जब राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू से ड्राफ्टिंग कमिटी के अध्यक्ष पद के लिए कोई नाम सुझाने को कहा तो नेहरू ने ब्रिटिश नागरिक आइवर जेनिंग्स का नाम आगे बढ़ाया।
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    मोहन भागवत: 75 की उम्र में भारत की सभ्यतागत आवाज़

    मोहन भागवत: 75 की उम्र में भारत की सभ्यतागत आवाज़

    नेपाल की सड़कों से उठी पीएम मोदी की गूंज: विपक्ष के सपने फिर अधूरे

    नेपाल की सड़कों से उठी पीएम मोदी की गूंज: विपक्ष के सपने फिर अधूरे

    पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

    पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    चीन दुनिया के सामने खुद को शक्तिशाली दिखाता है, जबकि अपने ही देशवासियों से असुरक्षित महसूस करता है

    चीन भले ही दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शक्ति हो- लेकिन ड्रैगन के इस ‘शक्ति प्रदर्शन’ के पीछे  नागरिकों के उत्पीड़न की अंतहीन कहानियां छिपी हैं

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

    पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

    मोहनजोदड़ो में मिले ‘प्रीस्ट किंग’ एक बार फिर चर्चा में क्यों है? और 4 हजार वर्ष पुरानी प्रतिमा का प्रधानमंत्री मोदी से क्या है ‘कनेक्शन’ ?

    मोहनजोदड़ो में मिले ‘प्रीस्ट किंग’ एक बार फिर चर्चा में क्यों है? और 4 हजार वर्ष पुरानी प्रतिमा का प्रधानमंत्री मोदी से क्या है ‘कनेक्शन’ ?

    नेपाल से पहले इन देशों मे हो चुका है तख्तापलट- जानिए क्या थी वजह और और अब कहां है उन देशों के नेता?

    नेपाल से पहले इन देशों मे हो चुका है तख्तापलट- जानिए क्या थी वजह और और अब कहां है उन देशों के नेता?

    उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण और योगी आदित्यनाथ का सक्रिय नेतृत्व

    उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण और योगी आदित्यनाथ का सक्रिय नेतृत्व

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    मोहन भागवत: 75 की उम्र में भारत की सभ्यतागत आवाज़

    मोहन भागवत: 75 की उम्र में भारत की सभ्यतागत आवाज़

    नेपाल की सड़कों से उठी पीएम मोदी की गूंज: विपक्ष के सपने फिर अधूरे

    नेपाल की सड़कों से उठी पीएम मोदी की गूंज: विपक्ष के सपने फिर अधूरे

    पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

    पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    चीन दुनिया के सामने खुद को शक्तिशाली दिखाता है, जबकि अपने ही देशवासियों से असुरक्षित महसूस करता है

    चीन भले ही दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शक्ति हो- लेकिन ड्रैगन के इस ‘शक्ति प्रदर्शन’ के पीछे  नागरिकों के उत्पीड़न की अंतहीन कहानियां छिपी हैं

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

    पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

    मोहनजोदड़ो में मिले ‘प्रीस्ट किंग’ एक बार फिर चर्चा में क्यों है? और 4 हजार वर्ष पुरानी प्रतिमा का प्रधानमंत्री मोदी से क्या है ‘कनेक्शन’ ?

    मोहनजोदड़ो में मिले ‘प्रीस्ट किंग’ एक बार फिर चर्चा में क्यों है? और 4 हजार वर्ष पुरानी प्रतिमा का प्रधानमंत्री मोदी से क्या है ‘कनेक्शन’ ?

    नेपाल से पहले इन देशों मे हो चुका है तख्तापलट- जानिए क्या थी वजह और और अब कहां है उन देशों के नेता?

    नेपाल से पहले इन देशों मे हो चुका है तख्तापलट- जानिए क्या थी वजह और और अब कहां है उन देशों के नेता?

    उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण और योगी आदित्यनाथ का सक्रिय नेतृत्व

    उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण और योगी आदित्यनाथ का सक्रिय नेतृत्व

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

एडविना संग आंबेडकर की हार का जश्न मना रहे थे नेहरू: संविधान सभा में भी उनका रास्ता रोका, निधन के बाद भी नहीं मिटी घृणा

जब राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू से ड्राफ्टिंग कमिटी के अध्यक्ष पद के लिए कोई नाम सुझाने को कहा तो नेहरू ने ब्रिटिश नागरिक आइवर जेनिंग्स का नाम आगे बढ़ाया।

khushbusingh1 द्वारा khushbusingh1
19 December 2024
in इतिहास, चर्चित, ज्ञान, मत, राजनीति
जवाहर लाल नेहरू, डॉ बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर

