उत्तर प्रदेश सरकार महाकुम्भ 2025 को यादगार और भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जहां आधुनिक व्यवस्थाएं की जा रही हैं, वहीं सुरक्षा के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। प्रशासन की प्राथमिकता है कि यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बने, बल्कि विश्व स्तर पर भारत की संस्कृति और कुशल प्रबंधन का संदेश भी दे। इसी बीच, प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के प्रमुख और खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने महाकुम्भ को बाधित करने की एक और धमकी देकर माहौल गर्मा दिया है। पन्नू ने एक वीडियो जारी कर अपने समर्थकों से कुंभ का विरोध करने और हिंदुत्व के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है।
यह पहली बार नहीं है जब पन्नू ने इस तरह का बयान देकर सनसनी फैलाने की कोशिश की हो, लेकिन इस बार प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को तैयार रखा गया है, ताकि यह आयोजन निर्विघ्न और शांति से संपन्न हो सके।
खालिस्तानी आतंकी ने फिर दी धमकी
हाल ही में उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में हुए एनकाउंटर में तीन खालिस्तानी आतंकियों के मारे जाने के बाद, खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक बार फिर महाकुंभ 2025 को निशाना बनाने की धमकी दी है। इस बार उसने न केवल एक वीडियो जारी किया, बल्कि सैकड़ों लोगों को ईमेल भी भेजा, जिसमें 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच लखनऊ और प्रयागराज एयरपोर्ट पर जुटने की अपील की गई है। पन्नू ने इस अभियान को ‘महाकुंभ महायुद्ध’ का नाम देते हुए माहौल बिगाड़ने की कोशिश की है।
सोमवार को भेजे गए ईमेल में गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अपने समर्थकों से कहा कि वे इन तारीखों के दौरान लखनऊ और प्रयागराज एयरपोर्ट पहुंचकर खालिस्तान और कश्मीर के झंडे फहराएं। भड़काऊ शब्दों का इस्तेमाल करते हुए उसने लिखा, “न हिंदुत्व, न हिंदुस्तान, महाकुंभ प्रयागराज बन गया जंग का मैदान।”
इस धमकी के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता बढ़ा दी है। प्रशासन ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए कड़े सुरक्षा इंतजाम शुरू कर दिए हैं, ताकि श्रद्धालु बिना किसी डर के इस महायोग में हिस्सा ले सकें।
जानें क्या है महाकुम्भ में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
महाकुंभ 2025 को सुरक्षित और यादगार बनाने के लिए योगी सरकार ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। लाखों श्रद्धालुओं के इस विशाल आयोजन में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सात स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है। इसके तहत 53,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है, ताकि हर कोने पर निगरानी रखी जा सके और कोई भी अप्रिय घटना न हो।
भीड़ प्रबंधन को सुचारू बनाने के लिए सरकार ने ई-पास प्रणाली में छह अलग-अलग रंगों का उपयोग किया है, जिससे अलग-अलग क्षेत्रों में जाने वाले श्रद्धालुओं की आवाजाही को नियंत्रित किया जा सके। यही नहीं, महाकुंभ में काम करने वाले हर व्यक्ति—चाहे वह चालक हो, कर्मचारी हो या सुरक्षाकर्मी—का अनिवार्य रूप से सत्यापन किया जा रहा है। साधु-संतों के लिए भी यह नियम लागू किया गया है, ताकि सुरक्षा व्यवस्था में कोई कमी न रहे।
सरकार के ये ठोस कदम यह सुनिश्चित करते हैं कि हर श्रद्धालु इस पावन अवसर पर बिना किसी डर और चिंता के अपने आध्यात्मिक अनुभव को पूर्ण शांति के साथ जी सके।