Stock Market Crash: टूटा 30 साल पुराना रिकॉर्ड, ‘बेअर्स’ ने निवेशकों के 92 लाख करोड़ को किया स्वाहा

कब थमेगा ये ब्लडबाथ

Stock Market Crash

Stock Market Crash- When Will This Market Bloodbath End (Image made By AI)

शेयर बाजार में शुक्रवार को भी निराशा ही छाई रही। अक्टूबर 2024 से लगातार गिरावट का सिलसिला जारी है, जिससे निवेशकों को उम्मीद थी कि फरवरी में आए रेपो रेट कट और बजट 2025 के बाद बाजार में बुल्स की वापसी होगी। लेकिन यह लगातार पांचवें महीने भी गिरावट के साथ बंद हुआ। अक्टूबर 2024 से अब तक निफ्टी हर महीने नुकसान में बंद हो रहा है और बीते पांच महीनों में यह 12% तक गिर चुका है।

1996 के बाद यह पहली बार है जब बाजार लगातार पांच महीनों तक गिरावट की चपेट में रहा है। पिछली बार 1996 में जुलाई से नवंबर के बीच निफ्टी 50 इंडेक्स में 26% की गिरावट दर्ज की गई थी। मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए यह सवाल उठना लाजमी है कि बाजार में यह मंदी कब थमेगी और क्या निवेशकों को आगे भी इसी अनिश्चितता का सामना करना पड़ेगा?

गिरावट के पीछे के बड़े कारण: क्या बाजार की मंदी थमेगी?

बाजार की मौजूदा हालत को देखकर निवेशकों के मन में एक ही सवाल उठ रहा है—आखिर ये गिरावट कब थमेगी? क्या बाजार में छाई ये अनिश्चितता आगे भी जारी रहेगी? इन सवालों का जवाब तलाशने से पहले यह समझना जरूरी है कि बीते कुछ महीनों में बाजार को इतनी बड़ी चोट क्यों लगी।

अगर आंकड़ों पर नजर डालें, तो बीते पांच महीनों में Sensex करीब 11.54% गिर चुका है, जबकि Nifty में 12.65% की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, BSE मिडकैप इंडेक्स 20% से ज्यादा और BSE स्मॉलकैप 22.78% तक लुढ़क चुका है। इस गिरावट ने निवेशकों की संपत्ति को करारा झटका दिया है। BSE सेंसेक्स में शामिल कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण (Market Capitalization) 26 सितंबर 2024 के बाद से 25 लाख करोड़ रुपये घट चुका है, जब सेंसेक्स अपने 171 लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक ऊंचाई पर था। इससे भी ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि BSE में सूचीबद्ध कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू 92 लाख करोड़ रुपये तक गिर गई है।

बाजार के जानकारों का मानना है कि इस गिरावट के पीछे कई कारक हैं। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की भारी बिकवाली, अमेरिकी बांड यील्ड में तेजी, रुपये का कमजोर प्रदर्शन, तीसरी तिमाही के कमजोर नतीजे और अधिक वैल्यूएशन ने निवेशकों की धारणा को कमजोर किया है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों और टैरिफ से जुड़े फैसलों ने भी बाजार पर दबाव बढ़ा दिया है। बाजार में जारी यह Bloodbath कब रुकेगा, इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है।

 

मार्च में बुल्स की एंट्री संभव 

शेयर बाजार में जारी Bloodbath कब खत्म होगा, इस पर अभी कोई ठोस जवाब नहीं है। हालांकि, इतिहास को देखें तो मार्च का महीना अक्सर बुल्स के पक्ष में रहा है। पिछले 15 सालों में 10 बार बेंचमार्क इंडेक्स ने पॉजिटिव रिटर्न दिया है, जिससे निवेशकों को अच्छा खासा मुनाफा हुआ। दिलचस्प बात यह है कि 30 साल पहले भी मार्च में बाजार तेजी के साथ बंद हुआ था।

विशेषज्ञों का मानना है कि मार्च में मैक्रो-इकोनॉमिक न्यूज फ्लो बेहतर रहने और विदेशी निवेशकों (FII) की बिकवाली में कमी आने से बाजार में सुधार हो सकता है। चूंकि लार्जकैप स्टॉक्स का वैल्यूएशन अब सही स्तर पर आ गया है, इसलिए पिछले कुछ महीनों जैसी भारी बिकवाली की संभावना कम है। ऐसे में अगर वैश्विक परिस्थितियां अनुकूल रहीं, तो बाजार में बुल्स की वापसी की उम्मीद की जा सकती है।

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