बांग्लादेशी बीवी से मिला धोखा तो घुसपैठियों से ले रहा बदला, 4000+ को करवा चुका गिरफ्तार: कहानी मुंबई पुलिस के ‘सबसे बड़े’ मुखबिर की

बांग्लादेशी घुसपैठिए मुंबई मुखबिर

बांग्लादेशी बीवी से मिला धोखा तो घुसपैठियों से ले रहा बदला

पूरा भारत इस समय बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती संख्या से परेशान है। देश की बदलती डेमोग्राफी से लेकर क्राइम तक के आंकड़ों और बेरोजगारी की वजह भी घुसपैठिए ही हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में घुसपैठियों की पहचान कर गिरफ्तार किया जा रहा है। इसमें सुरक्षा एजेंसियों के साथ ही घुसपैठियों की जानकारी देने वाले लोग भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। ऐसा ही एक व्यक्ति मुंबई में सामने आया है, जो बीवी से मिले धोखे के चलते अब तक करीब 4000 घुसपैठियों को पकड़वाकर वापस बांग्लादेश भिजवा चुका है।

मीडिया रिपोर्ट्स में, पुलिस को बांग्लादेशी घुसपैठियों की जानकारी देने वाले व्यक्ति के नाम का जिक्र नहीं है। लेकिन उसकी उम्र, काम और पता सामने आया है। बांग्लादेशियों के खिलाफ मुहिम में पुलिस के ‘सबसे बड़े खबरी’ बन चुके इस व्यक्ति की उम्र-45 साल, काम-मुर्गी बेचना और पता-मुंबई का ठाणे इलाका है। इसके पुलिस को बांग्लादेशी घुसपैठियों को सूचना देने यानी मुखबिर बनने की कहानी बेहद दिलचस्प है।

मुखबिर ने कहा कि यह सब उसने 20 साल पहले शुरू किया था। लेकिन इसकी जड़ 25 साल पहले उसके निकाह के साथ हो गई थी। मिड-डे से बात करते हुए मुखबिर ने कहा है, “मैं करीब 25 साल पहले सलेहा से ठाणे में मिला था। वह एक बार में डांसर के तौर पर काम करती थी। हम दोनों में प्यार हुआ और फिर हमने निकाह कर लिया। इस निकाह से दो बेटियां हुईं।”

उसने आगे कहा, “सलेहा बांग्लादेशी थी। लेकिन उसने कहा था कि वह कोलकाता की रहने वाली है। हमारी शादी के 5 साल बाद सलेहा मुझे और बेटियों को बांग्लादेश में अपने परिवार से मिलवाने के लिए सीमा पार ले गई। मुझे लगा कि वे सब लोग कोलकाता में रहते हैं। मुझे उसकी प्लानिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं थी जब हम भारत-बांग्लादेश सीमा पर पहुंचे तो मुझे पता चला कि सलेहा बांग्लादेशी है। एक स्थानीय एजेंट की मदद से हम सीमा पार करके बांग्लादेश पहुंचे थे।”

मुखबिर ने आगे कहा, “मैंने सलेहा से पूछा कि हम उसके गांव कैसे जाएंगे तो उसने कहा कि हेलीकॉप्टर से जाएंगे। मैं बहुत खुश था कि मुझे हेलीकॉप्टर में बैठने का मौका मिलेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कुछ समय बाद, एक व्यक्ति साइकिल पर सवार होकर आया और हमें बांग्लादेश के सतखीरा जिले के कोलारोआ पुलिस स्टेशन के सलेहा गांव ले गया। यह गांव बॉर्डर से करीब 25 मिनट की दूरी पर था।”

उसने इस बातचीत में आगे कहा, “जब हम लोग सलेहा के गांव पहुंचे तो उसके घरवालों को यह नहीं पता था कि हमने निकाह कर लिया है। हमारे निकाह की खबर जब गांव वालों तक पहुंची तो बहुत अधिक लोग घर आ गए और मुझे पकड़कर बेरहमी से पीटा।”

