जब भी किसी हिंदू संगठन की शोभायात्रा या धार्मिक जुलूस मुस्लिम बहुल इलाकों से गुजरता है, तो पथराव, हमले और हिंसा की घटनाएं आम होती जा रही हैं। ये सिर्फ एक संयोग नहीं, बल्कि एक सुनियोजित पैटर्न बन चुका है, जहां हिंदू आस्थावानों को निशाना बनाया जाता है। देश ने समय-समय पर ऐसे हमलों को झेला है, लेकिन तथाकथित सेक्युलर मीडिया अक्सर इन घटनाओं पर चुप्पी साध लेता है। यही नहीं कभी कभी तो इसके उलट शोभायात्रा निकाल रहे श्रद्धालुओं पर ही उन्हें भड़काने का आरोप लगा दिया जाता है।
ताजा मामला बिहार के जमुई जिले के बलियाडीह से सामने आया है, जहां हनुमान चालीसा पाठ से लौट रहे श्रद्धालुओं पर एक कट्टरपंथियों ने अचानक हमला कर दिया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि प्रशासन को इंटरनेट सेवाएं बंद करनी पड़ीं और पूरे इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ी। इस मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 41 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में हिंदू शेरनी के नाम से मशहूर खुशबू पांडेय भी शामिल हैं। इस गिरफ्तारी के बाद मामला और गरमा गया है, क्योंकि यह सवाल उठता है कि आखिर उपद्रव कौन कर रहा था और कार्रवाई किस पर हो रही है?
घटना तब हुई जब हिंदू स्वाभिमान संगठन द्वारा बजरंगबली मंदिर में हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया गया था। पाठ संपन्न होने के बाद श्रद्धालु वापस लौट रहे थे, तभी एक विशेष समुदाय के मोहल्ले से गुजरते समय उन पर योजनाबद्ध तरीके से पथराव किया गया। उपद्रवियों ने सिर्फ पत्थरबाजी नहीं की, बल्कि लाठी-डंडों से भी हमला किया। इस हमले में जमुई नगर परिषद के उपाध्यक्ष और चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष नीतीश कुमार समेत दो अन्य लोग घायल हो गए। उपद्रवियों ने श्रद्धालुओं की गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया। पुलिस ने झाझा थाना में कांड संख्या 74/25 के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें 41 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है और 50-60 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।
मामला विस्तार से
जब भी हिंदू संगठनों की धार्मिक यात्राएं मुस्लिम बहुल इलाकों से गुजरती हैं, तो अक्सर पथराव और हिंसा की घटनाएं सामने आती हैं। बिहार के जमुई जिले के बलियाडीह में भी ऐसा ही हुआ, जब हिंदू स्वाभिमान संगठन द्वारा आयोजित हनुमान चालीसा पाठ के बाद लौट रहे श्रद्धालुओं पर कट्टरपंथियों ने हमला कर दिया। करीब 400 लोगों की उग्र भीड़ ने अचानक पथराव शुरू कर दिया और लाठी-डंडों से हमला कर दिया। इस हमले में नगर परिषद जमुई के उपाध्यक्ष नीतीश कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए, वहीं हिंदू स्वाभिमान संगठन की संयोजिका खुशबू पांडेय सहित कई श्रद्धालु भी जख्मी हो गए।
इस घटना से जुड़ा खुशबू पांडेय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह हमले का जिक्र करते हुए कह रही हैं, “हम भालेश्वर नाथ मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ कर लौट रहे थे, तभी अचानक मस्जिद के पास कट्टरपंथियों ने हमला कर दिया। चारों तरफ से पथराव होने लगा और लाठी-डंडों से श्रद्धालुओं को पीटा गया।” उन्होंने यह भी बताया कि “हमलावर ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लगा रहे थे और भीड़ से आवाजें आ रही थीं कि ‘खुशबू पांडेय को ढूंढो और जिंदा जला दो।’”
पहले शांतिदूतों ने हमारी हिन्दू शेरनी बहन खुशबु पांडे के ऊपर जानलेवा “हमला” किया,
और जब हमारी बहन ने इसपे अपनी प्रतिक्रिया दी तो ये जाहिल लोग गिरफ्तारी के लिए #ArrestKhusbuPandey का रोना रो रहे है😡
हम सब तुम्हारे साथ हैं बहन 💪💪#ISupportKhushbuPandey pic.twitter.com/eR6rXFrT6C
— Prof. Sudhanshu 🚩 (@ProfSudhaanshu) February 17, 2025
हैरानी की बात यह है कि इस पूरी घटना के दौरान पुलिस मौके पर मौजूद थी, लेकिन उसने भीड़ को काबू करने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। उल्टा लोगों की मानने तो जब पथराव शुरू हुआ तो पुलिसकर्मी खुद ही जान बचाकर भागते नजर आए। अब पुलिस की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। एसपी ने सफाई देते हुए कहा कि झाझा थाना क्षेत्र की गश्ती टीम ने वरिष्ठ अधिकारियों को समय पर सूचना नहीं दी, जिसके लिए उनसे जवाब मांगा गया है।
वहीं, इस पूरे मामले पर पुलिस का दावा बिल्कुल अलग है। पुलिस ने खुशबू पांडेय को भड़काऊ भाषण देने और आपत्तिजनक नारेबाजी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। सोमवार रात करीब 9 बजे, भारी पुलिस बल की मौजूदगी में उन्हें हिरासत में लिया गया और मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया। कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस टीम ने उनकी मेडिकल जांच पूरी कराई। फिलहाल, स्थिति को काबू में रखने के लिए प्रशासन ने जमुई में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं और भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।