मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में 500 साल पुराने ऐतिहासिक मंदिर में आग लग गई। मंदिर लकड़ी का बना हुआ था। आग लगने के कारण मंदिर की दीवारें व अंदर स्थापित मूर्तियां जल गईं। मंदिर में भगवान श्रीराम सम्पूर्ण दरबार समेत विराजमान थे। राज परिवार द्वारा बनवाया गया मंदिर मुस्लिम बाहुल्य इलाके में था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
आग लगने की यह घटना खंडवा जिले के भामगढ़ गांव की है। यहां, शुक्रवार (27 दिसंबर, 2024) देर रात अज्ञात कारणों से मंदिर में लग गई। भीषण आग लगने के चलते मंदिर का ढांचा गिर गया। भास्कर ने रिपोर्ट में, मंदिर के पुजारी सेतु पांडेय के हवाले से कहा है कि रात करीब डेढ़ बजे (1:30 बजे) स्थानीय लोगों ने उन्हें मंदिर में आग लगने की सूचना दी। मंदिर से लगा पूरा गांव था। इससे बड़ा हादसा हो सकता था। लेकिन भगवान श्रीराम ने गांव वालों को बचाते हुए संकट अपने ऊपर ले लिया।
खंडवा राम मंदिर में लगी भीषण आग
मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के प्रसिद्ध श्री राम मंदिर में अचानक लगी भीषण आग ने लाखों रुपये का सामान नष्ट कर दिया, जहां भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता की दो-दो मूर्तियां विराजमान हैं. यही नहीं यहां भगवान राम और लक्ष्मण की मूंछों वाली मूर्तियां… pic.twitter.com/DLy2dl6dwx
— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) December 28, 2024
इसके बाद ग्रामीणों ने मिलकर आग बुझाने की कोशिश की। चूंकि मंदिर लकड़ी का बना हुआ था। इसलिए एक बार आग लगने के बाद, भड़कती चली गई और उसे बुझाया नहीं जा सका। स्थानीय थाना प्रभारी गंगा प्रसाद वर्मा का कहना है कि मंदिर में आग लगने की सूचना मिलते ही मौके पर तुरंत ही टीम भेजी गई थी। साथ ही, आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की 3 गाड़ियां भी भेजी गई थीं।
पुलिस ने यह भी कहा कि शुरुआती पूछताछ के आधार पर ऐसा लगता है कि मंदिर में रखे दीपक के कारण आग लगी है। हालांकि सब कुछ जांच के बाद ही कहा जा सकता है। राजस्व विभाग की टीम नुकसान का सर्वे कर रही है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर के आसपास मुस्लिम आबादी है। साथ ही मंदिर के पीछे अतिक्रमण और गंदगी फैलाने को लेकर आए दिन विवाद होते हैं। ग्रामीण मंदिर में लगी आग को लेकर उच्च स्तरीय जांच की मांग भी कर रहे हैं। मध्यप्रदेश राजभवन में पदस्थ प्रोफेसर डॉ. दीपमाला रावत का कहना है कि मंदिर में आग लगने की घटना का दुखद है। मंदिर आस्था के साथ-साथ निमाड़ क्षेत्र का गौरवशाली इतिहास भी था। सालों पहले भामगढ़ के राजा ने मंदिर बनवाकर मूर्ति की स्थापना की थी। यह एकमात्र ऐसा मंदिर था जहां भगवान राम की मूछ वाली मूर्ति थी। पूरी बागडोर देकर उन्हें राजा के रूप में विराजित किया था। गांव के लोग सेवक के रूप में राजा राम की सेवा करते थे।