115 साल पुराने कॉलेज की जमीन पर बना दी मस्जिद: भड़के छात्रों का जुमे की नमाज के खिलाफ प्रदर्शन, किया हनुमान चालीसा का पाठ

यूपी कॉलेज वाराणसी

यूपी कॉलेज वाराणसी

धार्मिक नगरी वाराणसी में स्थित उत्तर प्रदेश कॉलेज की जमीन पर बनी अवैध मस्जिद को लेकर शुरू हुआ विवाद बढ़ता जा रहा है। अब कॉलेज के बाहर छात्रों ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर इसके खिलाफ प्रदर्शन किया। छात्र कॉलेज की जमीन से मस्जिद हटाए जाने की मांग कर रहे हैं। वहीं, इस मस्जिद पर वक्फ बोर्ड अपना दावा ठोंक रहा है।

वाराणसी के उत्तर प्रदेश कॉलेज (यूपी कॉलेज) के बाहर सैकड़ों छात्रों ने भगवा झंडे लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्रों की मांग थी कि जुमे की नमाज के लिए इकट्ठा हुए लोगों को रोका जाए। यही नहीं, छात्रों ने कहा कि अगर कॉलेज की जमीन पर बनी मस्जिद में नमाज होगी तो फिर वह भी यहां हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। छात्रों ने यह भी कहा कि मस्जिद कमिटी के पास कॉलेज की जमीन से जुड़ा कोई भी मालिकाना हक़ नहीं है। इसके बाद भी लोग कॉलेज परिसर में नमाज पढ़ने पर अड़े हुए हैं।

छात्रों को रोकने के लिए पुलिस ने कॉलेज के बाहर बैरिकेडिंग की थी। लेकिन विरोध कर रहे छात्रों ने यह बैरिकेडिंग तोड़ दी और कॉलेज के अंदर घुसने की कोशिश की। इससे पहले मंगलवार (3 दिसम्बर, 2024) को भी यूपी कॉलेज के अंदर छात्रों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया था। तब भी छात्रों और पुलिस के झड़प हुई थी।

इस दौरान छात्र संघ अध्यक्ष सुधीर सिंह ने कहा, “हम सब यहां जय श्रीराम के नारे लगा रहे हैं। आज शुक्रवार का दिन है। हम लोग चाहते हैं कि यहां 1 बजे से पहले कोई भी नमाजी न घुस पाए। पुलिस-प्रशासन हमारे साथ है। सब कुछ ठीक है। हम अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। हम यही चाहते हैं कि कॉलेज की जमीन में ये सब लोग नहीं आने चाहिए, नमाज नहीं होनी चाहिए।”

दरअसल, सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड ने साल 2018 में उत्तर प्रदेश कॉलेज प्रशासन को एक नोटिस जारी करते हुए कॉलेज की जमीन को अपनी संपत्ति बताई थी। हाल ही में सोशल मीडिया पर इस नोटिस की फ़ोटो वायरल हुई थी। साथ ही आरोप है कि ज्ञानवापी केस के पक्षकार मुख्तार अहमद अंसारी ने कॉलेज की जमीन पर बनी मस्जिद को लेकर भड़काऊ बयान दिया था। इसके बाद 29 नवंबर को करीब 500 नमाजी कॉलेज परिसर में घुसे थे। फिलहाल पुलिस ने मुख्तार अहमद अंसारी, गुलाम रसूल समेत 12 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। भास्कर की रिपोर्ट की मानें तो, सुन्नी बोर्ड ने एक लेटर जारी कर स्पष्ट किया है कि इस जमीन से उसका कोई लेना देना नहीं है।

बता दें कि उदय प्रताप कॉलेज करीब 100 एकड़ से भी अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। इसकी स्थापना 115 साल पहले साल 1909 में भिनगा (बहराइच, उत्तर प्रदेश) के राजा उदय प्रताप सिंह जूदेव ने की थी। कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर डीके सिंह ने कहा “कार्यभार संभालने के बाद हमारे छात्रों ने बताया किया कि कुछ लोग मस्जिद में निर्माण कार्य कर रहे है। वे लोग निर्माण करने के लिए रात में बालू और सीमेंट जबरदस्ती ला रहे थे। हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने इसका विरोध किया था। लगभग एक साल पहले हमने मस्जिद का बिजली कनेक्शन कटवा दिया।” UP College Varanasi, यूपी कॉलेज वाराणसी

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