जिस सदन से अपमानित कर निकाले गए थे, उसी सदन की सबसे ऊँची कुर्सी पर आसीन हुए विजेंद्र गुप्ता

जानें कैसा रहा है राजनीतिक सफर

Vijendra Gupta

Vijendra Gupta As Delhi Vidhansabha Speaker (Image Source:X)

एक कहावत तो आप सभी ने सुनी ही होगी— “समय बलवान होता है”, और ये कहावत एक बार फिर सच साबित हुई है। समय का पहिया ऐसा घूमा कि कभी सदन से बाहर निकाले गए विजेंद्र गुप्ता अब दिल्ली विधानसभा के स्पीकर चुने गए हैं । 2025 के दिल्ली चुनाव में रोहिणी सीट से जीत दर्ज करने के बाद उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी संभाल ली है। उनके निर्वाचन के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और रविंद्र इंद्राज ने प्रस्ताव रखा, जिसे ध्वनिमत से पारित किया गया। दिलचस्प बात यह रही कि उनके निर्वाचन के विरोध में किसी ने भी आवाज़ नहीं उठाई।

स्पीकर के आदेश पर निकाले गए थे बाहर, अब उसी कुर्सी पर वापसी

साल 2015 में दिल्ली विधानसभा में राजनीतिक माहौल काफी गर्म था। आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच टकराव अपने चरम पर था। उस दौरान आप विधायक अलका लांबा पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में भाजपा विधायक ओ.पी. शर्मा के खिलाफ कार्रवाई हुई, जिससे सदन में जमकर हंगामा मचा। हंगामे के बीच तत्कालीन स्पीकर राम निवास गोयल ने भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता को भी सदन छोड़ने का आदेश दिया, लेकिन उन्होंने जाने से इनकार कर दिया। इसके बाद मार्शल बुलाए गए, जिन्होंने जबरन उन्हें सदन से बाहर निकाला। गुप्ता ने खुद को कुर्सियों और टेबल से पकड़कर रोकने की कोशिश की, मगर मार्शलों ने आखिरकार उन्हें बाहर कर दिया।

जब विजेंद्र गुप्ता को उठाकर निकाला गया था सदन से बाहर(Image Source: X)

समय का पहिया ऐसा घूमा कि जिस सदन से अपमानित होकर निकाले गए थे, आज उसी सदन में विजेंद्र गुप्ता ने स्पीकर की सर्वोच्च कुर्सी पर बैठकर अपनी विजय की मुहर लगा दी। साल 2025 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की और इस जीत के साथ ही विजेंद्र गुप्ता को सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष के रूप में चुना गया है । पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा, “मैं इस जिम्मेदारी के लिए पार्टी का आभारी हूं और सदन में स्वस्थ व लोकतांत्रिक चर्चाओं को बढ़ावा देने का प्रयास करूंगा।”

आप की आंधी में भी खिलाया था कमल: राजनीतिक सफरनामा

दिल्ली विधानसभा के नए सत्र के शपथ ग्रहण के बाद, वरिष्ठ भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता को सर्वसम्मति से विधानसभा का स्पीकर चुना गया है। 14 अगस्त 1963 को जन्मे गुप्ता इस समय दिल्ली की रोहिणी विधानसभा सीट से विधायक हैं और भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सक्रिय सदस्य भी हैं। उनके राजनीतिक कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2015 के विधानसभा चुनाव में जब आम आदमी पार्टी की लहर के आगे लगभग सभी दल धराशायी हो गए थे, तब भी उन्होंने अपनी मजबूत पकड़ और जनता के विश्वास के दम पर रोहिणी सीट पर भाजपा का परचम लहराया। यही नहीं, चुनाव के बाद उन्हें दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी सौंपी गई।

बात करें अगर उनके राजनीतिक सफरनामे कि तो विजेंद्र गुप्ता का राजनीतिक सफर उनके दृढ़ संकल्प और संगठन के प्रति समर्पण का उदाहरण है। उन्होंने 1980 में जनता विद्यार्थी मोर्चा से राजनीति में कदम रखा और 1983 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के केशवपुरम जिले के अध्यक्ष बने। इसके बाद 1997 में उनके चुनावी करियर की शुरुआत हुई, जब उन्होंने एमसीडी चुनाव में पार्षद पद पर जीत दर्ज की। इसके बाद 1997-1998 और 2001-2002 के दौरान उन्होंने एमसीडी में कानून और कर मामलों की समिति के अध्यक्ष के रूप में अपने प्रशासनिक कौशल का परिचय दिया। रोहिणी से उन्होंने तीन बार नगरपालिका चुनाव में जीत हासिल की, और हर बार बड़े अंतर से जीतते हुए जनता का विश्वास बनाए रखा। उनके समर्पण को देखते हुए पार्टी ने 2002 में उन्हें दिल्ली भाजपा का सचिव नियुक्त किया।

2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने चांदनी चौक से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के खिलाफ मैदान में उतरकर भाजपा का परचम लहराने का प्रयास किया, हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद उनका राजनीतिक उत्साह कम नहीं हुआ। 2010 में पार्टी नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें दिल्ली भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त किया। 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने नई दिल्ली सीट से मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ा। हालांकि इस बार भी जीत हाथ नहीं लगी, लेकिन 2015 में उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और जनसंपर्क के दम पर रोहिणी सीट पर भाजपा को जीत दिलाई। उस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटें जीती थीं, लेकिन गुप्ता ने पार्टी का परचम बुलंद रखते हुए खुद को एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित किया।

2020 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने अपनी जीत का सिलसिला जारी रखते हुए आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को 12 हजार से अधिक वोटों के अंतर से पराजित किया। 2025 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने लगातार तीसरी बार रोहिणी सीट पर जीत हासिल करते हुए हैट्रिक पूरी की और अब उन्हें दिल्ली विधानसभा के स्पीकर के रूप में नई जिम्मेदारी सौंपी गई है।

 

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