दक्षिण भारतीय राज्यों और झारखंड जैसे जनजातीय क्षेत्रों में अपनी गहरी जड़ें जमाने के बाद, अब मिशनरियों की नज़र उत्तर प्रदेश पर है। पिछले कुछ समय से उत्तर प्रदेश धर्मांतरण की घटनाओं को लेकर चर्चा का केंद्र बना हुआ है। यह घटनाएं कहीं न कहीं राज्य की सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना पर गहरा असर डाल रही हैं। ताज़ा मामला राजधानी लखनऊ के सबसे पॉश इलाकों में से एक गोमतीनगर से सामने आया है, जहां हिंदू संगठनों ने ईसाई धर्मांतरण के एक बड़े रैकेट का खुलासा किया है।
गोमतीनगर जैसे हाई-प्रोफाइल इलाके में इस तरह की गतिविधियां समाज में मिशनरियों के बढ़ते प्रभाव और उनके गुप्त एजेंडे पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। हिंदू संगठनों का आरोप है कि पड़ोसी हिन्दुओं को निशाना बनाकर उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए लालच दिया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में धर्म परिवर्तन के मामले को लेकर बड़ा हंगामा हुआ है। गोमती नगर विस्तार के भरवारा एस्टेट के पास एक मकान में चल रही कथित प्रार्थना सभा के दौरान धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए स्थानीय लोगों ने जोरदार विरोध किया। उनका आरोप है कि हिंदुओं को ईसाई बनाने की साजिश चल रही थी। इस विरोध के दौरान स्थानीय लोगों ने “धर्म परिवर्तन नहीं चलेगा” जैसे नारे लगाए और बड़ी संख्या में वहां इकट्ठा हो गए। इसके साथ ही हिन्दू संगठनों ने इस मामले की लिखित शिकायत भी थाने में दर्ज कराई है।
![हिन्दू संगठन द्वारा दर्ज की गई शिकायत](https://tfipost.in/wp-content/uploads/sites/2/2025/02/WhatsApp-Image-2025-02-10-at-14.28.30-200x300.jpeg)
स्थानीय लोगों की शिकायत पर मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। पुलिस ने वहां से 60-70 लोगों को हिरासत में लिया और उनके नाम-पते दर्ज करने के बाद छोड़ दिया। पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच में धर्मांतरण के कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। फिलहाल, दोनों पक्षों से बातचीत के बाद स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया है, लेकिन मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
इस घटना पर हिंदू संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। TFI से बातचीत के दौरान हिंद साम्राज्य पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप ने आरोप लगाया है कि गोमतीनगर के खरगापुर इलाके में प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण का खेल चल रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि रेजिडेंशियल कॉलोनी में बिना अनुमति के 1000-2000 लोगों की भीड़ कैसे जुटी? और बिना रजिस्ट्रेशन के रेजिडेंशियल इलाके में चर्च का निर्माण कैसे किया गया? उन्होंने प्रशासन से इस मामले की गंभीर जांच की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि ऐसा नहीं हुआ, तो वे उसी स्थान पर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।
करोड़ों के फ्लैट डबल और ट्रिपल रेट पर खरीदने का लालच
TFI से बातचीत के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मिशनरियों पर चौंकाने वाले आरोप लगाए। उन्होंने बताया, “मिशनरियों ने पड़ोसियों को उनके फ्लैट्स डबल और ट्रिपल रेट पर खरीदने का लालच देकर आसपास के कई फ्लैट्स खरीद लिए हैं, ताकि चर्च का विस्तार किया जा सके। ये सब बहुत योजनाबद्ध तरीके से हो रहा है। बाहर से देखने पर ये इलाके एक सामान्य रेजिडेंशियल कॉलोनी की तरह लगते हैं, लेकिन असल में अंदर से ये सारे फ्लैट्स आपस में जुड़े हुए हैं। यही वजह है कि जब पुलिस वहां पहुंची, तो कुछ लोग आसानी से भागने में सफल रहे।”
उन्होंने आगे बताया कि इन फ्लैट्स के अंदर एक बड़ा हॉल बनाया गया है, जहां एक चर्च भी है। यही वो जगह है, जहां प्रार्थना सभाओं की आड़ में धर्मांतरण का खेल खेला जा रहा है। उन्होंने कहा, “ये सब इतने गुपचुप तरीके से हो रहा है कि किसी को पता ही नहीं चलता। यहां तक कि आसपास रहने वाले लोगों को भी भनक नहीं लगती।”
सबूत नहीं मिलने पर क्या बोला – हिन्दू संगठन
यही नहीं TFI से बातचीत के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप तिवारी ने पुलिस के “सबूत नहीं मिले” वाले बयान को सिरे से खारिज करते हुए कहा, “हमारे साथ 150-200 स्थानीय लोगों ने गवाही दी है। रितेश मिश्रा नाम के व्यक्ति को मिशनरियों के लोगों ने मारा-पीटा, चर्च में बिना अनुमति के संगीत बज रहा था, और वहां से बाइबिल भी बरामद हुई है। स्थानीय लोग खुद इन घटनाओं के चश्मदीद गवाह हैं। तो फिर पुलिस को आखिर और कौन से सबूत चाहिए?