उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में मंदिर की जमीन को लेकर ग्रामीणों और मंसूरपुर डिस्टलरी के बीच शुरू हुआ विवाद बढ़ता जा रहा है। इस मामले में अब भाजपा नेता और मुजफ्फरनगर लोकसभा से सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई की मांग की है। साथ ही पुलिस पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि जब पूर्व केंद्रीय मंत्री के साथ ऐसा किया जा रहा है तो फिर बाकी लोगों के साथ तो कुछ भी हो सकता है।
क्या है मामला:
मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर के पास खान्नूपुर गांव में डिस्टलरी स्थित है। यहां श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर और उसकी खाली पड़ी जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। ग्रामीणों का दावा है कि उनके पूर्वजों ने मंदिर के लिए जमीन खरीदी थी। वहीं, डिस्टलरी उस जमीन पर अपना दावा ठोक रही है।
आरोप है कि डिस्टलरी ने हाल ही में मंदिर की जमीन पर दीवार बनाकर कब्जा किया है। मामले में खान्नूपुर गांव के ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए पुलिस से काम रुकवाने की गुहार लगाई थी। हालांकि पुलिस ने कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए काम रुकवाने से इनकार कर दिया। इसके बाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान समर्थकों सहित रविवार (12 जनवरी, 2025) को मंसूरपुर थाने पहुंचे थे।
इस दौरान संजीव बालियान और इंस्पेक्टर उमेश कुमार के बीच तीखी बहस हुई थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने पुलिस पर डिस्टलरी का पक्ष लेने और ग्रामीणों पर दबाव बनाने तथा फर्जी मुकदमे दर्ज करने जैसे आरोप लगाए थे। अब इसी मामले को लेकर, संजीव बालियान ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है।
इस पत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लिखा है, “मुख्यमंत्री जी आपके संज्ञान में एक प्रकरण लाना चाहता हूं। हो सकता है यह मुजफ्फरनगर पुलिस अधिकारियों के द्वारा आपके संज्ञान में न लाया गया हो। खानुपूर गांव में एक जमीन मंदिर एवं धर्मशाला के लिए मंसूरपुर डिस्टिलरी के कर्मचारियों के द्वारा खरीदी गई थी। पूर्व की सरकार के अधिकारियों से मिलीभगत कर यह जमीन डिस्टिलरी द्वारा अपने नाम दाखिल खारिज करा लिया गया था।”
पत्र में आगे कहा गया है, “1 जनवरी को मुज़फ्फरनगर पुलिस अधिकारियों के साथ साठगांठ कर डिस्टिलरी द्वारा मंदिर एवं धर्मशाला की ज़मीन पर कब्जा कर लिया गया था और ग्रामवासियों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए गए थे इसके विरोध में 12 जनवरी को ग्रामवासियों के साथ में स्वयं मंसूरपुर थाने गया था। इससे पूर्व भी कई बार मुज़फ्फरनगर पुलिस की संपत्ति विवाद में संलिप्तता की शिकायत मेरे द्वारा पुलिस उच्चाधिकारियों को की गई थी। आपकी जीवन यात्रा को देखते हुए मुझे विश्वास है कि मंदिर एवं धर्मशाला की ज़मीन कब्जाने के मामले में आप न्यायउचित कार्यवाही करेंगे।”
संजीव बालियान ने इस पत्र में आगे कहा है, “मुज़फ्फरनगर पुलिस के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने की वजह से मेरी समस्त सुरक्षा वापिस ले ली गई है। आप जानते है कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी मुझ पर जानलेवा हमला हुआ था। अगर भविष्य में भी पुनः हमला हुआ तो इसकी ज़िम्मेदारी प्रदेश सरकार के अधिकारियों की होगी। मुझे अपनी सुरक्षा की चिंता नहीं है। मेरी सुरक्षा पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता के हाथ में है। लेकिन एक पूर्व केंद्रीय मंत्री के साथ पुलिस का यह व्यवहार है तो आम भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ता के क्या हालात होंगे।”