डअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और अमेरिका के बीच चल रही टैरिफ वार्ता के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर तारीफ की है। ट्रंप न्यू जर्सी की अटॉर्नी एलिना हब्बा के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे और उन्होंने पीएम मोदी को अपना अच्छा दोस्त और महान प्रधानमंत्री बताया है। साथ ही, ट्रंप ने भारत-अमेरिका के बीच चल रही टैरिफ वार्ता को लेकर भी आशा व्यक्त की है। कुछ दिनों पहले अमेरिकी अधिकारियों ने कहा था कि भारत को उन देशों के क्लब से बाहर रखा जाएगा जिन्हें पारस्परिक टैरिफ (reciprocal tariff) का बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने मोदी को लेकर क्या कहा?
डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हाल ही में यहां आए थे और हम हमेशा से बहुत अच्छे दोस्त रहे हैं। हालांकि, इस दौरान ट्रंप ने भारत द्वारा ज्यादा टैरिफ लगाए जाने से जुड़े अपने पुराने बयानों को फिर दोहराते हुए कहा, “भारत दुनिया में सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में शामिल है। भारतीय बहुत होशियार हैं। पीएम मोदी भी बहुत स्मार्ट व्यक्ति हैं और मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं।” उन्होंने कहा, “हमारी बातचीत बहुत अच्छी रही। मुझे लगता है कि भारत और हमारे देश के बीच बहुत अच्छी बातचीत होगी। और मैं यह कहना चाहता हूं कि आपके (भारत) पास एक महान प्रधानमंत्री है।”
टैरिफ पर क्या बोले थे ट्रंप?
ट्रंप भारत द्वारा ‘अधिक टैरिफ’ लगाए जाने को लेकर लंबे समय से मुखर रहे हैं और वे इससे पहले भी भारत की आलोचना कर चुके हैं। ट्रंप ने कहा था, “भारत के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं लेकिन भारत के साथ मेरी एक समस्या यह है कि वे दुनिया में सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक हैं। मेरा मानना है कि वे शायद उन टैरिफ को काफी हद तक कम कर देंगे लेकिन 2 अप्रैल को हम उनसे वही टैरिफ वसूलेंगे जो वे हमसे वसूलते हैं।” ट्रंप ने कहा, “आप भारत में कुछ भी नहीं बेच सकते, यह लगभग प्रतिबंधात्मक है। वैसे वे (भारत) इस बात पर सहमत हो गए हैं कि वे अब अपने टैरिफ में कटौती करना चाहते हैं क्योंकि आखिरकार कोई उन्हें उनके किए की पोल खोल रहा है।”
ट्रंप ने कई बार भारत की व्यापार नीतियों पर तंज़ किया और वे भारत को टैरिफ किंग तक बता चुके हैं। हालांकि, वे लगातार पीएम मोदी के नेतृत्व की तारीफ करते हैं। ट्रंप दुनिया में भारत की बढ़ती हुई साख को समझते हैं और उन्होंने अब तक भारत के खिलाफ कनाडा, चीन और मैक्सिको की तरफ बेहद सख्त राजनीतिक बयानबाज़ी करने या भारत के साथ आर्थिक संबंधों को खराब करने से परहेज किया है। दूसरी और भारत ने तनाव को बढ़ाने के बजाय इसे सुलझाने पर बल देते हुए कई नीतिगत कदम उठाए हैं जिससे दोनों देशों के परस्पर संबंधों में कोई कड़वाहट नज़र नहीं आई है।