उन दलितों की है जिनकी भारत देश में बाहुल्यता होते हुए भी बंटवारे में जबरन उनको बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को संविधान सभा में चुनकर भेजने की सजा के तौर पर पाकिस्तान को दे दिया गया था। यही दलित अब बांग्लादेश में हैं और इसीलिए कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी होने के बावजूद भी इस मुद्दे पर चुप है और केवल मुस्लिम वोट के लिए संभल-संभल चिल्ला रही है। इस मामले में कांग्रेस, सपा व इनके समर्थक दल एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं।”
बांग्लादेश से वापस लाएं जाएं प्रताड़ित
उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाए जिससे बांग्लादेश में शोषण का शिकार हो रहे दलित और अन्य कमजोर वर्ग के लोगों को और शिकार ना होना पड़े। मायावती ने कहा, “बांग्लादेश की सरकार से बात कर इन लोगों को भारत में वापस लाया जाए, इसके लिए हमारी पार्टी इनकी बहुत-बहुत आभारी होगी। वरना फिर दलितों के मामले में कांग्रेस व बीजेपी में हमारी पार्टी में कोई अंतर नहीं समझेगी।”
क्या है संभल विवाद?
21 नवम्बर को चंदौसी के कोट मोहल्ले में स्थित विवादित ढांचा ‘जामा मस्जिद’ के सर्वेक्षण के लिए पहुंची टीम को कट्टरपंथियों ने द्वारा घेर लिया गया था। देखते ही देखते पत्थरबाजी शुरू हो गई थी। पथराव के बाद हिरासत में लिए गए लोगों के घरों से विदेशी हथियार भी बरामद हुए हैं। साथ ही उपद्रवियों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी।