स्वरा भास्कर, केजरीवाल, राहुल…EVM पर सबके सवालों का चुनाव आयोग ने दिया जवाब, कहा- शक का इलाज नहीं

'शक का इलाज तो हकीम लुकमान के पास भी नहीं': चुनाव आयुक्त

दिल्ली विधानसभा चुनाव चुनाव आयोग

स्वरा भास्कर, केजरीवाल, राहुल...EVM पर सबके सवालों का चुनाव आयोग ने दिया जवाब

चुनाव आयोग ने मंगलवार (7 जनवरी, 2025) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया है। दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग होगी और रिजल्ट 8 फरवरी को आएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग ने INDI गठबंधन में शामिल राजनीतिक दलों समेत अन्य पार्टियों द्वारा लगाए गए कई आरोपों को खारिज कर दिया। इसमें वोटर लिस्ट में हेरफेर से लेकर EVM से छेड़छाड़ तथा वोटिंग के बाद किसी भी अनियमितता से इनकार किया। चुनाव आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के हेरफेर की कोई गुंजाइश नहीं है, क्योंकि चुनाव प्रक्रिया का हर चरण पूरी पारदर्शिता के साथ होता है।

शक का इलाज हकीम के पास भी नहीं

चुनाव आयुक्त ने विभिन्न पार्टियों द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए कहा शायराना अंदाज में कहा:

आरोप और इल्जामात का दौर चले, कोई गिला नहीं; झूठ के गुब्बारों को सहारा मिलें, कोई शिकवा नहीं; हर नतीजे में प्रमाण दिया गया है; पर वो ना सबूत शक की नई दुनिया खोजते हैं और शक का इलाज तो हकीम लुकमान के पास भी नहीं!

वोटर लिस्ट पर चुनाव आयोग का जवाब

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “महाराष्ट्र चुनावों के बाद से वोटर लिस्ट में गलत तरीके से नाम जोड़ने और हटाने के आरोप लगाए गए हैं। कहा गया है कि कुछ खास क्षेत्रों को टारगेट कर वोटर लिस्ट में बदलाव किया गया है। इन सब पर हमारा जवाब देना हमारा कर्तव्य है।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, “चुनाव तक मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया में 70 चरण शामिल हैं। राजनीतिक दल या उम्मीदवार लगातार इन चरणों में लगे रहते हैं और विभिन्न स्तरों पर नियमित बैठकें आयोजित की जाती हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक दलों को बूथ लेवल अधिकारी (BLO) नियुक्त करने का अधिकार है। व्यक्तिगत सुनवाई के बिना किसी भी व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट से नहीं हटाया जा सकता साथ ही किसी भी तरह की छेड़छाड़ करना बिल्कुल असंभव है।

फर्जी हैं EVM में छेड़छाड़ के आरोप: चुनाव आयोग

EVM में छेड़छाड़ के आरोपों को खारिज करते हुए चुनाव आयुक्त ने कहा, “ईवीएम में किसी भी तरह की खामी का कोई सबूत नहीं है। ईवीएम में वायरस या बग आने का सवाल ही नहीं उठता। ईवीएम में फर्जी वोट डालने की भी कोई संभावना नहीं है और कोई धांधली नहीं हो सकती। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में यही कहा है। इससे ज्यादा अब और क्या कहा जा सकता है? मतगणना के लिए ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित है, छेड़छाड़ के आरोप निराधार हैं।”

बताई पूरी प्रोसेस

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव से 7 से 8 दिन पहले EVM तैयार की जाती है, यानी कि उसमें सिंबल डाले जाते हैं। यह पोलिंग एजेंट या पार्टियों द्वारा तय किए गए लोगों के सामने ही होता है। इसके बाद एजेंट को मॉक पोल करने की छूट होती है। उसी दिन ईवीएम में एजेंट के सामने नई बैटरी भी डाली जाती है। फिर EVM को उठाकर स्ट्रांग रूम में रखा जाता है और पोलिंग एजेंट के सामने ही उसे सील किया जाता है।

वोटिंग के दिन पोलिंग एजेंट के सामने ही ईवीएम की सील तोड़ी जाती है फिर मॉक पोल होता है। उसके बाद पूरे दिन पोलिंग एजेंट वहीं रहते हैं और वोटर्स को वेरीफाई भी करते हैं। वोटिंग खत्म होने के बाद उन्हें फॉर्म 17 सी में लिखित में यह बताया जाता है कि EVM में कितने वोट पड़े हैं। काउंटिंग यानी मतगणना के दिन एक बार फिर यही पूरी प्रक्रिया दोहराई जाती है। फॉर्म 17सी का मिलान होता है। फिर मतगणना शुरू होती है।

शायराना अंदाज में नजर आए चुनाव आयुक्त

आज तक नहीं मिली VVPAT में गड़बड़ी: चुनाव आयोग

प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयुक्त ने कहा कि ईवीएम में वोटिंग के बाद बदलाव करना असंभव है। मतगणना से पहले फॉर्म 17सी का मिलान किया जाता है। अब तक विभिन्न चुनावों में गिने गए 4.5 करोड़ वोटों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और वीवीपैट (VVPAT) पर्चियों के बीच किसी प्रकार की असमानता नहीं पाई गई।

ECI प्रमुख राजीव कुमार ने यह भी कहा, “साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया था, उसके बाद से वोटों की गिनती के बाद हर विधानसभा क्षेत्र से 5 वीवीपैट की गिनती रैंडम तरीके से की जाती है। अब तक 67,000 वीवीपैट की 4.5 करोड़ से अधिक पर्चियों की गिनती की जा चुकी है और एक भी पर्ची में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। एक भी वोट इधर से उधर नहीं हुआ।”

शाम 5 बजे के बाद वोटिंग प्रतिशत बढ़ने का बताया कारण

शाम 5 बजे या देर रात तक वोट प्रतिशत में बदलाव को लेकर भी चुनाव आयुक्त ने जवाब दिया। उन्होंने  कहा कि कुछ पोलिंग बूथ में शाम 6 बजे के बाद भी वोटिंग चलती रहती है। इसके बाद पोलिंग बूथ में फॉर्म 17सी व EVM सील जैसे अन्य काम होते हैं। फिर वोटिंग प्रतिशत का डेटा आता है। पूरा डाटा मिलान करने के बाद फाइनल वोटिंग प्रतिशत जारी किया जाता है। इससे कई बार शाम के बाद भी वोट प्रतिशत बदलता है।

दिल्ली विधानसभा का गुणा-गणित

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि दिल्ली में 1 करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 मतदाता हैं। इनमें 83 लाख 49 हजार 645 पुरुष और 71 लाख 73 हजार 952 महिला मतदाता हैं। थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 1261 है।दिल्ली में मतदान के लिए 13033 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। इनमें से 70 पोलिंग बूथ महिला मतदान कर्मियों द्वारा संचालित किए जाएंगे। हर बूथ पर औसतन 1191 वोटर्स होंगे। 85 वर्ष से अधिक आयु के लोग घर से ही वोट डाल सकते हैं।

बता दें कि साल 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) ने लगातार दूसरी बार सरकार बनाई थी। पिछले चुनाव में AAP को 70 में से 62 सीटों में जीत मिली थी। वहीं, बीजेपी को 8 सीटें मिली थी। वहीं दशकों तक देश की सत्ता में राज करने वाली कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल सका था। इससे पहले, साल 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस का खाता नहीं खुला था।

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