दिल्ली में सत्ता बदलते ही आम आदमी पार्टी (AAP) ने नया पैंतरा शुरू कर दिया है। दिल्ली विधानसभा में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीर को लेकर भाजपा और AAP आमने-सामने हैं। दरअसल, दिल्ली में भाजपा की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घोषणा की थी कि AAP की सरकार के सारे काले कारनामों को वह दिल्ली के लोगों के सामने लाएँगी। इसी क्रम में मंगलवार (25 फरवरी) को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने AAP सरकार की घोटाले से जुड़ी नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की रिपोर्ट को सदन में रखा। इस रिपोर्ट से ध्यान हटाने के लिए AAP के नेताओं ने बाबासाहेब अंबेडकर की तस्वीर का झूठा नैरेटिव गढ़कर मामले को दूसरी तरफ मोड़ने की कोशिश की। हालाँकि, इसमें वे सफल होते नहीं देखे।
सबसे पहले देखते हैं कि CAG रिपोर्ट में AAP सरकार की नीतियों को लेकर क्या कहा गया है। CAG रिपोर्ट में शराब घोटाले को लेकर AAP की सरकार पर कई तरह के आरोप लगाए गए हैं। इसमें शराब निर्माताओं और वितरकों द्वारा शराब का मूल्य तय करने को लेकर सवाल उठाया गया है। इसके अलावा, शराब नीति में पारदर्शिता की कमी और शराब की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं। इसमें कहा गया है कि AAP सरकार की गलत नीतियों के कारण शराब की बिक्री में भारी कमी आई, जिसके कारण सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हुआ। इस नीति के कारण दिल्ली सरकार को 2002 करोड़ रुपए का नुकसान की बात CAG रिपोर्ट में कही गई है।
इतना ही नहीं, जिस CAG रिपोर्ट को अरविंद केजरीवाल की सरकार ने 3 साल तक छिपा कर रखा, उस रिपोर्ट में दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के नुकसान और मोहल्ला क्लिनिक को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट में DTC के वित्तीय घाटे का गंभीर मामला बताया गया है। इसमें कहा गया है कि 2015-16 से 2021-22 तक डीटीसी का घाटा 25,300 करोड़ रुपए से बढ़कर लगभग 60,750 करोड़ रुपए हो गया। इसका प्रमुख कारण बसों का पुराना बेड़ा था। इसकी 45% बसें पुरानी हो चुकी थीं और उनके खराब होने का खतरा था। वहीं, भारी-भरकम राशि लगाकर अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री आवास को सँवारा था। उसे भाजपा ‘शीशमहल’ कहती है। उसमें कई तरह की अनियमितता की बात सामने आई है।
शराब घोटाले को लेकर CAG की रिपोर्ट आने के बाद विधानसभा में प्रतिपक्ष की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी सिंह ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में दिखाया गया है कि पुरानी आबकारी नीति के कारण शराब की बिक्री में 28 प्रतिशत की कमी आई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि शराब माफियाओं द्वारा गलत तरीके से रिपोर्टिंग की जा रही थी, जिससे दिल्ली सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था। पुरानी नीति के कारण दिल्ली में शराब की तस्करी बढ़ी है।
जब सदन में CAG की रिपोर्ट पेश हो रही थी, उस वक्त AAP के 22 विधायक बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर और महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की तस्वीर को लेकर हल्ला मचा रहे थे। विपक्ष की नेता आतिशी ने इस मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाया। उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय से दोनों महापुरुष की तस्वीरें हटा दी गई हैं। जब उपराज्यपाल वीके सक्सेना का सदन में अभिभाषण हो रहा था, उस समय AAP के विधायकों ने ‘जय भीम’ और ‘भगत सिंह अमर रहें’ के नारे लगाने लगे। हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने पहले आतिशी सहित AAP के 12 विधायकों को पूरे दिन के लिए निलंबित कर दिया। इसके बाद, AAP के अमनतुल्लाह खान को छोड़कर 21 विधायकों को तीन दिनों के लिए सदन से निलंबित कर दिया।
सदन से निकाले जाने के बाद AAP के विधायक विधानसभा परिसर में अंबेडकर की मूर्ति के नीचे बैठकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने जानबूझकर भीमराव अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें हटाकर उनकी विरासत का अपमान किया है। पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने आरोप लगाया कि डॉक्टर अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें हटाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें लगाई गई हैं। उन्होंने कहा, “क्या नरेंद्र मोदी बाबासाहेब अंबेडकर से बड़े हो गए हैं? क्या नरेंद्र मोदी अंबेडकर की जगह ले सकते हैं? ये वही भाजपा है, जिसके नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में अंबेडकर का मजाक उड़ाया था।”
जैसा कि पहले हमने बताया कि AAP के नेताओं की सारी कवायद CAG रिपोर्ट से दिल्लीवासियों का ध्यान हटाने के लिए है। इस रिपोर्ट में केजरीवाल सरकार के दौरान हर विभाग में हुए घोटाले की पोल खुली है। इसलिए AAP के नेता नहीं चाहते कि उनके कारनामों की जानकारी आम आदमी तक ना पहुँचे। इस मुद्दे को छुपाने के लिए उन्होंने बाबासाहेब के नाम पर जाति की राजनीति शुरू कर दी। AAP ने कहा कि भाजपा दलित और सिख विरोधी है। भाजपा ने सदन से हंगाम से एक दिन पहले ही इस मामले में स्पष्टीकरण दे दिया है। भाजपा ने मुख्यमंत्री कार्यालय की एक तस्वीर जारी की और कहा कि AAP झूठ बोल रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय में डॉक्टर अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें लगी हैं। बस उनकी जगह बदली गई है।
भाजपा नेता सरदार आरपी सिंह ने कहा, “तस्वीरें लगाना एक प्रोटोकॉल है और यह प्रशासन तय करता है, मुख्यमंत्री नहीं। प्रोटोकॉल के मुताबिक तस्वीरें लगेंगी, चाहे वह बाबासाहेब की हों या भगत सिंह की हों या महात्मा गाँधी की।” उन्होंने कहा कि कई बार प्रधानमंत्री और महात्मा गाँधी की भी तस्वीरें होती हैं। दरअसल, सीएम रेखा गुप्ता के कार्यालय में उनकी कुर्सी के ऊपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और महात्मा गाँधी की तस्वीरें लगी हैं। वहीं, अरविंद केजरीवाल के समय इस जगह पर भगत सिंह और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की तस्वीरें लगी थीं।