रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध 24 फरवरी, 2022 को शुरू हुआ था, जब रूस ने यूक्रेन पर बड़ा सैन्य आक्रमण किया। पुतिन ने इसका कारण यूक्रेन का नाटो में शामिल होने का खतरा और रूस की सुरक्षा को चुनौती मानकर इसे रोकने के लिए कार्रवाई की। इस युद्ध के बाद से यूक्रेन में भारी नुकसान हुआ और दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ता गया।
रूस के कज़ान में 9/11 जैसा हमला। बहुमंज़िली इमारत से टकराया ड्रोन। धमाके के साथ आग का बड़ा गोला.
यूक्रेन ने रूस के कज़ान तक पहुँचा दिया ड्रोन! pic.twitter.com/PB5jhKPEh6— The Frustrated Indian (@FrustIndian) December 21, 2024
आज, यूक्रेन की सेना द्वारा रूस के कजान शहर में 8 विस्फोटक ड्रोन से हमला करना, यह एक ऐसा कृत्य है जो आतंकवादी मानसिकता की ओर इशारा करता है। इस हमले से लगता है कि यूक्रेन की युद्ध नीति अब असैन्य क्षेत्रों पर भी हमला करने तक फैल चुकी है, जैसे आतंकवादी संगठन करते हैं। यह हमला 9/11 की तरह एक डर फैलाने वाली कार्रवाई प्रतीत होती है, जिसमें नागरिकों और शहरों को निशाना बनाना आतंकवाद की एक रणनीति बन चुकी है। कजान, जहां हाल ही में ब्रिक्स देशों की शिखर बैठक हुई थी, अब एक नए खतरे का सामना कर रहा है, जो यूक्रेन के कट्टरपंथी हमलों की भयावहता को दर्शाता है।
USA कर रहा खेला
2022 में ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि रूस चाहता है कि यूक्रेन युद्ध का अंत हो और यह प्रक्रिया निश्चित रूप से एक कूटनीतिक समाधान के जरिए संभव होगी। पुतिन के ये बयान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेनस्की की व्हाइट हाउस बैठक के एक दिन बाद आए हैं, जिसमें बाइडन ने यूक्रेन को निरंतर और अविचलित अमेरिकी समर्थन देने का वादा किया था। बाइडन ने यूक्रेन को मदद देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को साफ किया, जिससे यह संकेत मिलता है कि अमेरिका यूक्रेन के समर्थन में पूरी तरह से खड़ा है।
इसके बाद 9 दिसंबर को एक खबर आती है जहाँ डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन में तुरंत युद्धविराम की अपील की और कहा कि “ज़ेलेन्स्की और यूक्रेन एक समझौता करना चाहेंगे और इस पागलपन को रोकना चाहेंगे।”
ऐसे में 2 साल से अधिक समय से चल रहे इस युद्ध का विराम दिख रहा था. इसी बीच 20 दिसंबर 2024 को एक चौंकाने वाली खबर आई, जब राष्ट्रपति बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने अपनी क्रिसमस छुट्टियां रद्द कर दीं। इस अप्रत्याशित निर्णय ने सवाल उठाए, जिससे यह संकेत मिलता है कि यूक्रेन संघर्ष के बढ़ते असर के प्रति चिंताएं गहरी हो गई हैं।
वहीं आज यानी 21 दिसंबर को, बाइडन और हैरिस के छुट्टियां रद्द करने के बाद, एक और चौंकाने वाली घटना घटी। यूक्रेन ने रूस के कजान शहर में आठ विस्फोटक ड्रोन से हमला किया, जो रूस के लिए 9/11 आतंकवादियों की विचारधारा से प्रेरित खौफनाक हमले जैसा लग रह था। इसके कारण दुनियाभर में भय और चिंता का माहौल बन गया है। यूक्रेन के इस हमले ने रूस को उसी तरह निशाना बनाया जैसे 9/11 में अमेरिका पर हमला किया गया था।
अमेरिका ने अब तक यूक्रेन को 113 बिलियन डॉलर की मदद की है, ऐसे में ये मानना कठिन है कि यूक्रेन ने रूस पर इतना बड़ा हमला करने से पहले अमेरिका के मौजूदा सत्ताधीशों से पूछा नहीं होगा या उन्हें जानकारी नहीं दी होगी। अमेरिका में डेमोक्रेट्स की सरकार जाने वाली है और जनवरी 2025 में डोनाल्ड ट्रम्प की ताजपोशी होनी है। क्या डेमोक्रेट्स ट्रम्प के लिए वैश्विक हालात को इतना तंग कर के जाना चाहते हैं कि वो सत्ता संभालते ही जनता की आलोचना का शिकार बनें? क्या ये वर्ल्ड वॉर 3 की आहट है?