‘हमारा DNA राम-कृष्ण का है’: इमाम के बेटे मुस्तफा ने सनातन धर्म में की घर वापसी, बन गए ‘मारुति नंदन’

मुस्तफा ने महादेवगढ़ मंदिर में पवित्र गंगाजल व नर्मदा जल से स्नान किया और 10 विधि संस्कारों समेत मुंडन संस्कार भी कराया है

सनातन धर्म में वापसी के बाद मंदिर में पूजा करते मारुति नंदन

सनातन धर्म में वापसी के बाद मंदिर में पूजा करते मारुति नंदन

एक और जहां भारत में इन दिनों महाकुंभ की दिव्यता, भव्यता और आध्यात्मिकता की चर्चा हो रही है तो वहीं दूसरी और इन दिनों बड़ी संख्या में लोग पुन: सनातन धर्म में वापसी कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के खंडवा जिले से सामने आया है जहां आले मुस्तफा नामक मुस्लिम शख्स ने इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म में वापसी की है। मुस्तफा ने खंडवा के महादेवगढ़ मंदिर में पवित्र गंगाजल व नर्मदा जल से स्नान किया और 10 विधि संस्कारों समेत मुंडन संस्कार भी कराया है। इसके बाद मुस्तफा ने भगवा कपड़ा पहनकर भगवान शिव और बजरंगबली की आरती भी की है। मुस्तफा के दिल में बचपन से ही बजरंग बली बसे थे और उन्होंने अपना नाम बदलकर भगवान हनुमान के नाम पर मारुति नंदन रख लिया है।

इमाम के बेटे हैं मुस्तफा

मुस्तफा के पिता इकबाल अली कई वर्षों तक एक मस्जिद में इमाम रहे हैं लेकिन मुस्तफा को बचपन से ही सनातन संस्कृति और हिंदू धर्म से जुड़े किस्से प्रभावित करते थे। मीडिया रिपोर्ट मे दावा किया गया है कि जिस शहर में मुस्तफा के पिता इमाम थे उसी में वह एक प्राचीन राम मंदिर में पूजा अर्चना किया करते थे। महादेवगढ़ मंदिर के संरक्षक अशोक पालीवाल की देखरेख में मुस्तफा ने धर्म दिया गया है। अशोक पालीवाल का कहना है कि इन दिनों भी कई परिवार अपने घरों में अपने पूर्वजों से प्रेरित होकर राम और कृष्ण की पूजा करते हैं और अब उन्हें हिम्मत देकर सनातन धर्म में वापस लाना होगा

क्या बोले मारुति नंदन?

सनातन धर्म में वापसी के बाद मारुति नंदन बने मुस्तफा का कहना है कि उन्होंने अपने मर्ज़ी से सनातन धर्म में वापसी की है। उन्होंने कहा कि मैं किसी के दबाव में सनातन धर्म में नहीं आया हूं बल्कि इसलिए आया हूं कि मुझे यह धर्म बहुत अच्छा लगा है। उन्होंने कहा, “मैं अपने साथियों से भी कहूंगा कि सनातन धर्म में वापसी करें।” मारुति नंदन का कहना है कि हमारे पूर्वजों का डीएनए राम और कृष्ण से मिलता है।

कुछ दिनों पहले यहां पर फिरोज और इमरान नाम के दो युवकों ने भी सनातन धर्म में वापसी की थी। सिर्फ खंडवा की ही बात करें तो पिछले 1 वर्ष से अधिक समय से लोग यहां लगातार वापस सनातन धर्म की और लौट रहे हैं। महादेवगढ़ मंदिर में ही 40 से अधिक मुस्लिम युवक और युवती ने इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म में वापसी की है।

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