उत्तर प्रदेश में सालों से बंद पड़े मंदिर को फिर से खोलने की मुहिम तेज होती जा रही है। अब संभल के बाद कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय ने मुस्लिम बाहुल्य इलाके में बंद मंदिरों को खोलने की पहल की। शनिवार (21 दिसंबर, 2024) की सुबह प्रमिला पांडेय 7 थानों की फोर्स के साथ 5 मंदिरों पर पहुंची।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय 21 दिसंबर को कानपुर के मुस्लिम बाहुल्य इलाके बेकनगंज पहुंची। इसके बाद वह भारी पुलिस बल के साथ एक-एक कर 5 मंदिरों पर गिर गईं। सबसे पहले वह राम जानकी मंदिर पहुंचीं। इस मंदिर पर कानपुर हिंसा के आरोपित मुख्तार बाबा ने कब्जा कर रखा था। इतना ही नहीं वह मंदिर के पिछले हिस्से में बिरयानी बनवाता था। मंदिर में कूड़ा भरा देखकर मेयर नाराज हो गईं और वहां उपस्थित अधिकारियों से कब्जा खाली कराने के लिए कहा।
#कानपुर: कानपुर में मेयर ने शुरू किया मंदिरों को कब्जा मुक्त कराने की कवायद, बोलीं- फिर मत कहना अम्मा जी बताया नहीं
⚡मेयर ने बेकनगंज क्षेत्र में कई मंदिरों का निरीक्षण किया, कई मंदिर बेहद खराब हालत में मिले…कई मंदिरों को कूड़ा घर बना दिया गया था।@mayorkanpur#Kanpur #Mandir pic.twitter.com/wLkUAdxTaT
— Newslive 24×7 (@kanpurtak) December 21, 2024
इसके बाद वह पास में ही स्थित राधा-कृष्ण मंदिर पहुंचीं। मंदिर जीर्ण अवस्था में था, हालांकि इस पर किसी के कब्जे की जानकारी नहीं मिली। मेयर प्रमिला पांडेय यहीं नहीं रुकीं, वह भगवान शिव के मंदिर पहुंचे, जहां सिर्फ अवशेष ही मिले। इस मंदिर के पीछे के हिस्से में लोग रह रहे हैं। भगवान शिव के मंदिर के बाद वह 200 मीटर आगे बंद पड़े राधा-कृष्ण के मंदिर पहुंचीं, जिस पर शटर लगा हुआ था। इसका ताला तोड़कर देखा तो उसमें कूड़ा भरा हुआ था। मेयर ने मंदिर को साफ करने के लिए कहा। इसके बाद वह एक अन्य मंदिर पहुंची और उसे खाली कराकर साफ कराने का निर्देश दिया।
मंदिरों को देखने और कब्जा मुक्त कराकर उन्हें साफ करने का निर्देश देने के बाद मेयर प्रमिला पांडेय ने कहा कि सभी मंदिरों को खुलवाकर उनका जीर्णोद्धार कराया जाएगा। साथ ही, मंदिरों में रोज पूजा शुरू कराई जाएगी। मंदिरों के अवशेष पूरी तरह सुरक्षित हैं। मंदिरों से मूर्तियां कहां गईं, इसकी भी जांच होनी चाहिए। कानपुर नगर निगम ने बीते दिनों एक सर्वे कराया था। इस सर्वे में सामने आया था कि 120 से अधिक मंदिर मुस्लिम क्षेत्रों में बंद पड़े हैं।