अंबेडकर के राजनीतिक करियर खत्म करने के लिए कांग्रेस ने अंबेडकर के पूर्व पीए नारायण एस काजरोलकर को वहाँ से उम्मीदवार बना दिया

Share on FacebookShare on X

भारतीय संविधान के अपनाने के 75 साल पूरे होने के अवसर पर संसद के दोनों सदनों में इस पर चर्चा हो रही थी। इसी दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार (17 दिसंबर, 2024) को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के खिलाफ कांग्रेस के तिकड़म को लेकर कटाक्ष किया, लेकिन फेक न्यूज फैलाने में माहिर कांग्रेस ने उनके बयान को तोड़-मरोड़कर देश के सामने पेश कर दिया। शायद कांग्रेस भूल गई है कि कभी उसके नेता नेहरू अपनी मित्र एडविना के साथ अंबेडकर की हार का जश्न मनाते थे।

कांग्रेस ने अमित शाह पर आरोप लगा दिया कि उन्होंने डॉक्टर अंबेडकर का अपमान कर दिया, जबकि सच्चाई इससे बिल्कुल अलग थी। अमित शाह बार-बार कांग्रेस की अंबेडकर के खिलाफ किए गए षडयंत्रों को पेश कर रहे थे।

संबंधितपोस्ट

नेपाल की सड़कों से उठी पीएम मोदी की गूंज: विपक्ष के सपने फिर अधूरे

पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

सीपी राधाकृष्णन की जीत: राष्ट्रवादी संदेश, विपक्षी प्रतिक्रिया और भारतीय राजनीतिक परिदृश्य

और लोड करें

संविधान सभा में अंबेडकर को आने से रोकने के लिए कुचक्र

कांग्रेस ने अमित शाह के बयान के आधे-अधूरे क्लिप को चलाकर एक तीर से दो निशान करने की कोशिश की। पहली बात तो उसने डॉक्टर अंबेडकर के प्रति किए गए कांग्रेस के गुनाहों को छुपाने की कोशिश की और दूसरा, आम जनता खासकर दलित वर्ग को यह संदेश देने की कोशिश की कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का अपमान कर रहे हैं। हालाँकि, बाद में पीएम मोदी ने कांग्रेस के कुकर्मों की पूरी पोल-पट्टी खोलकर रख थी।

अपने ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा, “भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंश (गाँधी-नेहरू परिवार) के नेतृत्व वाली एक पार्टी ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी/एसटी समुदायों को अपमानित करने के लिए हरसंभव गंदी चाल चली है। डॉक्टर अंबेडकर के प्रति कांग्रेस के पापों की सूची में ये शामिल हैं: उन्हें (अंबेडकर को) एक बार नहीं बल्कि दो बार चुनाव में हराना। पंडित नेहरू द्वारा उनके खिलाफ प्रचार करना और उनकी हार को प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाना। उन्हें भारत रत्न देने से इनकार करना। संसद के सेंट्रल हॉल में उनके चित्र को सम्मान का स्थान नहीं देना।”

दरअसल, नेहरू का कुर्सी प्रेम जगजाहिर है। इसके साथ ही अपने विरोधियों को किनारे लगाने की उनकी नीति भी जगजाहिर है। आज़ादी के दौरान पंडित नेहरू के बराबर के कद के नेताओं में नेताजी सुभाष चंद्र बोस, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भी शामिल थे। नेताजी की संदिग्ध मौत के बाद उनके लिए डॉक्टर अंबेडकर एक बड़ी मुश्किल थे। हालाँकि, वे समय-समय पर दिखाने की कोशिश करते कि वे सबको साथ लेकर चल रहे हैं, लेकिन नेहरू के कारण उनके मंत्रीमंडल से राजगोपालाचारी और डॉक्टर अंबेडकर जैसे नेताओं ने त्यागपत्र दे दिया था। इसके बाद भी नेहरू का अंबेडकर से द्वेष कम नहीं हुआ।

