मुकदमे के दौरान बिस्मिल का साथी बनवारी लाल भार्गव गद्दारी कर गया और वह ईनाम की राशि और फाँसी से बचने के लिए सरकारी गवाह बन गया।
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू-  14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू- 14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू-  14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू- 14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

एक चादर की वजह से खुला था काकोरी ट्रेन एक्शन का राज… कहानी क्रांतिकारियों की, कहानी एक गद्दार की, कहानी बिस्मिल, रोशन और अशफाक की

मुकदमे के दौरान बिस्मिल का साथी बनवारी लाल भार्गव गद्दारी कर गया और वह ईनाम की राशि और फाँसी से बचने के लिए सरकारी गवाह बन गया।

khushbusingh1 द्वारा khushbusingh1
19 December 2024
in इतिहास, ज्ञान
काकोरी ट्रेन एक्शन,. बिस्मिल, अशफाक

काकोरी ट्रेन एक्शन के लिए बिस्मिल ने 9 क्रांतिकारियों को चुना था, जिनमें ठाकुर रोशन सिंह, राजेंद्र लाहिड़ी और अशफाक उल्लाह खान भी शामिल थे

Share on FacebookShare on X

19 दिसंबर का दिन भारतीय के क्रांतिवीरों ने इतिहास में अमर कर दिया है। अंग्रेजों के खिलाफ काकोरी ट्रेन एक्शन को अंजाम देने वाले पंडित राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ के नाम से विख्यात ठाकुर राम प्रसाद सिंह तोमर ‘बिस्मिल’, ठाकुर रोशन सिंह और अशफाक उल्लाह खाँ को आज के दिन सन 1927 में फाँसी दे दी गई थी। काकोरी ट्रेन एक्शन डकैती नहीं, बल्कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में मील का पत्थर था।

काकोरी के लिए निकले क्रांतिकारी, लेकिन निकल गई थी ट्रेन

दरअसल, 1925 आते-आते स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने वाले क्रांतिकारियों की आर्थिक हालत बेहद खराब हो गई थी। उनके पास कपड़े तक नहीं थे। पाई-पाई के मोहताज हो चुके थे। ऐसे में उनके लिए लड़ाई को जारी रखना मुश्किल होता जा रहा था। दूसरी तरफ पंडित जवाहरलाल नेहरू जैसे लोग अंग्रेजों के साथ नरमपंथी रवैया अपनाकर राजनीति की मुख्यधारा में आ गए थे। महात्मा गाँधी, नेहरू, राजा जी जैसे नेताओं की कद्र थी, लेकिन इन क्रांतिकारियों के लिए उन सबके मन में कोई सहानुभूति नहीं थी। कह सकते हैं कि इसके पीछे वैचारिक वजह रही होगी। हालाँकि, मकसद एक हो तो वैचारिक मतभेद मायने नहीं रखता।

संबंधितपोस्ट

हिंदुस्तान रिपब्लिकन असोसिएशन के 100 वर्ष : अदम्य साहस एवं जीवटता का अद्भुत संगम

और लोड करें

खैर जो भी हो, आजादी की लड़ाई लड़ रहे क्रांतिकारियों पर इस समय तक काफ़ी कर्ज़ भी हो चुका था। ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन‘ के संचालन के लिए पैसों और हथियारों की कमी पड़ गई। इसके बाद राम प्रसाद ने सरकारी खजाना लूटने की योजना बनाई। राम प्रसाद सिंह तोमर ‘बिस्मिल’ ने अपनी आत्मकथा में लिखा है, “मैंने गौर किया था कि गार्ड के डिब्बे में रखे लोहे के संदूक में टैक्स का पैसा होता है। एक दिन मैंने लखनऊ स्टेशन पर देखा कि गार्ड के डिब्बे से कुली लोहे के संदूक को उतार रहे हैं। मैंने नोट किया कि उसमें न तो ज़ंजीर थी और न ही ताला लगा हुआ था। मैंने उसी समय तय किया कि मैं इसी पर हाथ मारूँगा।”

