पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद से कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। पहले गणतंत्र दिवस पर अमृतसर में संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर की मूर्ति पर हथौड़े से हमला हुआ था, और अब जालंधर के फिल्लौर में उनकी मूर्ति पर खालिस्तानी नारे लिखे जाने की शर्मनाक घटना सामने आई है। यह सिर्फ एक मूर्ति पर हमला नहीं, बल्कि बाबा साहेब के विचारों और संविधान की मूल आत्मा पर सीधा प्रहार है।
इस कुकृत्य से इलाके में तनाव बढ़ गया है, और बसपा नेताओं ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शिकायत दर्ज कराई है। लेकिन पुलिस अभी सिर्फ जांच के नाम पर औपचारिकता निभा रही है। आम आदमी पार्टी के कुशासन के चलते असामाजिक तत्वों के हौसले बढ़ रहे हैं, जिससे प्रदेश में अराजकता का माहौल बनता जा रहा है। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली घटनाओं की बढ़ती कड़ी इस बात का साफ संकेत है कि पंजाब में सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है।
खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने लिए जिम्मेदारी
खालिस्तानी आतंकी और प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू एक बार फिर अपनी नापाक हरकतों से पंजाब में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहा है। उसने एक वीडियो जारी कर जालंधर के फिल्लौर में बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति पर खालिस्तानी नारे लिखवाने की जिम्मेदारी ली है। वीडियो में वह खुलेआम स्वीकार कर रहा है कि यह कृत्य उसकी शह पर किया गया, जिससे यह साफ हो जाता है कि यह कोई सामान्य घटना नहीं, बल्कि सोची-समझी साजिश का हिस्सा है।
गणतंत्र दिवस पर अमृतसर में बाबा साहेब की मूर्ति पर हथौड़ा चलाने की घटना के बाद अब जालंधर में मूर्ति पर खालिस्तानी नारे लिखे जाने की वारदात ने सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या पंजाब में आतंकी मानसिकता को खुली छूट दी जा रही है? AAP सरकार में लगातार हो रही इन घटनाओं से यह संदेह गहराता जा रहा है कि क्या प्रशासन खालिस्तानी तत्वों पर कार्रवाई करने से बच रहा है?
पुलिस का बयान—अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज
इस मामले पर जालंधर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) गुरमीत सिंह ने कहा कि बाबा साहेब की मूर्ति शीशे से ढकी थी, जिस पर कुछ शरारती तत्वों ने नारे लिख दिए। पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के तहत प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर ली है।
SSP गुरमीत सिंह का बयान, “यह पंजाब की शांति भंग करने की साजिश है। कुछ लोगों को भड़काकर माहौल खराब किया जा रहा है, लेकिन पुलिस ने अहम सुराग जुटा लिए हैं और जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा।”
घटना के बाद इलाके में तनाव
ईद के मौके पर हुई इस घटना ने इलाके में तनाव पैदा कर दिया है। पुलिस ने मूर्ति पर लिखे नारे तुरंत हटा दिए, लेकिन सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने से मामला और गरम हो गया है। फिल्लौर और नंगल गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है।
इस घटना को लेकर दलित समुदाय में जबरदस्त आक्रोश है। समुदाय के नेताओं ने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर बाबा साहेब का अपमान दोबारा हुआ, तो राज्यव्यापी आंदोलन होगा। उन्होंने आरोपियों पर राष्ट्रद्रोह और सख्त धाराओं में कार्रवाई की मांग की है। एक दलित नेता ने कहा, “यह सिर्फ मूर्ति पर लिखे नारे नहीं हैं, बल्कि हमारे संविधान और लोकतंत्र पर हमला है। अगर सरकार दोषियों को जल्द नहीं पकड़ती, तो हम सड़कों पर उतरेंगे।”