मनुष्यों की लंबाई और उनके शरीर को लेकर वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध से यह साबित हो चुका है कि समय के साथ धीरे-धीरे लंबाई घटती जा रही है। अब तक प्राप्त कई नर कंकालों से भी इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि पुरातन काल में मनुष्यों की लंबाई कई फीट तक अधिक होती थी। साल 2024 में अमेरिका के नेवादा प्रांत में मिला 10 फीट लंबा मानव कंकाल भी इस बात का प्रमाण है। लेकिन अब सामने आई केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार के बच्चों की लंबाई घट रही है।
दरअसल, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री साबित्री ठाकुर ने बुधवार (27 मार्च, 2025) को राज्यसभा में कहा है कि बिहार के बच्चों में ठिगनापन यानी लंबाई ना बढ़ने की समस्या बढ़ती जा रही है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि बिहार के बच्चों में पहले के मुकाबले दुपलापन और वजन में कमी की शिकायत दूर हो रही है।
साबित्री ठाकुर ने कहा है कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) और पोषण ट्रैकर के आंकड़े बताते हैं कि पूरे देश में बच्चों के कुपोषण में कमी देखने को मिल रही है। बिहार की बात करें तो, NFHS-5 ( 2019-21) रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक, 5 वर्ष से कम उम्र के 42.9 प्रतिशत बच्चों की लंबाई औसत से कम थी, यानी कि उनकी लंबाई वैसे नहीं बढ़ रही है, जैसी बढ़नी चाहिए थी। यह ठिगनापन की समस्या बढ़ने का संकेत है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बिहार में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में दुबलेपन की शिकायत में कमी देखने को मिली है।
क्या हैं ठिगनापन के कारण
- यदि परिवार में किसी को ठिगनापन (लंबाई ना बढ़ने की समस्या) है, तो परिवार के अन्य सदस्यों में यह विकार होने की संभावना अधिक हो सकती है। यानी कि लंबाई ना बढ़ने के आनुवंशिक कारण हो सकते हैं।
- मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे कि अवसाद या अधिक चिंता भी ठिगनापन का कारण हो सकती है।
- पोषण आहार की कमी के कारण भी शरीर में कई कमियां आ सकती हैं, ठिगनापन भी उनमें से एक है।
- खेलकूद ज्यादा न करने वाले बच्चों की लंबाई भी आमतौर पर कम देखने को मिलती है। इसलिए बच्चों को फिजिकल एक्टिविटी करने की सलाह दी जाती है।