इस मिशन के लिए राम प्रसाद सिंह बिस्मिल ने अपने और 9 क्रांतिकारियों को चुना। इनमें ठाकुर रोशन सिंह, अशफाक उल्लाह खाँ, राजेंद्र लाहिड़ी, सचींद्र बख्शी, मुकुंदी लाल, बनवारी लाल भार्गव, मंमथनाथ गुप्त, मुरारी लाल शर्मा और चंद्रशेखर आजाद शामिल थे। बिस्मिल ने इस सरकारी खजाने को लूटने के लिए काकोरी नाम के एक छोटे से स्टेशन को चुना। यह लखनऊ से आठ किलोमीटर दूर शाहजहाँपुर रेल मार्ग पर स्थित था। इस खजाने को लूटने के लिए सन 1925 में 8 अगस्त का दिन तय किया गया। इस घटना को अंजाम देने से पहले ये लोग काकोरी जाकर वहाँ का जायजा लिया। हालाँकि, यह मिशन नाकाम हो गया, क्योंकि ये क्रांतिकारी जैसे ही प्लेटफॉर्म पर पहुँचे, वह ट्रेन वहाँ से निकल चुकी थी।

एक चादर की वजह से खुल गया काकोरी ट्रेन एक्शन का राज़

अगले दिन 9 अगस्त को सभी लोग फिर काकोरी के लिए निकले। उन्हें चंद्रशेखर आजाद और अशकाक उल्लाह ने समझाने की कोशिश की, लेकिन बिस्मिल नहीं माने। इसके बाद चंद्रशेखर आजाद और अशफाक चुपचाप अपने नेता की बात मान गए। इन लोगों के पास चार माउजर और रिवॉल्वर थे। इन्होंने तय किया था कि वे खजाना लूटने के दौरान किसी को नुकसान नहीं पहुँचाएँगे। इन लोगों ने अलग-अलग ग्रुप में फर्स्ट और सेकेंड क्लास में ट्रेन में चढ़ने की योजना बनाई थी और काकोरी के पास ट्रेन की चेन खींचकर रोकने का प्लान तय किया था। अब तक सब कुछ तय प्लान के तहत ही हो रहा था। ट्रेन रोक दी गई और खजाने को लूट लिया गया। इसमें लगभग 4679 रुपए हाथ लगे।

इस लूट की चर्चा पूरे देश में हो रही थी और देशवासी इन नवजवानों की साहस को सलाम कर रहे थे। उधर, अंग्रेज अधिकारी इस लूट में शामिल लोगों की तलाश कर रहे थे। हालाँकि, उन्हें कोई सबूत नहीं मिल रहा था। इसी बीच इन क्रांतिकारियों में से किसी की चादर ट्रेन में ही छूट गई। उससे पता चला कि ये काम ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ से जुड़े क्रांतिकारियों का है। इसके बाद अंग्रेजी सरकार ने व्यापक रूप से क्रांतिकारियों की गिरफ्तारियाँ कीं। सरकार ने काकोरी हमले में शामिल लोगों की गिरफ़्तारी के लिए 5000 रुपए का इनाम रखा था। इससे संबंधित विज्ञापन सभी रेलवे स्टेशन और थानों पर चिपकाए गए थे।

बिस्मिल, रोशन, राजेंद्र और अशफाक उल्लाह को फाँसी

ब्रिटिश सरकार ने तीन महीने में करीब 40 लोगों को पकड़ लिया। चंद्रशेखर आजाद को छोड़कर इस शामिल सभी 9 क्रांतिकारी पकड़े गए। सबसे अंत में राम प्रसाद सिंह बिस्मिल गिरफ्तार हुए थे। इन सभी लोगों पर लूट और हत्या का मुकदमा चलाया गया, क्योंकि खजाना लूटने के दौरान फायरिंग में एक मौत हो गई थी। मुकदमे के दौरान बिस्मिल का साथी बनवारी लाल भार्गव गद्दारी कर गया और वह ईनाम की राशि और फाँसी से बचने के लिए सरकारी गवाह बन गया। अप्रैल 1927 में इस मामले में फैसला सुनाया गया और राम प्रसाद सिंह बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, अशफाक उल्लाह खाँ और राजे्ंदर लाहिड़ी को फाँसी की सजा सुनाई गई।

