नागपुर के दंगाइयों के बचाव में उतरे राजदीप सरदेसाई

राजदीप ने कहा कि औरंगजेब की कब्र हटाना था, तो जवाब के लिए भी तैयार रहते

राजदीप सरदेसाई नागपुर

नागपुर के दंगाइयों के बचाव में उतरे राजदीप सरदेसाई

राजदीप सरदेसाई कहने के लिए तो पत्रकार हैं। लेकिन अक्सर वह ऐसे काम करते नजर आते हैं जो एक पत्रकार को कभी नहीं करने चाहिए। यह इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि राजदीप ने नागपुर में हुई हिंसा को उचित ठहराने और लोगों को उकसाने कोशिश की है। सीधे शब्दों में कहें तो राजदीप ने एक बार फिर आग में घी डालने का काम किया है।

दरअसल, 17 मार्च को नागपुर में हिंसा भड़क उठी थी। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो हजारों हथियार बंद और नकाबपोश दंगाइयों ने कई घंटों तक नागपुर की सड़कों पर आतंक फैलाया था। इस दौरान आगजनी, पथराव, तोड़फोड़ समेत कई तरह की आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया गया। यह घटना क्यों हुई और कैसे हुई, यह जांच का विषय है। लेकिन राजदीप ने इस घटना को औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग से जोड़ते हुए लोगों को उकसाने की कोशिश की।

राजदीप सरदेसाई का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। Video में राजदीप ने कहा है कि यदि आप औरंगजेब की कब्र को ध्वस्त करना चाहते हैं तो फिर आपको इससे होने वाली प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहना चाहिए था। 

राजदीप के यह कहने का सीधा मतलब यही है कि यदि इस्लामी आक्रांता औरंगजेब की कब्र तोड़ने की सोचते हैं तो उसके बाद हिंसा होगी या ऐसी ही कोई गतिविधि होगी और इसके लिए सबको तैयार रहना चाहिए था। शायद राजदीप यह भूल गए कि किसी ने भी औरंगजेब कि कब्र को तोड़ने की कोशिश की नहीं की, बल्कि इसके लिए VHP और बजरंग दल द्वारा सरकार को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की गई थी। इसके बाद कारसेवा कर कब्र हटाने के लिए कहा था।

यहां यह भी साफ है कि श्रीराम जन्मभूमि में हुई कारसेवा के दौरान हिन्दू पक्ष के द्वारा किसी भी प्रकार की ऐसी गतिविधि नहीं की गई थी, जिससे जनमानस को नुकसान पहुंचे। ऐसे में यदि औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग करने या कारसेवा करने की बात कहने पर ही हिंसा होगी या दंगे भड़काए जाएंगे तो फिर कब्र हटाने के बाद क्या होगा यह तो सोचने वाली ही बात होगी।

गौरतलब है कि राजदीप सरदेसाई पर इससे पहले भी हिंसा भड़काने की कोशिश करने का आरोप लग चुका है। दरअसल, कृषि कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे लोगों जब लाल किले के आसपास के क्षेत्र में ट्रैक्टर रैली निकाल रहे थे, तब राजदीप ने ट्वीट कर दिल्ली पुलिस पर एक युवक को गोली मारने का आरोप लगाया था। यह आरोप पूरी तरह से झूठ था, क्योंकि युवक की मौत सड़क दुर्घटना में हुई थी। कथित तौर पर राजदीप के इस ट्वीट के चलते ही लाल किले के पास हिंसा भड़क उठी थी। इसके बाद राजदीप के खिलाफ FIR भी दर्ज की गई थी। इसके अलावा भी कई बार राजदीप भड़काऊ और झूठी खबरें शेयर करते रहे हैं।

 

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