एक मंदिर पर हमला करने वाला मुर्तजा अब्बासी, दूसरे संन्यासी बने अभय सिंह… दोनों ने IIT से की पढ़ाई, दोनों ने चुना अलग रास्ता

IIT Baba In Mahakumbh

IIT Baba In Mahakumbh (Image Source: News 18, OP India)

महाकुंभ 2025(MahaKumbh 2025) का आज पहला अमृत स्नान है, जो 144 वर्षों के बाद एक ऐतिहासिक अवसर के रूप में आया है। ऐसे में महाकुंभ के पहले 30 घंटों में ही 3 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई है। इस पवित्र आयोजन की भव्यता, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार की शानदार तैयारियों और साधु-संतों की उपस्थिति ने इसे और भी विशेष बना दिया है। हालांकि, सोशल मीडिया पर कुछ यू-ट्यूबर और इन्फ्लुएंसर्स भी चर्चा में हैं, जिनमें से कुछ बाबा से पिटाई खाकर वायरल हो रहे हैं, जबकि कुछ साध्वी के रूप में अपनी पहचान बना रहे हैं। इन सबके बीच, एक वीडियो सोशल मीडिया पर इन दिनों तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें ‘आईआईटी (IIT) बाबा’ के नाम से एक शख्स जीवन के मूल मन्त्र बता रहा है।

यह वीडियो हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हर व्यक्ति अपनी धार्मिक संस्कृति और संस्कार को अपने तरीके से अपनाता है। जहां एक IITian शांति का प्रतीक बनकर संन्यास ले रहा है, वहीं कुत्सित मानसिकता से ग्रसित समुदाय विशेष से आने वाले कुछ IITians केवल असामाजिक और कट्टरपंथी विचारों को फैलाने में जुटे हैं, जो समाज को जोड़ने के बजाय तोड़ने का काम कर रहे हैं।

शिक्षा एक फिर तालीम अलग कैसे

महाकुंभ 2025 का शुभारंभ होते ही पहले दो दिनों में 3 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे। संतों, साधु-महात्माओं, और नागा बाबाओं की उपस्थिति ने इस ऐतिहासिक आयोजन को दिव्यता से भर दिया। लेकिन इस बार एक अनोखा चेहरा सबकी नजरों में आ गया—‘IITian बाबा’, जिनका असली नाम अभय सिंह है। IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले अभय सिंह ने दुनियावी चकाचौंध को पीछे छोड़कर आत्मज्ञान की खोज में संन्यास ले लिया। अब वे मसानी गोरख के नाम से जाने जाते हैं और अपना जीवन पूरी तरह भगवान शिव को समर्पित कर चुके हैं।

त्रिवेणी संगम पर अमृत स्नान के दौरान जब कैमरों ने एक साधारण से साधु को देखा, जिसने IIT जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से पढ़ाई की थी, तो लोग हैरान रह गए। एक शांत मुस्कान, सरल वेशभूषा और गहरी सोच के साथ ‘मसानी गोरख’ ने कहा कि उन्होंने खुद को जानने और ईश्वर को समझने के लिए संन्यास का मार्ग चुना। उनका कहना था कि असली सफलता बाहरी दुनिया में नहीं, बल्कि आत्मा के भीतर की शांति में है।

एक ही पढ़ाई, पर सोच का इतना अंतर क्यों?

अभय सिंह की कहानी सामने आते ही सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हो गई, लेकिन यह बहस सिर्फ उनकी प्रशंसा तक सीमित नहीं रही। IIT से पढ़ाई पूरी कर सन्यासी बने अभय सिंह का वीडियो वायरल होते ही लोगों को एक और IITian की घटना याद आ गई। वह व्यक्ति जिसने IIT की पढ़ाई करने के बावजूद कट्टरपंथ का रास्ता अपनाया और हिंसा के जरिए समाज में भय और विभाजन फैलाने की कोशिश की।

यहाँ बात हो रही है मुर्तजा अब्बासी की, जो अप्रैल 2022 में गोरखनाथ मंदिर पर हमले के कारण सुर्खियों में आया था। अब्बासी, जो IIT से केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट था, ने कट्टरपंथ की राह पकड़ी और मज़हबी उन्माद में आकर गोरखनाथ मंदिर के गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों पर हमला कर दिया। इस हमले में दो जवान घायल हुए थे। हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन इस घटना ने समाज में कई सवाल खड़े कर दिए थे।

जहां अभय सिंह ने IIT की पढ़ाई के बाद भी शांति और अध्यात्म का रास्ता चुना, वहीं मुर्तजा अब्बासी ने शिक्षा के बावजूद कट्टरपंथ और हिंसा का मार्ग अपनाया। यह अंतर बताता है कि सिर्फ शिक्षा पाने से इंसान अच्छा नहीं बनता, सोच और तालीम ही उसे सही दिशा देती है। IITian बाबा का शांत जीवन लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर गया कि आखिर क्यों एक ही संस्थान से निकले लोग इतना अलग रास्ता अपनाते हैं?

क्यों एक ओर अभय सिंह जैसे लोग हैं, जो आध्यात्मिकता और शांति का प्रतीक बनते हैं, और दूसरी ओर मुर्तजा अब्बासी जैसे लोग भी हैं, जो कट्टरपंथ और हिंसा के जरिए समाज को अशांति और कट्टरता फैलाने की कोशिश करते हैं?

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