मंदिर के सामने मुस्लिम को बेच दिया मकान तो विरोध पर उतरे कॉलोनी के लोग; हिंदुओं के विरोध में उतरे सपाई

कॉलोनी में रहने वाले करीब 450 परिवार इसके विरोध में हैं और मुस्लिम डॉक्टर को की गई रजिस्ट्री रद्द कराने की मांग कर रहे हैं

फोटो सौजन्य: UP Tak

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की एक पॉश कॉलोनी TDI सिटी में हिंदू डॉक्टर द्वारा अपना मकान एक मुस्लिम चिकित्सक दंपती को बेचे जाने को लेकर कालोनी में रहने वाले लोगों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। कॉलोनी में रहने वाले करीब 450 परिवार इसके विरोध में हैं और मुस्लिम डॉक्टर को की गई रजिस्ट्री रद्द कराने की मांग कर रहे हैं। विरोध कर रहे लोगों का दावा है कि TDI सिटी को बसाते समय तय किया गया था कि यहां किसी अन्य समुदाय की रजिस्ट्री नहीं कराई जाएगी। इस मकान के सामने एक मंदिर भी है। कॉलोनी के लोगों दावा है कि इस मकान को डॉक्टर के हिंदू पड़ोसी भी खरीदना चाहते थे लेकिन गुपचुप तरीके से यह मकान बेच दिया गया है। विरोध कर रहे लोग इसे लेकर स्थानीय विधायक और प्रशासनिक अधिकारियों से मिले हैं।

क्या बोले जिलाधिकारी?

इस पूरे मामले पर मुरादाबाद के जिलाधिकारी अनुज कुमार सिंह भी प्रतिक्रिया दी है। जिलाधिकारी ने कहा कि TDI सिटी के लोगों एक व्यक्ति द्वारा दूसरे समुदाय के व्यक्ति को मकान बेचे जाने को लेकर शिकायत देते हुए इस पर आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने कहा, “ये प्रकरण प्रशासन और पुलिस के संज्ञान में है और सभी पक्षों से इसमें लगातार बात की जा रही है।” बकौल जिलाधिकारी, इस मामले का हल सभी की सहमति से किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि यहां का माहौल खराब ना हो।

सपा ने किया विरोध प्रदर्शन

इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के लोगों ने कलक्ट्रेट में प्रदर्शन कर सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा है। इस लोगों ने विरोध कर रहे लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। सपाइयों ने कॉलोनी के लोगों को गंगा-जुमनी तहजीब का विरोधी बताते हुए उनके कानून के तहत नियमों का पालन करने की सलाह दी है। सपा के नेताओं ने सिटी मजिस्ट्रेट किंशुक श्रीवास्तव को एक ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन में कहा है कि संविधान विरोधी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर नागरिक अधिकारों को संरक्षित किया जाए।

दरअसल, लोगों के विरोध की वजह केवल मकान की खरीद फरोख्त ही नहीं है बल्कि demography को लेकर उनके मन में बैठा हुआ खतरा भी है। लोगों को डर है कि दूसरे समुदाय के लोग यहां रहने आना शुरू होंगे तो जनसांख्यिकी संरचना में अवांछित बदलाव किए जा सकेंगे। उन्हें डर है कि ऐसा ना हो की कभी हिंदुओं को ही यह जगह छोड़कर जाना पड़े। देश में कई जगहों पर ऐसे इलाके बनने शुरू हो गए हैं जो एक खास आबादी का गढ़ बनने लगते हैं और दूसरे लोगों को वहां रहने पर भी खतरा बनने लगता है। हो सकता है कि इन लोगों के मन में भी ऐसा ही डर हो।

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