संगम में महिलाओं के नहाने के वीडियो बेचने वालों और पाकिस्तान-मिस्त्र के हादसों को कुंभ का बता अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ FIR

महाकुंभ FIR

महाकुंभ में महिलाओं के नहाने के वीडियो बेचने वालों के खिलाफ FIR

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार महाकुंभ को लेकर सतर्क और सजग रही है। इस दौरान कुंभ को लेकर कई तरह की अफवाहें सामने आई हैं। ऐसे में CM योगी के निर्देश पर पुलिस सोशल मीडिया पर भी कड़ी नजर बनाए हुए है। इसके चलते अब तक, अफवाह फैलाने वाले 101 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। इसके अलावा, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर कुंभ में स्नान करने वाली महिलाओं के वीडियो बेचने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।

दरअसल, महाकुंभ को बदनाम करने की लगातार साजिशें रची जा रही हैं। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले लोग भी सक्रिय हैं। कई तरह के अलग-अलग तथ्य या वीडियो के जरिए कुंभ को लेकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं। इस दौरान कई फर्जी वीडियो को महकुंभ का बताकर अफवाह फैलाई जा रही थी। इसको लेकर UP पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। इनमें से एक वीडियो मिस्त्र की राजधानी काहिरा का है।

मिस्त्र का यह वीडियो दिखाकर बताया जा रहा था कि महाकुंभ में भीषण आग लग गई है। इसके चलते 40-50 वाहनों के जलने की बात भी कही जा रही थी। हालांकि जांच में सामने आया कि यह वीडियो 2020 का है और काहिरा में पाइपलाइन में लगी आग के दौरान रिकॉर्ड किया गया था। इसको लेकर पुलिस ने FIR दर्ज की है।

वहीं, एक अन्य वडियो को लेकर कहा जा रहा था कि राष्ट्रवादी लोग महाकुंभ में आर्मी के जवानों के ऊपर चप्पल फेंक रहे हैं। हालांकि जब सच्चाई जानने की कोशिश की गई तो यह वीडियो बिहार की राजधानी का पटना निकला। पुष्पा 2 के प्रमोशन के दौरान जब लोगों ने उपद्रव किया था, यह वीडियो तब का था। इस मामलें में पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए 15 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

इसके अलावा, महाकुंभ मेला क्षेत्र में उत्तर प्रदेश फायर सर्विस द्वारा किये गए मॉक ड्रिल को दुर्घटना बताकर महाकुंभ में आग लगने की अफवाह फैलाई जा रही थी। इसके अलावा, नेपाल के एक वीडियो को भ्रामक रूप से महाकुंभ का बताकर यह अफवाह फैलाई जा रही थी कि ‘भगदड कांड में मारे गए लोगों के शव को परिजन पोस्टमार्टम हाऊस से कंधे पर शवों को लेकर जा रहे हैं, उनको कोई वाहन भी प्रशासन द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया है।’ इस मामले में भी पुलिस ने अफवाह फैलाने वाले तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की है।

इसके अलावा एक अन्य वीडियो में कहा जा रहा था कि महाकुंभ में मृतको के शवों को नदी में प्रवाहित कराया जा रहा है और जिनकी सांस चल रही है उनकी किडनी को निकाल कर उनके शवों को नदी में प्रवाहित कराया जा रहा है। इसके अलावा, संगम क्षेत्र में भीड़ का अत्यधिक दबाव बढ़ने के कारण श्रद्धालुओं को परेशानी से बचाने के लिए अखाड़ा मार्ग खोले जाने के समय के वीडियो को भ्रामक रूप से भगदड़ का वीडियो बताकर अफवाह फैलाई जा रही थी।

इतना ही नहीं, झारखण्ड के एक वीडियो को महाकुंभ का बताकर कहा जा रहा था कि प्रयागराज में अपने गुमशुदा परिजन की तलाश करने वाले श्रद्धालुओं की CM योगी की पुलिस द्वारा पिटाई की जा रही है। यह वीडियो भी पूरी तरह से फर्जी था।

इसके अलावा गाजीपुर में नदी के किनारे मिले शव से एक पुराने वीडियो को भ्रामक रूप से महाकुंभ का बताया जा रहा जा रहा था। साथ ही लिखा जा रहा था, ‘एक तरफ महाकुंभ प्रयागराज का डंका बजाया जा रहा है दूसरी तरफ उसी गंगा मे लाशे तैर रही है, झूठों मक्कारो बेशर्मो की सरकार चल रही है देश में।’ साथ ही उत्तराखण्ड के चम्पावत के एक वीडियो में महाकुंभ का नजारा लिखकर, यह दिखाने की कोशिश की जा रही थी कि महाकुंभ में झगड़ा हो गया है।

इसके अलावा कुंभ क्षेत्र में महिलाओं के स्नान करने व कपड़े बदलने के वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करने और बेचने को लेकर भी पुलिस ने FIR दर्ज की है। इंस्टाग्राम अकाउंट @neha1224872024 से महिलाओं के स्नान करते एवं कपड़े बदलते समय का अशोभनीय वीडियो को पोस्ट किया जा रहा था। वहीं,टेलीग्राम चैनल cctv CHANNEL 11 के द्वारा महाकुंभ में आईं महिलाओं के स्नान करते समय के वीडियो को बेचने का दावा किया जा रहा था। इसको लेकर भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।

कुल मिलाकर देखें तो महाकुंभ को लेकर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए UP पुलिस ने अब तक 101 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। 

 

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