भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह निगमबोध घाट पर पंचतत्व में विलीन हो गए। रविवार सुबह उनके परिवार ने अस्थियां एकत्र कर यमुना नदी के तट पर स्थित ‘अस्थि घाट’ पर विसर्जित कीं। लेकिन इस भावुक पल में कांग्रेस का कोई बड़ा नेता या गांधी परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं था। भाजपा ने इस संवेदनहीनता पर कांग्रेस को घेरा, लेकिन मामला यहीं नहीं रुका। भाजपा ने खुलासा किया कि जहाँ देश डॉ. मनमोहन सिंह के शोक में है, वहां कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद राहुल गांधी वियतनाम में न्यू ईयर मनाने के लिए रवाना हो गए हैं। यह न केवल कांग्रेस की विचारधारा पर सवाल उठाता है, बल्कि इस बात का भी प्रमाण है कि कांग्रेस नेतृत्व को अपनी छवि चमकाने तक ही सीमित है।
कांग्रेस को मनमोहन विरोधी बता भाजपा ने लगाए गंभीर आरोप
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने राहुल गांधी के वियतनाम दौरे पर तीखा हमला करते हुए लिखा, “जब देश पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक मना रहा है, राहुल गांधी विदेश में न्यू ईयर मनाने चले गए। यह तब हुआ जब पूरा देश 7 दिनों के शोक में डूबा है।”
While the country is mourning Prime Minister Dr Manmohan Singh’s demise, Rahul Gandhi has flown abroad to bring in the New Year even as nation observes 7 days of mourning
Congress doesn’t care for Dr Manmohan Singh
They abused and insulted him during his lifetime
They… pic.twitter.com/DRMU9375eM
— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) December 30, 2024
उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस को डॉ. मनमोहन सिंह की कोई परवाह कभी नहीं रही। उन्होंने अपने जीवनकाल में उन्हें बार-बार अपमानित किया और अब उनके निधन के बाद भी वही रवैया जारी है।”
पूनावाला ने यह भी आरोप लगाया कि, “डॉ. मनमोहन सिंह की अस्थियां लेने के लिए कांग्रेस का कोई बड़ा नेता मौजूद नहीं था। और यह तो और भी शर्मनाक है कि कांग्रेस ने उन्हें भारत रत्न देने से भी वंचित रखा, जैसा कि हाल ही में सामने आया है।”
उन्होंने कांग्रेस की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा, “यह वही पार्टी है जो डॉ. मनमोहन सिंह का इस्तेमाल केवल अपनी सुविधा के लिए करती रही, लेकिन जब उनके सम्मान की बात आई, तो हर बार उन्हें नजरअंदाज कर दिया। यह कांग्रेस का असली चेहरा है।”
राहुल गाँधी Vs प्रधानमंत्री मोदी
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के शोककाल में राहुल गांधी का वियतनाम दौरा कांग्रेस के नेतृत्व की प्राथमिकताओं पर एक गंभीर सवाल खड़ा करता है। दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. सिंह के प्रति गहरी संवेदनशीलता और सम्मान का प्रदर्शन किया।
27 दिसंबर को, प्रधानमंत्री मोदी को स्वामित्व योजना के तहत 50 लाख से अधिक लोगों को प्रॉपर्टी कार्ड वितरित करने थे। यह एक विशाल राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम था, जिसमें करोड़ों लोगों की भागीदारी और देशभर में मंत्रियों की मौजूदगी सुनिश्चित थी। लेकिन, डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद, प्रधानमंत्री ने बिना किसी दिखावे के यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया।
यह घटना केवल एक कार्यक्रम के रद्द होने की नहीं, बल्कि नेतृत्व में जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के फर्क को उजागर करती है। जहां पीएम मोदी ने डॉ. सिंह की विरासत का सम्मान किया, वहीं राहुल गांधी का कथित निजी दौरा यह दर्शाता है कि उनके लिए पार्टी के भीतर भी अपने वरिष्ठ नेताओं का सम्मान शायद प्राथमिकता नहीं है। यह विरोधाभास बताता है कि नेतृत्व केवल पद से नहीं, बल्कि संवेदनशीलता और जिम्मेदारी से परिभाषित होता है।