24 दिसंबर की रात हरियाणा के हल्का लोहारू में एक दुखद घटना घटी, जब शारदा महिला कॉलेज की एक दलित छात्रा ने सुसाइड कर ली। भिवानी की इस बीए फाइनल ईयर की छात्रा की दुखद मौत के पीछे एक गहरी कहानी है। उसके पिता आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे, जिसके चलते वह अपनी बेटी की 35 हजार रुपये की फीस नहीं भर पाए थे। कॉलेज ने फीस न भरने पर उसे बाहर निकाल दिया और पेपर देने के लिए भी कॉलेज में प्रवेश करने से मना कर दिया। इस मानसिक दबाव और निराशा के कारण उसने आत्महत्या का कदम उठाया। मृतका के पिता ने पुलिस में बयान दिया और कॉलेज के संचालक, उनके परिवार और प्रिंसिपल के खिलाफ मामला दर्ज कराया है, जिसमें आरोप है कि उन्होंने छात्रा को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया।
यह पूरा मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है। पिछले विधानसभा चुनाव में हल्का लोहारू से कांग्रेस विधायक राजबीर फरटिया ने शारदा कॉलेज को लड़कियों के लिए मुफ्त शिक्षा देने का वादा किया था और इसके जरिए वोट भी बटोरे थे। लेकिन अब जब यह हादसा हुआ, तो यह वादा खोखला साबित हुआ। कांग्रेस के नेता इस घटना पर हमला बोल रहे हैं, लेकिन क्या यह उसी पार्टी की नीयत नहीं है, जो सिर्फ वोटों के लिए दलितों का इस्तेमाल करती है?
भाजपा ने भी इस घटनाक्रम पर कांग्रेस को निशाना साधते हुए कहा है कि दलितों के प्रति कांग्रेस का रवैया हमेशा से ही अमानवीय रहा है, और अब इस घटना ने उनकी नीयत को पूरी तरह से उजागर कर दिया है।
दलितों का अपमान कांग्रेस की पुरानी परम्परा
इस घटना ने एक बार फिर राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। कांग्रेस ने इस मामले को लेकर नायब सरकार पर हमला बोला था, लेकिन भाजपा ने इसका जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस की यह पुरानी परंपरा है कि वह दलितों का अपमान करती आई है। भाजपा ने 31 दिसंबर को ट्वीट कर कहा, “दलितों पर अत्याचार करना और उन्हें प्रताड़ित करना कांग्रेस की पुरानी परंपरा है। बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर जी से लेकर अब तक कांग्रेस ने हमेशा दलित समाज के होनहारों को पढ़ाई से रोकने और उन्हें आगे बढ़ने से रोकने का काम किया है।”
दलितों पर अत्याचार करना उन्हें प्रताड़ित करना कांग्रेस की पुरानी परंपरा है। बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर जी से लेकर आज फरटिया गांव की दलित बेटी दीक्षा तक कांग्रेस और उसके नेताओं ने हमेशा दलित समाज के होनहारों को पढ़ने और उन्हें आगे बढ़ने से रोका है।
दलितों के नाम पर राजनीति… https://t.co/fXCS6JVUUB
— Haryana BJP (@BJP4Haryana) December 31, 2024
भाजपा ने कांग्रेस के नेता सुरजेवाला पर भी तंज करते हुए कहा कि उन्हें यह याद दिला देना चाहिए कि जिस कॉलेज में यह घटना घटी, वह कांग्रेस के एक नेता का है और जिस पर आरोप लगे हैं, वह कांग्रेस नेता के साले का बेटा है। इस मामले में विधायक राजबीर फरटिया का नाम भी जुड़ा है, जिनका गांव इस घटना से प्रभावित हुआ। लोहारू हल्के के विधायक का यह गांव गरीब दलित समुदाय का है, और आरोप है कि कॉलेज में दलित छात्रा के साथ शोषण भी हुआ है।
भाजपा ने कांग्रेस की तुष्टिकरण की इस राजनीति पर हमला बोलते हुए यह स्पष्ट किया कि हरियाणा सरकार किसी भी आरोपी को बख्शेगी नहीं, चाहे उसका रसूख कितना भी बड़ा क्यों न हो। भाजपा ने यह भी कहा कि हरियाणा में “बाहन-बेटी सबकी बराबर” की नीति लागू होगी और कोई भी कोशिश महिलाओं के सम्मान को चोट पहुंचाने की नहीं सफल होगी।
पूर्व मंत्री जेपी दलाल ने की कांग्रेस विधायक के इस्तीफे की मांग
पूर्व मंत्री जेपी दलाल ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “लड़की ने दबाव में आकर आत्महत्या की। यह एक घिनौनी घटना है। पैसे की वजह से बेटी को आत्महत्या करनी पड़ी। कांग्रेस विधायक के साले का बेटा लड़की को फोन करता था, जिससे वह मानसिक रूप से परेशान हो गई थी।”
उन्होंने यह भी कहा, “राजवीर फरटिया को इस मामले का जवाब देना चाहिए। कांग्रेस को अपने विधायक से इस्तीफा लेना चाहिए। घिनौना काम करने वाले विधायक को समाज माफ नहीं करेगा।”
हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन ने लिया संज्ञान
इस संवेदनशील मामले पर अब हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने भी गंभीरता से संज्ञान लिया है। उन्होंने भिवानी के एसपी को निर्देश दिए हैं कि इस मामले में कठोर कार्रवाई की जाए। रेनू भाटिया ने कहा, “इस दुखद घटना को लेकर सख्त कदम उठाए जाएं, ताकि दोषियों को सजा मिल सके और ऐसी घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।”
संचालक समेत 4 लोगों के खिलाफ दर्ज की गई FIR
लोहारू थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि मृतका छात्रा के पिता, जगदीश की शिकायत के आधार पर कॉलेज की प्रिंसिपल, हनुमान और उनके परिवार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। मामले की तफ्तीश की जा रही है, और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, इस मामले को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। कांग्रेस के नेताओं ने नायब सरकार पर आरोप लगाए, जबकि भाजपा ने पलटवार करते हुए सवाल उठाया कि दलितों के कल्याण और उनके अधिकारों के लिए कांग्रेस ने कभी गंभीर कदम नहीं उठाए, बल्कि चुनावी फायदा उठाने के लिए इन मुद्दों का इस्तेमाल किया। ऐसे में यह घटनाक्रम न केवल एक छात्रा की मौत की कहानी है, बल्कि इसके पीछे गहरे राजनीतिक और सामाजिक सवाल भी खड़े कर रहे हैं, जो अब सभी के सामने हैं।