अंबेडकर से घबरा गई थी कांग्रेस, नेहरू के इशारे पर रोका गया रास्ता

दरअसल, दलित समाज के लिए तरह-तरह के सुधार एवं उनकी दशा सुधारने के लिए की जाने वाली हिमायत के कारण अंबेडकर की छवि एक समाज सुधारक की बन गई थी। दलित समाज के लोग उन्हें अपने दूत की तरह मानने लगे थे। अंबेडकर की इस छवि से कांग्रेस घबरा गई और उन्हें नेपथ्य में भेजने की पूरी कोशिश करने लगी। यही कारण था कि आजादी के दौरान जब संविधान सभा का गठन हुआ तो कांग्रेस ने अंबेडकर को संविधान सभा में जाने से रोकने की हर कोशिश की। संविधान सभा में भेजे गए शुरुआती 296 सदस्यों में अंबेडकर नहीं थे। उस समय के बॉम्बे के मुख्यमंत्री बीजी खेर थे। पंडित नेहरू के कहने पर सरदार वल्लभभाई पटेल ने खेर से बात की और यह सुनिश्चित किया कि अंबेडकर 296 सदस्यीय निकाय के लिए न चुने जाएँ। इस कारण अंबेडकर को बॉम्बे के अनुसूचित जाति संघ का साथ भी नहीं मिल पाया।

ये सब कुछ पंडित जवाहरलाल नेहरू के इशारे पर हो रहा था। उस समय अंबेडकर के पास कोई दूसरा चारा नहीं था। इसी दौरान उनकी मदद करने के लिए बंगाल के दलित नेता जोगेंद्रनाथ मंडल आगे आए। उन्होंने ‘मुस्लिम लीग’ की मदद से अंबेडकर को संविधान सभा में पहुँचवाया । हालाँकि, उनके सामने एक दूसरी समस्या सुरसा की तरह मुँह बाए खड़ी हो गई। इधर, पंडित नेहरू एक दलित नेता की पराजय को देखकर अंदर ही अंदर प्रफुल्लित हो रहे थे। दरअसल, जिन ज़िलों के वोटों से जीतकर अंबेडकर संविधान सभा में पहुँचे थे, वो पूर्वी पाकिस्तान (अलग होने के बाद आज बांग्लादेश है) का हिस्सा बन गए। हालाँकि, वो जिले हिंदू बहुल थे, लेकिन उन्हें पूर्वी बंगाल में शामिल कर दिया गया था। इसका असर ये हुआ कि अंबेडकर भारत की संविधान सभा का सदस्य ना बनकर पाकिस्तान की संविधान सभा के सदस्य बन गए। इसके बाद भारतीय संविधान सभा की उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई। उधर, अंबेडकर पाकिस्तान के सदस्य नहीं बनना चाहते थे। इसके बाद जहाँ से अंबेडकर पाकिस्तान संविधान सभा के लिए चुने गए थे, वहाँ दोबारा चुनाव हुआ।

पंडित नेहरू और कांग्रेस की साजिश के बाद एक बार फिर उनकी राजनीतिक नैया डूबती नजर आने लगी। हालाँकि, देश की एक विशाल आबादी में उनका प्रभाव था। वे इस बात को जानते थे और यही बात उनकी शक्ति भी थी। जब पाकिस्तानी क्षेत्र से चुनाव जीतने के बाद उन्हें भारतीय संविधान सभा से बाहर कर दिया गया तो अंबेडकर ने कांग्रेस और पंडित नेहरू को चेतावनी दी।उन्होंने कहा कि वो भारतीय संविधान को स्वीकार नहीं करेंगे और इसे दलित-वंचितों के बीच राजनीतिक मुद्दा बनाएँगे। खुद को फँसता देखकर कांग्रेस और नेहरू ने अपने फैसले पर विचार किया और उन्हें संविधान सभा में शामिल करने का फैसला किया। कहा जाता है कि नेहरू के कहने पर बॉम्बे के सदस्य एमआर जयकर ने संविधान सभा में अपना पद से त्यागपत्र दे दिया और उस जगह से अंबेडकर को शामिल किया गया।

अंबेडकर को संविधान सभा की ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन नहीं बनाना चाहते थे नेहरू

संविधान सभा का चुनाव हो चुका था। अंबेडकर उसके सदस्य बन गए थे। संविधान सभा के चुनावों के 13 महीने बाद 29 अगस्त 1947 को संविधान सभा ने संविधान ड्राफ्टिंग कमिटी का गठन किया। इस कमिटी में सात सदस्य थे। जब राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू से ड्राफ्टिंग कमिटी के अध्यक्ष पद के लिए कोई नाम सुझाने को कहा तो नेहरू ने ब्रिटिश नागरिक आइवर जेनिंग्स का नाम आगे बढ़ाया।

हालाँकि, महात्मा गाँधी इसके लिए तैयार नहीं हुए। महात्मा गाँधी ने कहा कि जेनिंग्स ब्रिटिश कानूनों के जानकार हैं, जबकि भारतीय कानूनों का जानकार अंबेडकर से बेहतर कोई नहीं है। इस तरह महात्मा गाँधी के हस्तक्षेप के बाद अंबेडकर पहले संविधान की ड्राफ्टिंग कमिटी के सदस्य बने और कानून के सबसे बड़े जानकार होने के नाते कमिटी के अध्यक्ष बने।