इस बातचीत में उसने आगे कहा, “उन लोगों को लग रहा था कि मैं भारत से हूं तो हिंदू ही हूं। इसलिए वे मारपीट कर रहे थे। हालांकि मैंने बार-बार उनसे कहा कि मैं मुस्लिम हूं। लेकिन उन्होंने मेरी बात पर यकीन नहीं किया, इसलिए उन्होंने मेरे कपड़े उतार कर (खतना) देखने के बाद उन्हें यकीन हुआ। फिर भी उनका गुस्सा शांत नहीं हुआ और उन लोगों ने मुझे पुलिस के हवाले कर दिया।”

मुखबिर ने दुखी होते हुए पुलिस द्वारा भी मारपीट करने का भी जिक्र किया। उसने कहा, “पुलिस ने मुझे हिरासत में रखा और दो दिनों तक मुझे बुरी तरह पीटती रही। मेरे पूरे शरीर पर चोट के निशान थे। न तो सलेहा और न ही उसका परिवार मुझसे मिलने आया। पुलिस ने मुझसे कहा कि अगर वापस जाना चाहते हो तो पैसे देने होंगे। मैंने भारत में रहने वाले अपने पिता को फोन किया और उन्हें सब कुछ बताया। उन्होंने पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले में हमारी एक जमीन को बेच दिया और पुलिस को 5 लाख रुपए देकर मुझे छुड़ा लिया।”

उसने यह भी कहा कि पुलिस द्वारा छोड़े जाने के तुरंत बाद वह अपनी बीवी सलेहा के गांव गया और उससे साथ चलने के लिए कहा। लेकिन उसने मना कर दिया। इसके बाद वह अपनी बड़ी बेटी को साथ लेकर वापस भारत आ गया। इसके बाद उसने कसम खाई कि वह एक भी बांग्लादेशी को भारत में नहीं रहने देगा। इसके बाद से ही वह लगातार घुसपैठियों की सूचना पुलिस को दे रहा है।

भारत आने के बाद मुखबिर ने दूसरा निकाह कर लिया। इस निकाह से उसके 3 बच्चे हैं। वहीं पहली बीवी से प्राप्त हुई बेटी का भी निकाह हो चुका है। मुखबिर ने यह भी कहा है, “बांग्लादेशी घुसपैठिए पुणे, नवी मुंबई, नागपुर, नासिक, पालघर, मुंबई और ठाणे जिले सहित विभिन्न शहरों में रह रहे हैं। उनमें से कई के पास भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं। उनके पास घर भी हैं और वे अपना व्यवसाय भी चलाते हैं। कुछ ऑटो रिक्शा और टैक्सी चलाते हैं। लेकिन उनकी पहचान करने में मैं अब इतना एक्सपर्ट हो गया हूं कि किसी बांग्लादेशी को उसके बोलने और काम करने के तरीके से आसानी से पहचान सकता हूं।”

इस बातचीत के अंत में उसने कहा, “मैंने मुंबई, पालघर, नवी मुंबई और ठाणे में स्पेशल ब्रांच-1, स्थानीय पुलिस समेत कई पुलिस एजेंसियों के साथ काम किया है। मैंने पुलिस को विभिन्न इलाकों से करीब 4,000 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार करने में मदद की है। इसमें पिछले महीने बोरिवली पुलिस द्वारा पकड़े गए 21 बांग्लादेशी भी शामिल हैं। मुंबई पुलिस चाहे तो मैं उन्हें हर दिन बांग्लादेशी महिलाओं से भरी एक वैन दे सकता हूं। भारत में आए दिन घुसपैठिए बढ़ रहे हैं। बड़ी संख्या में बांग्लादेशी महिलाएं घरेलू नौकर के रूप में काम कर रही हैं। वहीं कई वेश्यावृत्ति में लगी हुई हैं।”

 

 

 

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