इसके बाद 19 दिसंबर 1927 को राम प्रसाद सिंह बिस्मिल को गोरखपुर, ठाकुर रोशन सिंह को मलाका जेल और अशफाक उल्लाह खाँ को फैजाबाद जेल में फाँसी दे दी गई। राजेंद्र लाहिड़ी को इससे दो दिन पहले यानी 17 दिसंबर को गोंडा जेल में फाँसी दे दी गई थी। मन्मनाथ गुप्त उस समय 14 साल के थे। इसलिए उनकी फाँसी को उम्रकैद में बदल दिया गया। आगे चलकर उन्हें 1937 में रिहा कर दिया गया।

अपनी फाँसी से दो दिन पहले ही राम प्रसाद सिंह तोमर ‘बिस्मिल’ अपनी आत्मकथा को पूरा किया था। उनके और साथियों के साथ की गई छल को लेकर उन्होंने इस किताब में लिखा है, “दुर्भाग्यवश हमारे बीच भी एक साँप रह रहा था। वो उस शख़्स का बहुत क़रीबी दोस्त था, जिस पर मैं आँख मूँद कर विश्वास करता था। मुझे बाद में पता चला कि ये शख़्स न सिर्फ़ काकोरी टीम की गिरफ़्तारी, बल्कि पूरे संगठन को खत्म करने के लिए ज़िम्मेदार था।” हालाँकि, अपने दोस्त के प्रति आदर दिखाते हुए बिस्मिल ने उसका नाम नहीं छापा, लेकिन प्राची गर्ग ने अपनी किताब ‘काकोरी द ट्रेन रॉबरी देट शुक द ब्रिटिश राज’ में उस शख्स का नाम बताया है। वह शख्स था बनवारी लाल भार्गव।

प्राची ने अपनी किताब में लिखा है, “बनवारी लाल भार्गव हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्य था। काकोरी ट्रेन लूट में उसकी भूमिका हथियार सप्लाई करने की थी। अंग्रेजों ने मुकदमा चलाया तो वह फाँसी से बचने और आर्थिक सहायता के एवज़ में भार्सग सरकारी गवाह बन गया।” इस तरह देश के क्रांतिवीरों ने आजादी के लिए अपने आप को न्योछावर कर दिया। हालाँकि, बिस्मिल की फाँसी के बाद उनका परिवार बेहद गरीबी और भूखमरी में तिलतिल कर मरा और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भीमराव अंबेडकर जैसे अपने विरोधियों को साइड लगाने में लगे रहे। उन्होंने अन्य क्रांतिकारियों की कभी सुध नहीं ली, सिवाय राजनीति के।

स्रोत: Kakori Train Action, काकोरी ट्रेन एक्शन, Ram Prasad Bismil, राम प्रसाद बिस्मिल, Ashfaqulla Khan, अशफाक उल्लाह खान
Tags: Ashfaqulla KhanKakori Train ActionRam Prasad Bismilअशफाक उल्लाह खानकाकोरी ट्रेन एक्शनराम प्रसाद 'बिस्मिल'
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘राहुल गांधी मेरे बहुत करीब आ गए और…’: रोने लगीं महिला जनजातीय सांसद; होगी FIR!

अगली पोस्ट

कट्टरपंथियों के निशाने पर उज्जैन के निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर सुमनानंद गिरी, मिली सर तन से जुदा की धमकी

संबंधित पोस्ट

भारतीय दर्शन और संविधान
इतिहास

भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

2 December 2025

भारतीय ज्ञान परंपरा में नागरिकता (Citizenship) का विचार आधुनिक “राज्य–नागरिक” (State–Citizen) ढाँचे से भले अलग रहा हो, पर इसका इतिहास अत्यंत प्राचीन, समृद्ध और बहुआयामी...

तालोम रुकबो
इतिहास

अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

1 December 2025

कुछ ऐसे राष्ट्रनायक हुए हैं, जिनके योगदान को सामने लाने में इतिहास ने हमेशा कोताही बरती है। अरुणाचल प्रदेश के तालोम रुकबो भी उन्ही में...

राजा महेंद्र प्रताप सिंह
इतिहास

राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

1 December 2025

"हमारी आज़ादी के आंदोलन में कई महान व्यक्तित्वों ने अपना सबकुछ खपा दिया. लेकिन यह देश का दुर्भाग्य रहा है कि आज़ादी के बाद ऐसे...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited