रूस-यूक्रेन युद्ध को शुरू हुए सोमवार (24 फरवरी) को 3 वर्ष पूरे हो चुके हैं। 24 फरवरी 2022 को रूस-यूक्रेन के बीच बड़े पैमाने पर हमले शुरू हो गए थे जिसके बाद से अभी तक यह युद्ध लगातार चल रहा है। रूस ने यूक्रेन पर शनिवार रात एक साथ 267 ड्रोन से हमला किया है और 3 बैलिस्टिक मिसाइलें भी दागी हैं। यूक्रेन के अधिकारियों का कहना है कि यह हमला कम से कम 13 शहरों में किया गया है। रूस के इस आक्रामक रुख और अमेरिका के यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की पर बनाए गए दबाव के बाद लग रहा है कि यह युद्ध जल्द ही समाप्त हो सकता है। पिछले कई दिनों से ट्रंप लगातार ज़ेलेंस्की पर हमलावर थे और अब ज़ेलेंस्की ने राष्ट्रपति पद छोड़ने को लेकर एक बड़ा एलान कर दिया है।
इस्तीफा देंगे ज़ेलेंस्की!
अमेरिका के दबाव और दुनिया में अलग-थलग पड़ते यूरोप के चलते यूक्रेन के पास अब युद्ध में मदद के लिए कोई बड़ा भागीदार नहीं बचा है। अब लगता है कि इसके चलते ही ज़ेलेंस्की ने कुछ शर्तों के साथ राष्ट्रपति पद छोड़ने का मन बना लिया है। ज़ेलेंस्की ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि वह खुशी से राष्ट्रपति पद छोड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, “अगर यूक्रेन की शांति या NATO की सदस्यता के लिए पद छोड़ना पड़े तो मैं तैयार हूं।”
ज़ेलेंस्की ने कहा, “अगर लोग चाहते हैं कि मैं पद छोड़ दूं, तो मैं इसके लिए तैयार हूं, लेकिन इसकी शर्त यह होगी कि हमें शांति मिले और नेटो की सदस्यता के रूप में सुरक्षा की गारंटी दी जाए। यदि हमारी ये मांगें पूरी होती हैं, तो मैं तुरंत पद छोड़ने के लिए तैयार हूं।” उन्होंने आगे कहा, “मेरा ध्यान सिर्फ मौजूदा समय में यूक्रेन की सुरक्षा पर नहीं है और न ही केवल अगले बीस वर्षों के लिए। मैं दशकों तक सत्ता में नहीं रहूंगा। मेरा प्रमुख उद्देश्य देश की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, और यही मेरा सपना भी है।”
अमेरिकी सैन्य मदद पर क्या बोले ज़ेलेंस्की?
ज़ेलेंस्की ने अमेरिका से सैन्य मदद ना मिलने और केवल यूरोपीय संघ से मिल रही मदद के काफी होने को लेकर पूछे गए सवाल पर भी प्रतिक्रिया दी है। ज़ेलेंस्की ने इसे लेकर कहा कि अमेरिका की मदद केवल आर्थिक रूप से भी ज़रूरी नहीं है बल्कि उसके द्वारा लगाए जाने वाली विभिन्न तरह की पाबंदियां भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने बताया कि कुछ ऐसे हथियार हैं जो यूरोप के पास हैं लेकिन उनका लाइसेंस अमेरिका के पास ही है, यूरोप हथियार दे सकता है लेकिन लाइसेंस के लिए अमेरिका का ही रुख करना होगा।
पुतिन क्यों नहीं कर रहे बातचीत?
20 मई 2019 को ज़ेलेंस्की ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी और उन्हें इस पद पर 5 वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है। युद्ध के हालातों में यूक्रेन में चुनाव होना संभव नहीं है तो ज़ेलेंस्की ही लगातार इस पद पर बने हुए हैं। रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने लगातार कहा है कि वे यूक्रेन की तरफ से ऐसे प्रतिनिधि से बात करना चाहते हैं जो इसके लिए अधिकृत हो। पुतिन का कहना है, “राष्ट्रपति के तौर पर ज़ेलेंस्की का कार्यकाल पूरा हो चुका है और उनकी जगह एक नया निर्वाचित नेता होना चाहिए जो इस बातचीत में हिस्सा ले सके।” डोनाल्ड ट्रंप ने भी अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद से यह रुख दोहराया है।
ज़ेलेंस्की के ऊपर ना केवल कार्यकाल पूरा होने का दबाव है बल्कि ट्रंप खुद लगातार उनके खिलाफ बयान दे रहे हैं। ट्रंप ने तो अब यहां तक दावा कर दिया है कि अगर ज़ेलेंस्की ने ठीक कदम नहीं उठाए तो उनका देश यानी यूक्रेन बचेगा नहीं। ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 12 फरवरी को फोन पर लंबी बातचीत हुई और इसके बाद से ही ट्रंप रूस के पक्ष में नज़र आ रहे हैं।