धामी सकरार के नेतृत्व में धार्मिक पर्यटन को मिल रहे पंख, बीते चार सालों में ढाई गुना बढ़ी केदारनाथ मंदिर की आय

जानें क्या है आय के मुख्य स्त्रोत

चार सालों में ढाई गुना बढ़ी केदारनाथ मंदिर की आय

चार सालों में ढाई गुना बढ़ी केदारनाथ मंदिर की आय

साल 2019 में आई कोरोना महामारी ने दुनियाभर में पर्यटन पर निर्भर अर्थव्यवस्थाओं को बुरी तरह प्रभावित किया। भारत भी इस संकट से अछूता नहीं रहा, खासकर धार्मिक पर्यटन को इसका सबसे बड़ा झटका लगा। महामारी के चलते साल 2020 में केदारनाथ मंदिर की आय में ऐतिहासिक गिरावट देखी गई। जहां साल 2019 में मंदिर को 22 करोड़ रुपये से अधिक की आय प्राप्त हुई थी, वहीं इस बार यह घटकर महज दो करोड़ रुपये पर सिमट गई। कोविड-19 संक्रमण और प्रतिबंधों के प्रभाव के कारण 2021-22 में भी मंदिर की आय केवल 16.52 करोड़ रुपये तक ही पहुंच पाई।

हालांकि, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार के मजबूत प्रयासों ने हालात बदल दिए। पिछले चार वर्षों में केदारनाथ मंदिर की आय में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है। श्रद्धालुओं के दान, चढ़ावे और मंदिर की विभिन्न सेवाओं से प्राप्त राजस्व साल 2020-21 में जहां 22.04 करोड़ रुपये था, वहीं 2023-24 में यह बढ़कर 52.9 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह आंकड़ा न केवल मंदिर के धार्मिक महत्व को दर्शाता है, बल्कि राज्य सरकार के प्रयासों और हिंदू आस्था के प्रति जनता के गहरे विश्वास का प्रमाण भी है।

बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने साझा की जानकारी

उत्तराखंड के पवित्र केदारनाथ मंदिर की आय में पिछले चार वर्षों के दौरान 2.3 गुना वृद्धि दर्ज की गई है। यह जानकारी श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत दी गई रिपोर्ट में साझा की है। एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, नोएडा के आरटीआई कार्यकर्ता अमित गुप्ता द्वारा दायर आवेदन के जवाब में मंदिर समिति ने बताया कि वर्ष 2020-21 में केदारनाथ मंदिर की आय 22.04 करोड़ रुपये रही। हालांकि, कोरोना महामारी और उससे जुड़े प्रतिबंधों के चलते 2021-22 में यह घटकर 16.52 करोड़ रुपये पर आ गई।

उस समय सरकार ने मंदिर यात्रा के लिए निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य कर दी थी। साथ ही, मास्क पहनना और सामाजिक दूरी का पालन करना भी आवश्यक हो गया था। इन प्रतिबंधों के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी आई। इसके अलावा, प्रतिदिन दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या भी सीमित कर दी गई थी, जिसका सीधा असर मंदिर की आय पर पड़ा। लेकिन जैसे ही महामारी का असर कम हुआ और यात्रा प्रतिबंध हटाए गए, केदारनाथ धाम में भक्तों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली। इसका असर मंदिर के राजस्व पर भी साफ नजर आया। वर्ष 2022-23 में आय बढ़कर 29.67 करोड़ रुपये हो गई, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचते हुए 52.9 करोड़ रुपये के पार हो गया। यह न केवल भक्तों की अटूट आस्था का प्रमाण है बल्कि उत्तराखंड सरकार के धार्मिक पर्यटन को पुनर्जीवित करने के प्रयासों की सफलता को भी दर्शाता है।

भविष्य में आय में और वृद्धि की उम्मीद – मंदिर समिति

केदारनाथ मंदिर की आय का मुख्य स्रोत श्रद्धालुओं द्वारा दिए गए चढ़ावे और दान हैं। इसके साथ ही, दर्शन के लिए हेलिकॉप्टर सेवा का उपयोग करने वाले यात्रियों से लिया जाने वाला शुल्क भी मंदिर की आय में अहम योगदान देता है। मंदिर समिति का मानना है कि यदि चारधाम यात्रा की लोकप्रियता इसी तरह बनी रही और श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि होती रही, तो आने वाले वर्षों में केदारनाथ मंदिर की आय में और अधिक बढ़ोतरी की संभावना है। विशेष रूप से, कोविड महामारी के बाद तीर्थयात्राओं में आई तेजी ने मंदिर के राजस्व पर सकारात्मक प्रभाव डाला है, जिससे भविष्य में और बेहतर परिणामों की उम्मीद की जा रही है।

Exit mobile version