मुंबई हादसे में मसीहा बने कैप्टन अनमोल: 12 लोगों की क्षमता वाली नाव लेकर बचाई 56 की जान

कैप्टन अनमोल श्रीवास्तव को उनकी असाधारण बहादुरी के लिए गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया जाएगा।

मुंबई नाव हादसा

मुंबई हादसे में मसीहा बने कैप्टन अनमोल (फोटो साभार: IndiaToday)

मुंबई में बुधवार (18 दिसंबर, 2024) को हुए हादसे में नाव डूबने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। नाव गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा के लिए रवाना हुई थी। इसी दौरान नेवी के एक जहाज से टकराकर वह पलट गई थी। हादसे के वक्त बोट में 100 से अधिक लोग सवार थे। इस हादसे के तुरंत बाद जहाज पायलट कैप्टन अनमोल श्रीवास्तव ने बहादुरी दिखाते हुए 56 लोगों की जान बचाई। कैप्टन अनमोल ने जिस जहाज से 56 लोगों को बचाया उसकी क्षमता मात्र 12 लोगों की थी।

दरअसल, मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा के लिए रवाना हुई नील कमल नामक एक बोट इंडियन नेवी के जहाज से टकराकर डूब गई थी। हादसे की सूचना मिलते ही नेवी ने अपना बचाव दल भेज दिया था। इसमें जहाज पायलट कैप्टन अनमोल श्रीवास्तव भी शामिल थे। कैप्टन अनमोल श्रीवास्तव जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह में आने-जाने वाले बड़े मालवाहक जहाजों के डायरेक्शन का जिम्मा संभालते हैं। हादसे के वक्त भी वह ड्यूटी पर थे। जब वह जहाज को एस्कॉर्ट करने के बाद बंदरगाह लौट रहे थे, तब उन्हें एक नाव के डूबने की सूचना मिली। कुछ ही मिनट के भीतर अनमोल घटना वाली जगह पर पहुंच गए थे।

इंडिया टूडे से बात करते हुए कैप्टन अनमोल श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें पता था कि जहां बोट पलटी है, वहां वह 5 मिनट के अंदर पहुंच सकते हैं। इसलिए शिप को पूरी तेजी से चलाया और जल्द ही वहां पहुंच गए थे। मौके पर पहुंचते तो वहां देखा कि बोट का आधा से अधिक हिस्सा डूब चुका था और बच्चों समेत कई लोग नाव के एक हिस्से को किसी तरह पकड़ कर खुद को बचाए हुए थे।

फिर क्या था, बिना किसी देरी के कैप्टन अनमोल श्रीवास्तव और उनकी टीम ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। लोगों को नाव पर लाने के लिए लाइफ जैकेट और स्टील की सीढ़ियां समुद्र में उतार दीं। कैप्टन अनमोल कहते हैं कि लोग सदमे में थे और बहुत अधिक घबराए हुए थे। वहां मौजूद हर कोई अपनी जान बचाने के लिए नाव में आना चाहता था। पहले तो बच्चों को फिर बुजुर्ग महिलाओं और अंत में पुरुषों को अपने जहाज पर ले आए। मुंबई नाव 

कैप्टन अनमोल कहते हैं कि उनके जहाज की क्षमता सिर्फ 12 लोगों को ले जाने की ही थी। लेकिन समुद्र में काम करने के अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने जहाज़ का पूरा आकलन किया और फिर 57 लोगों को बचाकर जहाज पर ले आए। बचाए हुए लोगों में सात साल का एक बच्चा भी था। हालांकि सीपीआर देने के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। इस भीषण हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। वहीं, एक व्यक्ति अब भी लापता बताया जा रहा है। जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण (जेएनपीए) ने घोषणा की है कि इस दुर्घटना में साहस का परिचय देते हुए 56 लोगों की जान बचाने वाले कैप्टन अनमोल श्रीवास्तव को उनकी असाधारण बहादुरी के लिए गणतंत्र दिवस पर सम्मानित भी किया जाएगा। Mumbai tragedy How mariner saved 56 people using boat that had capacity for 12

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