साल 1992 में राजस्थान के अजमेर में मुस्लिमों द्वारा 100 से अधिक लड़कियों के साथ बलात्कार करने का खुलासा हुआ था। ठीक उसी तर्ज पर राजस्थान के ही ब्यावर जिले में रेप कांड का खुलासा हुआ है। इस मामले में पुलिस अब तक 7 आरोपितों को पकड़ चुकी है। इसमें 2 नाबालिग भी शामिल हैं। सभी आरोपित मुस्लिम हैं। आरोप है कि ये नाबालिग लड़कियों को फोन देते थे। इसके बाद बात कर उन्हें फंसाते और फिर होटल बुलाकर रेप करते और फिर ब्लैकमेल कर अन्य लड़कियों को भी इसमें फंसाने के लिए कहते थे।
कैसे फंसाते थे लड़कियां:
इस मामले में अब तक सामने आई जानकारी के अनुसार, आरोपित मुस्लिम युवक स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिग हिंदू लड़कियों को टारगेट करते थे। इसके लिए पहले एक लड़की को फंसाते और उसे छोटा मोबाइल देते थे। यह फोन इतना छोटा होता था कि इसे कहीं भी आसानी से छिपाया जा सकता था। इस फोन के जरिए एक आरोपित उस लड़की से बात करता। बात के बाद उसे मिलने के लिए बुलाता और फिर होटल ले जाकर उसके साथ रेप करता।
नाबालिग बालिकाओं को फोन देकर प्रेम प्रसंग मे फंसाकर शारीरिक शोषण करने के मामले में 5 आरोपियों को किया गिरफ्तार, 2 विधि विरूद्व संघर्षरत बालको को किया डिटेन @RajPoliceHelp @IgpAjmer pic.twitter.com/M5xBdIZTQd
— BEAWAR POLICE (@BeawarPolice) February 17, 2025
रेप के दौरान ही आरोपित लड़की का वीडियो बना लेता और फिर उस वीडियो के जरिए वह उसे ब्लैकमेल कर अन्य लड़कियों को भी उसके पास लाने के लिए कहता। मना करने पर वीडियो वायरल करने और जान से मारने की धमकी दी जाती थी। इतना ही दिन आरोपित युवक मासूम लड़कियों को अपनी पसंद के कपड़े पहनकर होटल आने और घर से पैसे चुराकर देने तक का दबाव बनाते थे। वीडियो वायरल होने से बचने के लिए मासूम लड़कियां कुछ भी करने को तैयार होती थीं।
इस तरह से यदि कोई लड़की एक बार फंस जाती तो वह फिर एक से दूसरी और दूसरी से तीसरी और आगे इसी तरह कड़ी चलती जा रही थी। आरोपित एक के बाद कई लड़कियों को फंसाते और उनका रेप करते जा रहे थे।
कैसे हुआ खुलासा:
मुस्लिम युवकों के इस घिनौने गिरोह का खुलासा एक लड़की द्वारा घर से 2000 रुपए चुराने के बाद हुआ। दरअसल, आरोपित युवक एक लड़की पर दवाब डालकर उससे पैसे की मांग कर रहे थे। इस पर लड़की ने घर से 2000 रुपए चुरा लिए थे। परिजनों को इसकी जानकारी मिली तो लड़की ने चोरी की बात से इनकार कर दिया और झूठ बोलने लगी। इसके बाद परिजनों ने उस पर नजर रखना शुरू कर दिया।
इस बीच परिजनों ने एक दिन लड़की को फोन में बात करते हुए पकड़ लिया। इसके बाद उससे सख्ती से पूछताछ की। इस पर लड़की ने रोते हुए ब्लैकमेल और रेप कांड को लेकर आपबीती सुनाते हुए खुलासा कर दिया। साथ ही अन्य पीड़ित लड़कियों के नाम भी बता दिए।