नेहरू की वादाखिलाफी से टूट गए अंबेडकर

सितंबर 1946 में संविधान सभा ने एक अंतरिम सरकार बनाई और नेहरू को अपना पहला अध्यक्ष चुना। इस वजह से वह अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री बने। सरदार पटेल इस सरकार में नंबर दो पर थे और दोनों मिलकर फैसले लेते थे। अंबेडकर के कद को देखते हुए उन्हें कानून मंत्री बनाया गया। अंबेडकर अनुसूचित जातियों को लेकर पंडित जवाहरलाल नेहरू की नीतियों से खुश नहीं थे। इसके अलावा मतभेद का एक कारण हिंदू कोड बिल भी था। मतभेद इतना बढ़ा कि अंबेडकर ने सितंबर 1951 में कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।

दरअसल, हिंदू कोड बिल साल 1947 में सदन में पेश किया गया था। इसमें हिंदू परिवारों को लेकर कुछ कायदे-कानून बनाए जाने थे। जैसे कि किसी परिवार के पुरुष की मृत्यु होने के बाद उसकी संपत्ति में विधवा को, उसके बेटे को और उसकी बेटी को समान अधिकार दिया जाए। इसके साथ ही हिंदू पुरुषों को एक से ज्यादा शादी पर रोक लगाई जाए और महिलाओं को भी तलाक का अधिकार दिया जाए। हालाँकि, पंडित नेहरू इसके पक्ष में नहीं थे।

नेहरू के प्रभाव वाले सदन में उस बिल पर बिना किसी चर्चा के उसे खारिज कर दिया गया। तब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के आश्वासन के बावजूद ये बिल संसद में गिरा दिया गया। उन्होंने कहा था कि यह बिल देश की देश का सबसे बड़ा समाज सुधार होता। हालाँकि, बिल के खारिज होने के बाद अंबेडकर इतने निराश हुए कि उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के वादे और काम के बीच अंतर होना चाहिए।

एडविना को पत्र लिख नेहरू ने मनाया अंबेडकर की हार का जश्न

कांग्रेस में अंबेडकर के प्रति एक गहरी साजिश चलती रही। साल 1952 में देश का पहला आम चुनाव होना था। कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद वे अनुसूचित जातियों को संगठित करने में जुट गए। उन्होंने ‘शेड्यूल्ड कास्ट्स फेडरेशन’ नामक संगठन बनाया। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर उत्तर मुंबई लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। हालाँकि, कांग्रेस उन्हें अपने साथ लेने को तैयार नहीं थी। इसके बजाय अंबेडकर के राजनीतिक करियर खत्म करने के लिए कांग्रेस ने अंबेडकर के पूर्व पीए नारायण एस काजरोलकर को वहाँ से उम्मीदवार बना दिया। काजरोलकर पिछड़ी जाति से थे और दूध का कारोबार करते थे। अंबेडकर को तब शेड्यूल्‍ड कास्‍ट फेडरेशन पार्टी से चुनाव लड़ना पड़ा। अंबेडकर के विरोध में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दो बार चुनाव सभाएँ की।

आखिरकार इस चुनाव में अंबेडकर 15 हजार वोटों से हार गए और वे चौथे नंबर पर रहे। पंडित नेहरू ने आरोप लगाया कि अंबेडकर सोशल पार्टी के साथ थे। इसलिए उन्होंने अंबेडकर का विरोध किया। इस चुनाव को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि अंबेडकर के चुनाव हारने पर पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 16 जनवरी 1952 को खुशी जाहिर करते हुए एडविना माउंटबेटन को पत्र लिखा था।

Makes for very disturbing reading that Nehru wrote to Edwina on purely domestic political matters.

But what is shocking is the exultation that Nehru felt at Ambedkar’s loss and the accusations he makes against Baba Saheb. And even then, Nehru considered Hindus to be anathema.2/2 pic.twitter.com/prw6PiMNJd

