ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट फॉर द इम्पैक्ट ऑफ फेथ इन लाइफ (IIFL) की नई रिसर्च में सामने आया है कि किसी अन्य मजहब की तुलना में हिंदू धर्म के लोग पर्यावरण संरक्षण का अधिक ध्यान रखते हैं। रिसर्च कर रहे लोगों ने ब्रिटेन में रहने वाले मुस्लिमों, ईसाइयों और हिंदुओं के बीच जाकर उनसे बात की। इस दौरान सामने आया कि हिंदू मानते हैं कि प्रकृति के कण-कण में ईश्वर का वास है। इसलिए वे पर्यावरण संरक्षण में किसी अन्य की तुलना में कहीं अधिक आगे रहते हैं।
इंस्टीट्यूट फॉर द इम्पैक्ट ऑफ फेथ इन लाइफ (IIFL) की रिसर्च में यह भी सामने आया है कि 64% हिंदू रिवाइल्डिंग यानी पर्यावरण को नया रूप देने में जुटे हुए हैं। वहीं, 78% हिंदू पर्यावरण संरक्षण के लिए अपनी आदतों को बदलने के भी तैयार हैं। इतना ही नहीं, 44% हिंदू ऐसे हैं जो पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहे संगठनों से जुड़े हुए हैं।
इस रिसर्च में शामिल अमांडा मुर्जन कहती हैं कि हिंदुओं का मानना है कि पर्यावरण की प्रत्येक वस्तु दूसरी वस्तु से जुड़ी हुई है। साथ ही प्रकृति सिर्फ एक संसाधन नहीं है, बल्कि वे इसे पवित्र मानते हुए पूजते भी हैं। हिंदुओं का यह विश्वास है कि ईश्वर हर चीज में है। वे सभी चीजों को मानवता से जोड़ कर देखते हैं। इससे पर्यावरण संरक्षण को बल मिलता है।
वहीं इस रिसर्च में यह सामने आया कि 92% मुस्लिम और 82% ईसाई यह मानते हैं कि उनके मजहब में पर्यावरण की रक्षा करने की बात कही गई है। हालांकि सभी मुस्लिम व ईसाई पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे नहीं आते। इतना ही नहीं, 31% ईसाई जलवायु परिवर्तन की बात से ही इनकार करते हैं। साथ ही 42% ईसाइयों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन पर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं, उन्हें लगता है कि भगवान स्वयं ही सब कुछ ठीक कर देंगे।