बीबीसी (BBC) ने गाजा पर हमास आतंकी के लड़के को केंद्र में रखकर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है। इसके लिए आतंकी की बीवी को पैसे भी दिए हैं। आतंकी के लड़के को ‘हीरो’ बनाने को लेकर आलोचना झेलने के बाद BBC ने एक बयान जारी कर माफी मांगी है। हालांकि बात सिर्फ आतंकी के बेटे को मंच देने की नहीं है बल्कि BBC पर ‘जिहाद’ और ‘यहूदी’ जैसे शब्दों को जानबूझकर ‘छिपाने’ का भी आरोप लग रहा है।
दरअसल, BBC ने ‘गाजा: हाउ टु सरवाइव ए वॉरजोन’ (GAZA: HOW TO SURVIVE A WARZONE) नामक एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। इस डॉक्यूमेंट्री में आतंकी संगठन हमास में डिप्टी एग्रीकल्चर मिनिस्टर रह चुके अयमन अल-यजूरी के 14 साल के लड़के अब्दुल्ला अल-यजूरी को जगह दी थी। डॉक्यूमेंट्री में अब्दुल्ला को गाजा के लोगों की जिंदगी के बारे में बताते हुए दिखाया गया था।
डॉक्यूमेंट्री रिलीज होने के बाद लोगों ने जब इसे देखा तो विवाद शुरू हो गया। लोगों का कहना था कि आखिर BBC ने एक आतंकी के बेटे को Video में क्यों दिखाया? क्या BBC को कोई और नहीं मिला था? सवाल यह भी उठा कि क्या BBC आतंकवाद को बढ़ावा देना चाहता है? एक बार विवाद शुरू हुआ तो थमने का नाम नहीं ले रहा था। ऐसे में एक कहावत है, ‘मरता क्या न करता?’ तो BBC ने भी वही किया जो वह कर सकता था। डॉक्यूमेंट्री में आतंकी के बेटे को जगह देने के लिए बीबीसी ने अधूरे मन से माफी मांग ली।
BBC के प्रवक्ता माफी मांगते हुए एक बयान जारी किया। साथ ही कहा कि यह डॉक्यूमेंट्री अब डिलीट कर दी गई है। प्रवक्ता ने कहा, “बीबीसी ने इस कार्यक्रम के निर्माण में गंभीर खामियां पाई हैं। इनमें से कुछ खामियां प्रोडक्शन कंपनी की थीं और कुछ बीबीसी की ओर से की भी थीं। ये सभी अस्वीकार्य हैं। बीबीसी न्यूज इनके लिए और कॉर्पोरेशन की प्रतिष्ठा पर इनके प्रभाव के लिए पूरी ज़िम्मेदारी लेता है। हम इसके लिए माफी मांगते हैं।”
बीबीसी के प्रवक्ता ने कहा है कि डॉक्यूमेंट्री बनाने वाली कंपनी ‘होयो’ से उसने कई बार अब्दुल्ला के परिवार के आतंकियों से संबंधों को लेकर सवाल किया था। लेकिन ‘होयो’ कंपनी ने कभी भी इस बारे में नहीं बताया कि लड़के के परिवार का संबंध हमास से है। डॉक्यूमेंट्री रिलीज होने के बाद सच्चाई पता चल पाई।
BBC ने अपने बयान में आतंकी की बीवी को पैसा देने की बात भी स्वीकार की है। हालांकि उसने कहा है कि ‘होयो’ कंपनी का दावा है कि डॉक्यूमेंट्री को लेकर कोई भी पैसा या गिफ्ट आतंकी संगठन हमास को नहीं दिया गया है। ऐसे में सवाल यह है कि आतंकी की बीवी को पैसा देना क्या आतंकियों का पेट पालना या आतंक को बढ़ावा देने में सहयोग करना नहीं है तो फिर और क्या है?
यहूदियों के खिलाफ जिहाद को बताया लड़ाई:
ब्रिटेन के अखबार ‘द टेलीग्राफ’ ने एक रिपोर्ट में खुलासा करते हुए कहा है कि BBC की डॉक्यूमेंट्री में कम से कम 5 जगहों पर यहूदियों के जिक्र को जानबूझकर बदला गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि डॉक्यूमेंट्री में यहूदियों के खिलाफ जिहाद छेड़ने की बात को इजाराइल या इजराइली सेना के खिलाफ लड़ाई के रूप में ट्रांस्क्रिप्ट किया गया।
🔴 BBC removed references to ‘Jews’ and ‘jihad’ in Gaza documentary pic.twitter.com/WHFRgoHOYC
— The Telegraph (@Telegraph) February 25, 2025
इतना ही नहीं, ‘द टेलीग्राफ’ ने यह भी खुलासा किया है कि इस डॉक्यूमेंट्री के निर्माण में शामिल कैमरामैन हेटम रावघ ने 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के आतंकियों द्वारा इजरायल में 1139 यहूदियों की हत्या किए जाने पर जश्न मनाया था।