— Akhilesh Mishra (@amishra77) April 15, 2021

इसके बाद साल 1954 में बंडारा लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ। अंबेडकर ने इस सीट से चुनाव लड़ने की फिर तैयारी की। हालाँकि, इस बार भी कांग्रेस ने उन्हें समर्थन देने के बजाय उनके विरोध में अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया। इस बार अंबेडकर 8 हजार वोटों से चुनाव हार गए। लगातार दो बार की अपनी हार से अंबेडकर बेहद निराश हो गए। वे पहले लोकसभा चुनाव में हार के बाद से बीमार रहने लगे थे। इस हार ने उन्हें अंदर तक तोड़ दिया। कहा जाता है कि उपचुनाव में अपनी जीत को लेकर वे इतने आश्वस्त थे कि संसद में काम निपटाने को लेकर उन्होंने सूची तक बना ली थी। लेकिन इस हार ने उन्हें ऐसा सदमा दिया कि वे काफी बीमार पड़ गए और आखिरकार 6 दिसंबर 1956 को उनका निधन हो गया। इस तरह, पंडित जवाहरलाल नेहरू अपने तिकड़म में कामयाब रहे और अंबेडकर को अपने रास्ते से हटा दिया।

अंबेडकर के निधन के बाद कांग्रेस और नेहरू का कुचक्र चलता रहा

बाबा साहब भीमराव अंबेडकर दलितों के पुनर्जागरण के दूत थे। नेहरू और अन्य नेताओं से भले ही उनके मतभेद रहे हों, लेकिन भारत के इतिहास में अंबेडकर के योगदान को कम नहीं आंका जा सकता। हालांकि, कांग्रेस ने उनके काम को महत्व नहीं दिया। यहाँ तक उनकी मौत 35 साल बीत गए, तब तक उन्हें भारत रत्न नहीं दिया गया। वहीं, पंडित नेहरू ने प्रधानमंत्री रहते हुए सन 1955 में खुद ही भारत रत्न ले लिया था। वही काम उनकी बेटी इंदिरा गाँधी ने किया था। इंदिरा गाँधी ने सन 1971 में खुद को भारत रत्न दिया।

हालाँकि, बाबा साहेब को 1990 में विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार ने भारत रत्न दिया। वीपी सिंह की सरकार ने उनके सपने को पूरा करते हुए एससी-एसटी एक्ट और आरक्षण कानून भी लागू किया। जब तक कांग्रेस सत्ता में रही, उन्हें कभी भी सार्वजनिक समारोहों या मंचों से याद नहीं किया। यहाँ तक कि उनकी पहचान को मिटाने के लिए कांग्रेस ने कई काम किए। आज वहीं, कांग्रेस अंबेडकर के अपमान की बात कर रही है।

स्रोत: Rahul Gandhi, राहुल गाँधी, Edwina Mountbatten, एडविना माउंटबेटन, Dr Babasaheb Bhimrao Ambedkar, डॉ बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर
Tags: BabasahebBhimrao AmbedkarCongressJawahar lal Nehruकांग्रेसजवाहरलाल नेहरूबाबासाहेबभीमराव आंबेडकर
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

सफ़ेद बाल, साइकल, झोला… कौन हैं ‘ओडिशा के मोदी’ जिनका राहुल गाँधी ने सिर फोड़ दिया, पिछड़ों-बंचितों के बीच लोकप्रिय

अगली पोस्ट

‘राहुल गांधी मेरे बहुत करीब आ गए और…’: रोने लगीं महिला जनजातीय सांसद; होगी FIR!

संबंधित पोस्ट

मोहन भागवत: 75 की उम्र में भारत की सभ्यतागत आवाज़
चर्चित

मोहन भागवत: 75 की उम्र में भारत की सभ्यतागत आवाज़

11 September 2025

11 सितम्बर 1950। महाराष्ट्र के चंद्रपुर की गलियों में जन्मा एक बालक आने वाले समय में भारतीय समाज और राजनीति की सबसे महत्वपूर्ण आवाज़ बनेगा,...

नेपाल की सड़कों से उठी पीएम मोदी की गूंज: विपक्ष के सपने फिर अधूरे
चर्चित

नेपाल की सड़कों से उठी पीएम मोदी की गूंज: विपक्ष के सपने फिर अधूरे

11 September 2025

भारत की राजनीति में विपक्ष का सबसे बड़ा सपना नरेंद्र मोदी को सत्ता से बेदखल करना है। लेकिन पिछले एक दशक ने बार-बार साबित किया...

पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’
चर्चित

पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

11 September 2025

दिल्ली की गलियों में कुछ हफ़्तों से चर्चा थी-क्या संघ और भाजपा के बीच सब कुछ ठीक नहीं? विपक्ष को तो जैसे मुद्दा मिल गया...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42

‘The Bengal Files’ Exposing Bengal’s Darkest Chapter – What Mamata Won’t Show!

00:05:37

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

00:06:26

Why Hindus Should Reclaim The Forgotten Truth of Onam | Sanatan Roots vs Secular Lies

00:07:03

Suhana Khan in Trouble? Alleged Fake Farmer Claim and the ₹22 Crore Land Deal

00:05:55
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited