कर्नाटक में एक ठेकेदार ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। मृतक ठेकेदार ने अपने सुसाइड नोट में कांग्रेस के आठ नेताओं पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। आरोपित युवक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे के करीबी बताए जा रहे हैं। मृतक ठेकेदार की पहचान सचिन मोंगप्पा के रूप में हुई। इस मामले में भाजपा कांग्रेस पर हमलावर है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, घटना कर्नाटक के बीदर जिले की है। ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या करने वाले सचिन मोंगप्पा ने 7 पन्नों का एक सुसाइड नोट छोड़ा है। इसमें उसने प्रियांक खड़गे के सहयोगी बताए जा रहे पूर्व पार्षद राजू कपनूर समेत 8 लोगों पर प्रताड़ित करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। साथ ही सुसाइड नोट में लिखा है कि कलबुर्गी महानगर पालिका के पूर्व पार्षद राजू कपनूर ने ठेका दिलाने के नाम पर उससे 15 लाख रुपए लिए थे। लेकिन ठेका नहीं दिलाया। पैसे वापस मांगने पर जान से मारने की धमकी देने के साथ ही आरोपित 1 करोड़ रुपए की मांग कर रहे थे।
मृतक ठेकेदार ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि ठेका लेने के लिए उसने आरोपितों के साथ मंत्री से भी मुलाकात की थी। इस मामले में, मृतक की बहन कविता पंचाल ने बीदर रेलवे पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। इसमें, उसने कांग्रेस नेताओं पर आत्महत्या करने के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। इस मामले में, रेलवे पुलिस इंस्पेक्टर बसवराज ने कहा कि उन्होंने एफआईआर में मंत्री का नाम नहीं लिखा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में प्रियांक खड़गे के कार्यालय के माध्यम से एक वीडियो जारी कर आरोपित राजू कपनूर ने खुद को पाक साफ बताया है। कपनूर ने वीडियो में कहा है कि उन्होंने मृतक सचिन को ठेका लेने के लिए बैंक से 50 लाख रुपए और 15 लाख रुपए नगद दिए थे। सचिन ने खुद को ठेकेदार बताया था, इसलिए उसने यह भुगतान उसे किया था। बाद में पता चला कि सचिन झूठ बोल रहा है और फिर वह फरार हो गया था।
बता दें कि इस मामले में आरोपित राजू कपनूर को साल 2022 में अवैध हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान उसके पास से दो देसी पिस्तौल और 30 गोलियां बरामद हुई थीं। प्रियांक खड़गे आत्महत्या ठेकेदार
इस पूरे मामले में भाजपा कांग्रेस पर हमलावर है। कर्नाटक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “ऐसा लगता है कि कांग्रेस सरकार के कुछ मंत्रियों ने अपने करीबी सहयोगियों को जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी दे दी है।” मंत्रियों के करीबी सहयोगियों द्वारा प्रताड़ित किए जाने के कारण लोगों द्वारा आत्महत्या किए जाने की पुरानी घटनाओं को याद दिलाते हुए भाजपा नेता ने कहा, “कांग्रेस सरकार परिवारों को अनाथ बना रही है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को तुरंत खड़गे से इस्तीफा मांगना चाहिए।”
वहीं इस मामले में प्रियांक खड़गे ने दावा किया है कि उन्हें घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है। साथ ही उन्होंने जांच में सहयोग करने का भरोसा दिलाया।