ग्राउंड रिपोर्ट: महाकुंभ में भगदड़ के बाद नियंत्रण में स्थिति, जाने कैसे हुआ हादसा? सीएम बोले- अफवाहों पर ध्यान ना दें

मौनी अमावस्या (29 जनवरी) पर स्नान के लिए पहुंची श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते संगम क्षेत्र में भगदड़ मच गई थी

मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में स्नान के लिए 8-10 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है

मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में स्नान के लिए 8-10 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है

महाकुंभ में संगम क्षेत्र पर 28-29 जनवरी की मध्यरात्रि हुई भगदड़ के बाद प्रशासन ने स्थिति पर पूरी तरह काबू पा लिया है। महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बावजूद स्थिति पूरी तरह से प्रशासन के नियंत्रण में है और सामान्य तरह से स्नान कराया जा रहा है। इससे पहले मौनी अमावस्या (29 जनवरी) पर स्नान के लिए पहुंची श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते संगम क्षेत्र में भगदड़ मच गई थी।

इस घटना के बाद मौके पर कई एंबुलेंस पहुंची और लोगों को रेस्क्यू कर महाकुंभ क्षेत्र में बने अस्पताल पहुंचाया गया। इस घटना में कुछ लोगों के हताहत और कई लोगों के घायल होने की खबर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति की समीक्षा के लिए बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करीब एक घंटे के भीतर दो बार बातचीत की है। साथ ही, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएम योगी से बात की है। मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में स्नान के लिए 8-10 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।

सीएम योगी ने की अपील

इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि संगम के सभी घाटों पर शांतिपूर्वक स्नान हो रहा है और किसी भी अफवाह पर बिल्कुल भी ध्यान न दें। उन्होंने ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा, “मां गंगा के जिस घाट के आप समीप हैं, वहीं स्नान करें, संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें। आप सभी प्रशासन के निर्देशों का अनुपालन करें, व्यवस्था बनाने में सहयोग करें।”

अखाड़ों का अमृत स्नान रद्द

संगम क्षेत्र में भारी भीड़ और भगदड़ की स्थिति के चलते सभी अखाड़ों ने आज मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा है, “जो घटना घटी उससे हम दुखी हैं। हमारे साथ हजारों श्रद्धालु थे और हमने लोगों के हित में यह निर्णय लिया कि अखाड़े आज स्नान में भाग नहीं लेंगे।” उन्होंने कहा, “मैं जनता से अपील करना चाहता हूं कि वे आज के बजाय वसंत पंचमी पर स्नान के लिए आएं।” महंत पुरी ने बताया कि यह घटना इसलिए हुई क्योंकि श्रद्धालु संगम घाट तक जाना चाहते थे। महंत पुरी ने कहा, “सरकार का इसमें कोई दोष नहीं है। करोड़ो की संख्या में लोग आए हैं और इन्हें नियंत्रण में रखना आसान नहीं है। हम सभी को सरकार का सहयोग करना चाहिए।”

कैसे मची भगदड़?

महाकुंभ में मौजूद TFI के संवाददाता राहुल पांडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इस भगदड़ की सबसे बड़ी वजह संगम नोज़ पर भी स्नान के लिए पहुंचाने की कोशिश कर रहे लोगों की भारी भीड़ बनी है। मकर संक्रांति के पहले शाही स्नान के दौरान स्थिति नियंत्रण में इसलिए रही कि लोगों को आस-पास के क्षेत्रों में बने अलग-अलग घाटों पर स्नान कराया गया था। मौनी अमावस्या पर स्नाना के लिए ज़्यादा से ज़्यादा लोग संगम नोज़ तक पहुंचना चाहते थे। यह एक छोटा इलाका है जिसकी वजह से वहां लोगों का काफ़ी दबाव बन गया था। भगदड़ की स्थिति के तुरंत बाद वहां पहुंचीं एंबुलेंस से लोगों को सेक्टर 2 में बने अस्पताल पहुंचाया गया है।

श्रद्धालुओं से संतों की अपील

इस घटना के बाद कई संतों ने लोगों ने संगम क्षेत्र में आने के बजाय अन्य स्थानों पर गंगा स्नान करने की अपील की है। महंत पुरी ने कहा, “देश-विदेश के जितने श्रद्धालु प्रयागराज में हैं जहां भी आपको गंगा जी दिखाई दें, वहीं पर स्नान करें।” कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि पूरी गंगा और यमुना की धारा में ‘अमृत’ बह रहा है और अगर आप कहीं भी गंगा या यमुना में स्नान करेंगे तो ‘अमृत’ आपको प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि आवश्यक नहीं है कि संगम में ही आपको डुबकी लगानी है। जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा, “मैं सभी श्रद्धालुओं से अपील कर रहा हूं कि क्योंकि आज प्रयागराज में भारी भीड़ उमड़ी है, इसलिए उन्हें केवल संगम (घाट पर ही पवित्र डुबकी लगाने का) आग्रह छोड़ देना चाहिए।” उन्होंने कहा, “अपने निकटतम घाट पर श्रद्धालु स्नान करें।” साथ ही कई अन्य संतों ने लोगों से सिर्फ संगम घाट पर ना आने की अपील की है।

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