विजय दिवस पर प्रियंका गांधी का हमास समर्थक कदम: क्या यह भारत के शहीदों और राष्ट्रीय सुरक्षा का अपमान है?

Priyanka Gandhi Palestine Bag Controversy

Priyanka Gandhi Palestine Bag Controversy

भारत आज विजय दिवस(Vijay Diwas) मना रहा है, एक ऐसा दिन जब भारतीय सेना ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान(Pakistan) को हराकर बांग्लादेश(Bangladesh) की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह दिन हमारे सैनिकों के साहस, बलिदान और देशभक्ति का प्रतीक है, जिन्होंने भारतीय सीमाओं की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। लेकिन इस ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण दिन के अवसर पर प्रियंका गांधी फिलिस्तीन लिखे बैग को लेकर संसद पहुंची हैं। उनके इस कदम पर सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर ट्रोल किया जा रहा है।

Priyanka Gandhi Brings Palestine Bag to Parliament

भाजपा ने बताया तुष्टिकरण का थैला

प्रियंका गांधी का यह कदम, विशेष रूप से जब भारत विजय दिवस मना रहा है, यह चिंता का विषय बन गया है कि उन्होंने हमास जैसे आतंकवादी संगठन का अप्रत्यक्ष समर्थन किया है, जिसे कई देशों द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। हमास जैसे आतंकवादी समूहों का समर्थन करना, विशेष रूप से एक ऐसे दिन जब हम भारत की वीरता और स्वतंत्रता की विजय का जश्न मना रहे हैं, यह उन बलिदानियों की न केवल अवहेलना है, जिन्होंने आतंकवाद और बाहरी आक्रमणों का सामना किया, बल्कि यह हमारे देश के भीतर शांति और साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए भी खतरनाक संदेश भेजता है। इसका विरोध करते हुए बीजेपी प्रवक्ता संबित पत्र ने इस थैले को तुष्टिकरण का थैला बताया है. उन्होंने कहा, “गांधी परिवार हमेशा तुष्टीकरण की थैली लेकर चलता रहा है। तुष्टीकरण की यह थैली ही उनके चुनावी हार का कारण है। “

 

प्रियंका गांधी का यह कदम भारत की विदेश नीति के खिलाफ

भारत की विदेश नीति ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ कठोर रुख अपनाया है और आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने वाले देशों से दूरी बनाए रखी है। प्रियंका गांधी का इस समय फिलिस्तीन के समर्थन में बैग लेकर आना, न केवल हमारी विदेश नीति के खिलाफ है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कांग्रेस पार्टी विदेशी मामलों में राजनीतिक लाभ के लिए देश के हितों से समझौता करने को भी तैयार है।

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