भारत में ट्रेडमार्क उल्लंघन पर अब तक की सबसे बड़ी क्षतिपूर्ति! अमेज़न को चुकाने होंगे 340 करोड़ – दिल्ली हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

पढ़ें क्या है पूरा मामला

Delhi High Court Directs Amazon to Pay $39 Million in Damages in Beverly Hills Polo Club Trademark Case

Delhi High Court Directs Amazon to Pay $39 Million in Damages in Beverly Hills Polo Club Trademark Case (Image Source: X)

दिल्ली हाई कोर्ट ने ट्रेडमार्क उल्लंघन के एक बड़े मामले में अमेज़न पर अब तक की सबसे बड़ी क्षतिपूर्ति राशि का जुर्माना लगाया है। बेवर्ली हिल्स पोलो क्लब (BHPC) ट्रेडमार्क विवाद में अदालत ने अमेज़न को 3.9 करोड़ डॉलर (करीब 340 करोड़ रुपये) का हर्जाना चुकाने का आदेश दिया है, जो लाइफस्टाइल इक्विटीज को मिलेगा—वही कंपनी जिसने यह मुकदमा दर्ज कराया था।

कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, किसी अमेरिकी कंपनी के खिलाफ अब तक का यह सबसे बड़ा मुआवजा है। 2020 में दायर इस मुकदमे में लाइफस्टाइल इक्विटीज ने आरोप लगाया था कि अमेज़न इंडिया की वेबसाइट पर BHPC के घोड़े के लोगो से मिलता-जुलता डिजाइन इस्तेमाल कर कपड़े बेचे जा रहे थे, जो असली प्रोडक्ट्स की तुलना में बेहद कम कीमत पर उपलब्ध थे।

ट्रेडमार्क का ‘जानबूझकर और स्वेच्छा से किया गया उल्लंघन’- दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाई कोर्ट ने बेवर्ली हिल्स पोलो क्लब (BHPC) के ट्रेडमार्क उल्लंघन मामले में अमेज़न टेक्नोलॉजीज इंक पर 339.25 करोड़ रुपये का भारी हर्जाना लगाया है। अदालत ने अमेज़न की कार्रवाई को जानबूझकर और सुनियोजित उल्लंघन करार दिया है।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने फैसले में कहा कि अमेज़न ने उपभोक्ताओं को भ्रमित करने की रणनीति अपनाई और अपनी भूमिका को बार-बार बदलने की कोशिश की—कभी खुद को मध्यस्थ, कभी खुदरा विक्रेता और कभी ब्रांड मालिक बताया—ताकि कानूनी जवाबदेही से बचा जा सके।

यह मामला 2020 में लाइफस्टाइल इक्विटीज द्वारा दायर किया गया था, जो बेवर्ली हिल्स पोलो क्लब ट्रेडमार्क की मालिक है। कंपनी ने आरोप लगाया था कि अमेज़न इंडिया की वेबसाइट पर BHPC के घोड़े के लोगो से मिलता-जुलता डिज़ाइन इस्तेमाल कर कपड़े बेचे जा रहे थे, जो असली ब्रांड की तुलना में काफी सस्ते थे। इससे ग्राहकों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो रही थी और ब्रांड की छवि को नुकसान पहुंच रहा था।

BHPC का लोगो

लाइफस्टाइल इक्विटीज सीवी और लाइफस्टाइल लाइसेंसिंग बीवी, जो इस मामले में वादी हैं, ने अदालत में स्पष्ट किया कि वे बेवर्ली हिल्स पोलो क्लब (BHPC) के पंजीकृत ट्रेडमार्क के वास्तविक मालिक हैं। ये कंपनियां BHPC ब्रांड के तहत कपड़े, एक्सेसरीज़, जूते, फर्नीचर, घड़ियां और अन्य लक्जरी व पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स के निर्माण और बिक्री के कारोबार में सक्रिय हैं।

BHPC का लोगो (Image Source: live Law)

BHPC का लोगो, जिसमें एक दौड़ती हुई पोलो पोनी और पोलो स्टिक थामे एक खिलाड़ी दिखाया गया है, इस ब्रांड की विशिष्ट पहचान है। यह न सिर्फ पोलो खेल का प्रतीक है, बल्कि लक्जरी और प्रीमियम लाइफस्टाइल से इसके जुड़ाव को भी दर्शाता है।

वादी पक्ष ने अदालत को बताया कि BHPC ट्रेडमार्क दुनिया के 91 देशों में पंजीकृत है, जिनमें भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई, जर्मनी, नेपाल और मैक्सिको शामिल हैं। भारत में इस ब्रांड की एंट्री 2007 में हुई थी, और तब से यह लगातार यहां के बाजार में अपनी पकड़ बनाए हुए है। मुकदमे में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, BHPC ब्रांड के उत्पादों की भारत में हर साल 20 करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री होती रही है, खासतौर पर 2016-17 के बाद से इसका कारोबार लगातार बढ़ा है। इससे ब्रांड की लोकप्रियता और उपभोक्ताओं के बीच इसकी मजबूत पकड़ का अंदाजा लगाया जा सकता है।

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