हरियाणा और महाराष्ट्र की जीत के बाद उत्साहित बीजेपी को अंदरूनी सर्वे में भी दिल्ली फतह की उम्मीद नजर आ रही है। हरियाणा और महाराष्ट्र की चुनावी जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी का मनोबल बढ़ा हुआ है। अब बढ़े मनोबल के साथ पार्टी देश की राजधानी दिल्ली का किला फतह करना चाहती है। दरअसल भाजपा को अपने अंदरूनी आंकलन में भी दिल्ली में जीत करीब नजर आ रही है।
दिल्ली फतह के लिए पार्टी ने जो रणनीति बनाई है उसमें पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी को घेर कर उन्हें सियासी मात देने की है। इस प्रयास में पार्टी नेतृत्व दोनों ही नेताओं के सामने मजबूत उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है।
केजरीवाल को चुनौती दे सकते हैं प्रवेश, तो आतिशी के सामने उतर सकते हैं बिधूड़ी
सूत्रों की मानें अरविंद केजरीवाल को चुनौती देने के लिए भाजपा नेतृत्व पूर्व सांसद एवं युवा नेता प्रवेश वर्मा को नई दिल्ली से मैदान में उतारने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के पुत्र एवं पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा ने नई दिल्ली सीट से जमीनी स्तर पर चुनावी तैयारी शुरू भी कर दी है। तो आतिशी की कालकाजी विधानसभा से पूर्व सांसद रमेश बिधूडी चुनाव में उतरना चाह रहे हैं। दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी की नजर दिल्ली की पॉश सीट मानी-जाने वाली ग्रेटर कैलाश पर है।
यहां से दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज अभी विधायक हैं। दरअसल भाजपा की रणनीति आम आदमी पार्टी के सभी बड़े चेहरों के खिलाफ अपने बड़े नेताओं को मैदान में उतारने की है। पार्टी किसी भी सीट पर आम आदमी पार्टी को वॉकओवर देने के मूड में नहीं है।
अंदरूनी सर्वे में भाजपा को जीत की उम्मीद
भाजपा की चुनावी रणनीति से जुड़े एक नेता के मुताबिक दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी अपनी जीत का सूखा समाप्त करने की स्थिति में है। पार्टी के सर्वे के अनुसार अभी के हालातों में उसे 30 सीटें मिलती दिख रही हैं। जबकि 70 सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 36 सीटों की जरूरत है। भाजपा रणनीतिकारों के अनुसार पार्टी उम्मीदवारों के चयन और केंद्रीय नेताओं द्वारा प्रचार की कमान सँभालने के बाद पार्टी की स्थिति में इजाफा होगा।
इसलिए इस बार के विधानसभा में पार्टी को जीत की पूरी उम्मीद है। यही वजह है कि अरविंद केजरीवाल और आतिशी के खिलाफ आने वाले दिनों में भाजपा और मुखर रूप अपनाने वाली है।
केजरीवाल की चमक पड़ी फीकी!
भाजपा के चुनाव से जुड़े नेताओं के अनुसार शराब घोटाले और लोकसभा में चुनावी हार के बाद आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े नेता अरविंद केजरीवाल की चमक इधर फीकी पड़ी है। जबकि दूसरी ओर लोकसभा में जीत के बाद हरियाणा और महाराष्ट्र में मिली भाजपा की जीत से पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता जनता के बीच अब भी चरम पर है। इसलिए भाजपा को आम आदमी पार्टी के खिलाफ नेतृत्व के मामले में भी बढ़त की उम्मीद है।
पार्टी का आंकलन है कि शराब घोटाले में फंसने के बाद से केजरीवाल की छवि धूमिल हुई है। इसका सीधा लाभ भाजपा को ही होगा।