इसके बाद 3 पीड़ित लड़कियों के परिजनों ने थाने पहुंचकर आरोपित युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। एक पीड़िता के पिता ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि जब उन्होंने अपनी बेटियों से बात की तो पता चला कि आरोपित मुस्लिम युवक शारीरिक शोषण के लिए एक-दूसरे की सहेलियों से मिलवाने का दबाव बनाते थे। मना करने पर घरवालों को जान से मारने और वीडियो वायरल करने की धमकियां देते थे। अब जब उन्होंने अपनी बेटियों की सहेलियों के घर वालों से संपर्क किया तो पता चला कि उनकी बेटियों के पास भी इसी प्रकार के फोन हैं। उनके साथ भी इसी प्रकार की घटनाएं हुई हैं।
इस मामले में विजयनगर थाना प्रभारी करण सिंह ने कहा है, फिलहाल 4-5 नाबालिग लड़कियां सामने आईं है। पीड़ित परिजनों ने शिकायत देते हुए कहा था कि कुछ युवकों ने उनको मोबाइल दिए। इसके बाद दबाव बनाकर बलात्कार किया। इस पर तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए हैं। मामले में अब तक 5 आरोपितों रिहान मोहम्मद (20), सोहेल मंसूरी (19), लुकमान उर्फ सोहेब (20), अरमान पठान (19) और साहिल कुरैशी (19) को गिरफ्तार किया गया है। वहीं 2 नाबालिग को हिरासत में लिया गया है।
33 साल पहले हुआ था अजमेर कांड
ब्यावर जिले में नाबालिग लड़कियों के साथ जिस तरह की घटना को अंजाम दिया गया है, उससे 33 साल पुराने अजमेर कांड की यादें ताजा हो गई हैं। बता दें कि साल 1992 में अजमेर में यूथ कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष फारुख चिश्ती, उसका साथी नफीस चिश्त और उसके गुर्गे स्कूल और कॉलेज की लड़कियों को शिकार बनाते थे। फार्महाउस और रेस्टोरेट में पार्टियों के नाम पर छात्राओं को बुलाकर उन्हें नशीला पदार्थ पिलाकर सामूहिक दुष्कर्म किया जाता था और उनके अश्लील फोटो खींच लिए जाते थे। इन अश्लील फोटो के सहारे लड़कियों से अन्य लड़कियों को लाने के लिए मजबूर करता था।
मामला दर्ज होने से पहले कुछ लड़कियां हिम्मत जुटाकर बयान देने के लिए थाने में भी गई थी पर पुलिस ने इन पीड़िताओं के सिर्फ बयान लेकर चलता कर दिया था। बाद में पीड़िताओं को धमकियां दी जाती रहीं। लिहाजा पीडि़तओं ने पुन: पुलिस में जाने की हिम्मत नहीं कर पाईं। पर बाद में 18 पीडि़ताओं ने आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में जज के सामने अपने बयान दिए।
आपको बता दें कि 1992 में अजमेर के एक कलर लैब से कुछ अश्लील फोटो लीक होने के कारण शहर में चर्चा का विषय बन गया था। तब पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद अश्लील फोटों की जांच की थी तब इस धिनौने दुष्कर्म कांड का भंडफोड़ हुआ था। इस दुष्कर्म कांड में सौ से अधिक लड़कियों को शिकार बनाया गया था। इस दुष्कर्मकांड के आरोपियों की पहुंच बड़े लोगों तक होने के कारण लड़कियां सामने आने से बचती रहीं।
दुष्कर्म और ब्लैकमेल की शिकार बनी कुछ लड़कियां तो अपनी जान तक दे दी। कुछ ने शहर छोड़ दी। पुलिस ने कुछ पीड़िताओं का बयान तब दर्ज किया जब तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत सरकार ने मामले को सीआईडी सीबी को सौंपने का निर्णय लिया तब जाकर पुलिस ने मामले में चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी। इसके बाद अगस्त 2024 में इस ममले में कोर्ट ने 6 आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।